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कटिहार में खुलेआम जारी है जुगाड़ गाड़ी का परिचालन, अफसर कर रहे अनदेखी

इस मामले पर जब कटिहार के जिला परिवहन अधिकारी अर्जुन प्रताप से पूछा गया तो उन्होंने सवाल को सिरे से खारिज कर दिया.

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Published : Jul 10, 2019, 8:35 AM IST

जुगाड़ गाड़ी

कटिहारः जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनी गाड़ियों पर रोक के बावजूद जिले में इसका इस्तेमाल खुलेआम हो रहा है. वहीं, जिला परिवहन पदाधिकारी का कहना है कि उनके जिले में इस तरह के वाहन नहीं चलते हैं. जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बने वाहन कानूनी तौर पर अवैध हैं. लेकिन पदाधिकारी के इस दावे की पोल उन्हीं के कार्यालय में खुल रही है.

क्या बोले परिवहन अधिकारी
दरअसल, जिला परिवहन कार्यालय के ऑफिस प्रीमेसेज में ही जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनी गाड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा था. यहां खराब बाइक को जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनी गाड़ी पर चढ़ाया जा रहा था, ताकि इसे गंतव्य तक पहुंचाया जा सके. इस मामले पर जब कटिहार के जिला परिवहन अधिकारी अर्जुन प्रताप से पूछा गया तो उन्होंने सवाल को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि जिले में कहीं भी इस तरह के वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा है. हमारी नजर अभी तक ऐसी गाड़ियों पर नहीं पड़ी है. अगर ऐसा है तो उसे रोका जाएगा.

खुलेआम जारी है जुगाड़ गाड़ी का परिचालन

अवैध है ऐसी गाड़ियों का उपयोग
मालूम हो कि राज्य सरकार ने बाइकों के कल-पुर्जों से तैयार इस तरह की जुगाड़ गाड़ियों के परिचालन को अवैध करार दिया है. क्योंकि इस तरह के वाहन ना तो सरकार को राजस्व अदा करते हैं और ना ही इस वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस किसी चालक के पास होता है. इसका बीमा और निबन्धन भी नहीं होता है. साथ ही काले धुंए छोड़ने के कारण यह वाहन पर्यावरण के लिये भी हानिकारक है.

कटिहारः जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनी गाड़ियों पर रोक के बावजूद जिले में इसका इस्तेमाल खुलेआम हो रहा है. वहीं, जिला परिवहन पदाधिकारी का कहना है कि उनके जिले में इस तरह के वाहन नहीं चलते हैं. जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बने वाहन कानूनी तौर पर अवैध हैं. लेकिन पदाधिकारी के इस दावे की पोल उन्हीं के कार्यालय में खुल रही है.

क्या बोले परिवहन अधिकारी
दरअसल, जिला परिवहन कार्यालय के ऑफिस प्रीमेसेज में ही जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनी गाड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा था. यहां खराब बाइक को जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनी गाड़ी पर चढ़ाया जा रहा था, ताकि इसे गंतव्य तक पहुंचाया जा सके. इस मामले पर जब कटिहार के जिला परिवहन अधिकारी अर्जुन प्रताप से पूछा गया तो उन्होंने सवाल को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि जिले में कहीं भी इस तरह के वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा है. हमारी नजर अभी तक ऐसी गाड़ियों पर नहीं पड़ी है. अगर ऐसा है तो उसे रोका जाएगा.

खुलेआम जारी है जुगाड़ गाड़ी का परिचालन

अवैध है ऐसी गाड़ियों का उपयोग
मालूम हो कि राज्य सरकार ने बाइकों के कल-पुर्जों से तैयार इस तरह की जुगाड़ गाड़ियों के परिचालन को अवैध करार दिया है. क्योंकि इस तरह के वाहन ना तो सरकार को राजस्व अदा करते हैं और ना ही इस वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस किसी चालक के पास होता है. इसका बीमा और निबन्धन भी नहीं होता है. साथ ही काले धुंए छोड़ने के कारण यह वाहन पर्यावरण के लिये भी हानिकारक है.

Intro:.........बिहार के निजाम नीतीश कुमार के राज में इनके अधिकारी झूठ बोलने में तनिक भी नहीं करते हैं गुरेज......। एक थी सफेद झूठ लेकिन यह बाबू तो उससे भी आगे निकल चुके हैं । कटिहार के जिला परिवहन पदाधिकारी खुलेआम नियमों का हवाला देते हुए बताते हैं कि उनके जिले में नहीं चलती हैं जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बने वाहन क्योंकि यह कानूनन अवैध हैं लेकिन वादों की पोल उन्हीं के कार्यालय में कैसे खुल रही हैं जरा आप खुद दीदार करें और देखें बाबू इसपर क्या बोल रहे हैं .......।


Body:यह दृश्य कटिहार जिला परिवहन कार्यालय का हैं जहाँ ऑफिस प्रीमेसेज में जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बने गाड़ी पर खराब बाइक को चढ़ाया जा रहा हैं ताकि इसे गंतव्य तक पहुँचाया जा सकें । इस बात की तस्वीर कैमरे में कैद होने के बाद जब हमने कटिहार के जिला परिवहन अधिकारी अर्जुन प्रताप से जिले में अवैध जुगाड़ गाड़ी के खिलाफ हो रहे कार्रवाई पर जबाब माँगा तो उन्होंने सिरे से सवाल को खारिज करते हुए बताया कि जिले में कहीं भी इस तरह के वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा हैं लेकिन अब आप ही देखिये , कैमरा झूठ नहीं बोलता और जो हो रहा हैं , उसपर अधिकारी क्या बोल रहे हैं....। जरा खुद ही बताइये कि कैमरा और अधिकारी दोनों में से झूठ कौन बोल रहा हैं .......।

राज्य सरकार ने बाइकों के कल - पुर्जों से तैयार इस तरह के जुगाड़ गाड़ियों के सूबे में परिचालन को अवैध कर रखा हैं क्योंकि इस तरह के वाहन ना तो किसी तरह की सरकार को राजस्व ही अदा करते हैं और ना ही इस वाहन के किसी चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस और बीमा और निबन्धन ही होता हैं साथ ही काले धुँए छोड़ने के कारण यह वाहन पर्यावरण के लिये भी हितकर नहीं हैं .......।


Conclusion:कहतें हैं कि साँच को आँच क्या लेकिन यहाँ तो अधिकारी सत्य को ही सिरे से झुठला रहें हैं .....। अब तो हम इतना ही कहेगें कि जय हो नीतीश कुमार सरकार की और जय हों उनके अधिकारी बाबुओं की ........।
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