कटिहार: बिहार के कटिहार मेडिकल कॉलेज (Katihar Medical College) के चेयरमैन और आरजेडी से राज्यसभा सदस्य अहमद अशफाक करीम ( RJD MP Ahmad Ashfaq Karim ) के घर सीबीआई का छापा पड़ा (Raid At RJD MP House In Katihar) है. इस दौरान मेडिकल कॉलेज स्थित आशियाने के बाहर बड़े संख्या में सीआरपीएफ के जवान तैनात किये गये हैं. गेस्ट हाउस के बाहर भी सीआरपीएफ जवान तैनात हैं. बताया जा रहा हैं कि सीबीआई के आठ सदस्यीय अधिकारियों की टीम घर के अंदर तलाशी ले रही है.
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कटिहार में RJD MP के यहां CBI का छापा : सीबीआई छापे के दौरान किसी भी व्यक्ति को अंदर से बाहर और बाहर से अंदर जाने पर सख्त पाबंदी है. छापेमारी किस मामले को लेकर हो रही है और अब तक छापेमारी के दौरान क्या-क्या इनपुट मिले, इसपर कोई कुछ नहीं बता रहा है. बता दें कि राजद सांसद डॉ अहमद अशफाक करीम राष्ट्रीय जनता दल के कोषाध्यक्ष भी हैं. फिलहाल सीबीआई अधिकारियों की तफ्तीश जारी है.
सुबह से हो रही है छापेमारी : आरजेडी एमएलसी और बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम, आरजेडी सांसद फैयाद अहमद, पूर्व एमएलसी सुबोध राय और पूर्व विधायक अबू दुजाना के ठिकानों पर रेड (CBI Raids On RJD Leaders Residence In Bihar) पड़ी है. सुनील सिंह आरजेडी के एमएलसी भी हैं. केन्द्रीय एजेंसी ने यह कार्रवाई नौकरी के बदले जमीन के मामले को लेकर की है.
RJD नेता सुनील कुमार सिंह के घर पर छापा : आरजेडी नेता सुनील कुमार सिंह के ठिकाने पर अचानक सीबीआई की छापेमारी शुरू हो गई. सुनील कुमार सिंह पार्टी के कोषाध्यक्ष भी हैं. सुनील कुमार सिंह लालू परिवार के करीबी भी माने जाते हैं. सीबीआई ने यह रेड जेडी विमेंस कालेज के पास स्थित एक अपार्टमेंट में की है, जहां पर सुनिल सिंह रहते हैं. सीबीआई की कार्रवाई की खबर सुनते ही सुनील कुमार के सैकड़ों समर्थक उनके घर के बाहर पहुंच गए हैं और सीबीआई के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर करने लगे.
तेजस्वी के गुरुग्राम स्थित मॉल पर रेड : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के गुरूग्राम स्थित अर्नब क्यूब्स मॉल में भी बुधवार को सीबीआई ने छापेमारी की है. जानकारी के अनुसार, इस मॉल में तेजस्वी यादव की हिस्सेदारी है. ये मामला भी नौकरी के बदले जमीन से जुड़ा बताया जा रहा है. दरअसल, आरोप ये है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तो उस दौरान उन्होंने रेलवे में नौकरी के बदले कई जगहों पर जमीन लिखवाई थी. इसमें आरोप है कि तेजस्वी यादव के नाम भी कई जमीन लिखवाई गई थी. हालांकि, तेजस्वी उस वक्त नाबालिग थे.