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कटिहार: अलाव की चिंगारी से साड़ी में लगी आग, 50 फीसदी जली हालत में अस्पताल में भर्ती

सोनी देवी ठण्ड से निजात पाने के लिये घर में लकड़ी का अलाव जलायी हुई थी कि अचानक आग की चिंगाड़ी साड़ी के पल्लू में जा लगा और पूरे बदन में आग फैल गयी.

People are burnig in fire to avoid cold in katihar
ठण्ड से बचने के लिये जलने वाले अलाव में रोज झुलस रहे लोग
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Published : Jan 8, 2020, 11:47 AM IST

कटिहार: जिले में शीतलहर का सितम जारी है. ठंड के साथ चल रही सर्द हवाओं के कारण जहां तापमान निचले स्तर पर पहुंच गया हैं. वहीं कनकनी बढ़ने के कारण लोग शाम ढलते ही घरों में दुबक जाते हैं. दूसरी ओर घरों में ठंड से बचने के लिये जलने वाले अलाव में रोज लोग झुलस रहे हैं. पीड़ितों में महिलाओं की तादाद ज्यादा होती है. क्योंकि टेरीकॉटन कपड़े पहनने के कारण इसमें तेजी से आग पकड़ती है. जब तक कोई आग बुझाने आता है, तब तक वो पचास फीसदी से अधिक जल चुके होते हैं.

पचास फीसदी जली महिला
कटिहार सदर अस्पताल में भर्ती सोनी देवी भी आग की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गईं. परिजनों के मुताबिक सोनी देवी ठण्ड से निजात पाने के लिये घर में लकड़ी का अलाव जलायी हुईं थी कि अचानक आग की चिंगाड़ी साड़ी के पल्लू में जा लगी और पूरे बदन में आग लग गई. आनन-फानन में सोनी के परिवार वाले उसे नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिये ले गए. लेकिन तब तक पीड़िता पचास फीसदी से ज्यादा झुलस चुकी थी. जिसके बाद चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिये पीड़िता को कटिहार सदर अस्पताल भेज दिया.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: बेतिया: किसानों ने सोलर ऊर्जा से शुरू की खेती, नई मुहिम की चौतरफा हो रही है सराहना

सदर अस्पताल किया गया रेफर
परिजन फूल कुमार रॉय ने बताया कि आग सेंकने के कारण ऐसा हुआ है. पहले प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया. लेकिन हालत नाजुक देखते हुए डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. जिले में ठण्ड से बचने के लिये आग में झुलसने का यह कोई पहला मामला नहीं है. बल्कि रोजाना सदर अस्पताल में ऐसे कई मामले सामने आते हैं. इनमें कई मामले तो ऐसे होते हैं, जिसमे पीड़ित की इलाज के दौरान मौत हो जाती है.

कटिहार: जिले में शीतलहर का सितम जारी है. ठंड के साथ चल रही सर्द हवाओं के कारण जहां तापमान निचले स्तर पर पहुंच गया हैं. वहीं कनकनी बढ़ने के कारण लोग शाम ढलते ही घरों में दुबक जाते हैं. दूसरी ओर घरों में ठंड से बचने के लिये जलने वाले अलाव में रोज लोग झुलस रहे हैं. पीड़ितों में महिलाओं की तादाद ज्यादा होती है. क्योंकि टेरीकॉटन कपड़े पहनने के कारण इसमें तेजी से आग पकड़ती है. जब तक कोई आग बुझाने आता है, तब तक वो पचास फीसदी से अधिक जल चुके होते हैं.

पचास फीसदी जली महिला
कटिहार सदर अस्पताल में भर्ती सोनी देवी भी आग की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गईं. परिजनों के मुताबिक सोनी देवी ठण्ड से निजात पाने के लिये घर में लकड़ी का अलाव जलायी हुईं थी कि अचानक आग की चिंगाड़ी साड़ी के पल्लू में जा लगी और पूरे बदन में आग लग गई. आनन-फानन में सोनी के परिवार वाले उसे नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिये ले गए. लेकिन तब तक पीड़िता पचास फीसदी से ज्यादा झुलस चुकी थी. जिसके बाद चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिये पीड़िता को कटिहार सदर अस्पताल भेज दिया.

