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राजधानी में मरीज को मरते देखा है, लम्बी दूरी की ट्रेन में हो डॉक्टर की तैनातीः RJD सांसद

लम्बी दूरी की ट्रेनों में होने वाली असुविधाओं पर राजद सांसद ने रेल मंत्रालय से मेडिकल सुविधा की मांग की है. सासंद के मुताबिक राजधानी दिल्ली पहुंचने में दो दिन लग जाते हैं. ऐसे में कई लोग डॉक्टर और दवाईयां के अभाव में अपनी जान गंवा देते हैं.

सांसद अहमद अशफाक करीम
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Published : Sep 8, 2019, 1:45 PM IST

कटिहारः राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम ने रेल मंत्रालय से लम्बी दूरी की ट्रेन में स्वास्थ्य मुहैया कराने की मांग की है. कटिहार में राजद सांसद ने लोगों की असुविधाओं को देखते हुए ट्रेन में डॉक्टर की तैनाती और दवाईयों की उपलब्धता की मांग की. सांसद ने कहा है कि राजधानी एक्सप्रेस और प्रीमियम गाड़ियों में डॉक्टर और दवाइयां रहनी चाहिए, ताकि इमरजेंसी होने पर यात्रियों को मदद मिल सके.

रेल मंत्रालय से मांग करते RJD सांसद

मेंटल प्रेशर झेलते हैं यात्री
डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का उदाहरण देते हुए सांसद ने कहा कि यात्रियों की तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों की कोई सुविधा नहीं हैं. ऐसी स्थिति में ट्रेन सुपरिटेंडेंट हाय-तौबा मचाकर अगले स्टेशन मैनेजर को इन्फॉर्म करता है. अगले स्टेशन पर एम्बुलेन्स के जरिए पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया जाता हैं. साथ सफर करने वाले सहयात्री या परिजन भी परेशान रहते हैं. सुविधा नहीं होने पर मेंटल प्रेशर से गुजरना पड़ता है. सांसद ने कहा कि ऐसी हालत में ट्रेन में मरीज को मरते देखा है.

rajdhani express
राजधानी एक्सप्रेस

बच सकती है मरीज की जान
सांसद ने बताया कि डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का सफर दो रात और एक दिन का है. ऐसे में किसी की अचानक तबीयत बिगड़ने पर मरीज अगले स्टेशन आने तक भगवान भरोसे रहता है. यदि जीवनरक्षक ड्रग और डॉक्टर उपलब्ध रहे तो मरीजों की जान बचायी जा सकती हैं. ट्रेन में मेडिकल सुविधा की मांग जनसरोकार से जुड़ा हुआ मामला है. इससे ज्यादा से ज्यादा फायदा यात्रियों को होगा.

कटिहारः राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम ने रेल मंत्रालय से लम्बी दूरी की ट्रेन में स्वास्थ्य मुहैया कराने की मांग की है. कटिहार में राजद सांसद ने लोगों की असुविधाओं को देखते हुए ट्रेन में डॉक्टर की तैनाती और दवाईयों की उपलब्धता की मांग की. सांसद ने कहा है कि राजधानी एक्सप्रेस और प्रीमियम गाड़ियों में डॉक्टर और दवाइयां रहनी चाहिए, ताकि इमरजेंसी होने पर यात्रियों को मदद मिल सके.

रेल मंत्रालय से मांग करते RJD सांसद

मेंटल प्रेशर झेलते हैं यात्री
डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का उदाहरण देते हुए सांसद ने कहा कि यात्रियों की तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों की कोई सुविधा नहीं हैं. ऐसी स्थिति में ट्रेन सुपरिटेंडेंट हाय-तौबा मचाकर अगले स्टेशन मैनेजर को इन्फॉर्म करता है. अगले स्टेशन पर एम्बुलेन्स के जरिए पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया जाता हैं. साथ सफर करने वाले सहयात्री या परिजन भी परेशान रहते हैं. सुविधा नहीं होने पर मेंटल प्रेशर से गुजरना पड़ता है. सांसद ने कहा कि ऐसी हालत में ट्रेन में मरीज को मरते देखा है.

rajdhani express
राजधानी एक्सप्रेस

बच सकती है मरीज की जान
सांसद ने बताया कि डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का सफर दो रात और एक दिन का है. ऐसे में किसी की अचानक तबीयत बिगड़ने पर मरीज अगले स्टेशन आने तक भगवान भरोसे रहता है. यदि जीवनरक्षक ड्रग और डॉक्टर उपलब्ध रहे तो मरीजों की जान बचायी जा सकती हैं. ट्रेन में मेडिकल सुविधा की मांग जनसरोकार से जुड़ा हुआ मामला है. इससे ज्यादा से ज्यादा फायदा यात्रियों को होगा.

Intro:.....राज्यसभा सदस्य अहमद अशफ़ाक करीम ने रेल मंत्रालय से माँग किया हैं कि लम्बी दूरी सफर करने में वाली ट्रेनों में यात्री सुविधा के रूप में डॉक्टर की तैनाती की जाये ....। खासकर राजधानी एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम गाड़ियों में , जीवनरक्षक ड्रग्स रहनी चाहिये ताकि इमरजेंसी होने पर यात्रियों को इसकी मदद मिल सकें.....।


Body:कटिहार में मीडिया से रु - ब- रु होते हुए राज्यसभा सदस्य अहमद अशफ़ाक करीम ने बताया कि लम्बी दूरी तय करने वाले रेलगाडियों में यात्री सुविधा के रूप में डॉक्टर की तैनाती की जाये । खासकर गुवाहाटी से नई दिल्ली दौड़ने वाली राजधानी एक्सप्रेस में .....। उन्होंने बताया कि वह ऐसा इसलिये माँग कर रहे हैं कि अब तक चलती ट्रेन में यात्रियों की तबियत बिगड़ने पर डॉक्टरों की कोई सुविधा नहीं हैं । जब किसी यात्री की सफर के दौरान तबीयत बिगड़ जाती हैं तो ट्रेन सुपरिटेंडेंट हाय - तौबा मचाकर अगली स्टेशन मैनेजर को इन्फॉर्म करता हैं और जब ट्रेन अगली स्टेशन पहुँचती हैं तो एम्बुलेन्स के जरिये पीड़ित को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया जाता हैं । इसके बाद परिजनों को इसकी खबर दी जाती है । यदि पीड़ित यात्री के साथ कोई अन्य हमसफर रहता हैं तो उसकी हालात और भी दयनीय हो जाती हैं । काफी मेंटल प्रेशर बढ़ जाता हैं । यदि कोई हमसफर नहीं होता हैं तो परिजन सूचना पर जैसे - तैसे भागे - भागे जैसे - तैसे पीड़ित तक पहुँचते हैं । इस सब के दौरान काफी समय बेकार चला जाता हैं जिसमे मरीज को कुछ मदद मिल सकती थी । खुदा ना खास्ता , बदनसीबी रही तो मरीज की कभी - कभी जान भी चली जाती हैं ....। साँसद अहमद अशफ़ाक करीम ने बताया कि डिब्रूगढ़ से नई दिल्ली के बीच दौड़ने वाली राजधानी एक्सप्रेस को सफर तय करने में दो रात और एक दिन लग जाता हैं । इस दौरान किसी की अचानक तबियत बिगड़ जाये तो मरीज अगले स्टेशन आने और सिस्टम के भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता हैं जिससे परिजनों को काफी दिक्कतें होती हैं ......। यदि जीवनरक्षक ड्रग्स और डॉक्टर मौके पर उपलब्ध रहेंगे तो मरीजों की जान बचायी जा सकती हैं ......।


Conclusion:चलती ट्रेन में मेडिकल सुविधा की माँग जनसरोकार से जुड़ा हुआ मामला प्रतीत होता हैं क्योंकि इससे ज्यादा से ज्यादा फायदा यात्रियों को होगा लेकिन अब सवाल उठता हैं कि जहाँ सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की बेहद कमी हैं तो वहाँ दूसरी ओर ट्रेनों में डॉक्टर की माँग करना कितना प्रासंगिक हैं , एक ट्रेन रहे तो यह जरूरत पूरा किया भी जा सकता हैं लेकिन जब लम्बी दूरी की सैकड़ों ट्रेनें हैं तो किस - किस में डॉक्टर की तैनाती क्या मुमकिन हैं । यह तो आने वाला समय ही बतायेगा कि रेल मंत्रालय साँसद की माँगों पर क्या जबाब देता हैं .....।
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