देखें ये रिपोर्ट

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सदर अस्पताल किया गया रेफर
परिजन फूल कुमार रॉय ने बताया कि आग सेंकने के कारण ऐसा हुआ है. पहले प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया. लेकिन हालत नाजुक देखते हुए डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. जिले में ठण्ड से बचने के लिये आग में झुलसने का यह कोई पहला मामला नहीं है. बल्कि रोजाना सदर अस्पताल में ऐसे कई मामले सामने आते हैं. इनमें कई मामले तो ऐसे होते हैं, जिसमे पीड़ित की इलाज के दौरान मौत हो जाती है.

Intro: कोल्ड स्ट्राइक_गरीबों के जान पर पड़ रहीं हैं भारी ।


.........सावधानी हटी , दुर्घटना घटी.....। कुछ यही हाल हैं कटिहार के ठण्ड पीड़ितों का ....जहाँ एक ओर जिले में शीतलहर का सितम जारी हैं । ठण्ड के साथ चल रही सर्द हवाओं के कारण जहाँ तापमान निचले स्तर पर पहुँच गया हैं । कनकनी बढ़ जाने के कारण लोग शाम ढलते ही घरों में दुबक जाते हैं वहीं दूसरी ओर घरों में ठण्ड से बचने के लिये जलने वाले अलाव में रोज लोग झुलस रहे है । पीड़ितों के महिलाओं की तादाद ज्यादा होती हैं क्योंकि टेरीकॉटन कपड़े पहनने के कारण इसमें तेजी से आग पकड़ती हैं और जब तक पीड़ित को कोई आग बुझाने के लिये आगे आयेगा तब तक वह पचास फीसदी से अधिक जल चुका होता हैं और फिर इलाज के दौरान मरीज धीरे - धीरे दम तोड़ जाता हैं .......।
Byte 1.ful kumar roy
2.sikandar roy


Body:रोज आते हैं आग सेंकने के दौरान झुलसे मरीज इलाज के लिये कटिहार सदर अस्पताल में ।


कटिहार सदर अस्पताल में एम्बुलेंस से उतारे जा रहीं यह पीड़िता जिले के कदवा थाना इलाके से लायी गयी हैं । इसकी यह हालत महज एक भूल के कारण हुई हैं जिसने इसे बेजान बना डाला हैं। बताया जाता हैं कि सोनी देवी ठण्ड से निजात पाने के लिये घर मे लकड़ी के अलाव जलायी हुई थी कि अचानक आग की चिंगाड़ी साड़ी के पल्लू में जा लगा और पलभर में आग , पूरे बदन में फैल गयी । जब तक घरवाले मदद को दौड़ते , तब तक काफी देर हो चुकी थी । आनन - फानन में सोनी के परिवारवाले उसे लेकर नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिये दौड़े लेकिन तब तक पीड़िता पचास फीसदी से ज्यादा झुलस चुकी थी । चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिये पीड़िता को कटिहार सदर अस्पताल भेज दिया । परिजन फूल कुमार रॉय ने बताया कि आग सेंकने के कारण ऐसा हुआ हैं ....। पहले प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र में भर्ती कराया लेकिन हालत नाजुक देखते हुए डॉक्टरों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया ....। परिजन सिकंदर रॉय ने बताया कि इन दिनों बहुत ठण्ड पड़ रहीं हैं , उसी दौरान ठण्ड से बचने के लिये आग सेंक रहीं थी कि चिंगाड़ी से कपड़े में आग पकड़ लिया और बुरी तरह झुलस गयी .......।


Conclusion: सरकारी अलाव का दावा खोखला ।


कटिहार में ठण्ड से बचने के लिये आग में झुलसने का यह कोई इकलौता मामला नहीं बल्कि रोजाना सदर अस्पताल में कई मामले सामने आते हैं । इनमें कई मामले तो ऐसे होते हैं जिसमे पीड़ित की इलाज के दौरान अंततः असमय मौत हो जाती हैं । सरकारी अलाव का नहीं जलना भी हादसे का एक बड़ा कारण हैं ......।
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