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अब कटिहार स्टेशन पर भी दिखेगी संस्कृतियों की अनोखी झलक, यात्रियों को सुविधा के साथ मिलेंगे मनमोहक नजारे - painting on wall

स्टेशन परिसर की दीवारों पर उकेरी गई तस्वीरें हमारी संस्कृति को दर्शाती है. इनमें कई चित्र ऐसे हैं, जिसका जिक्र सुप्रसिद्ध साहित्यकार और सीमांचल के लाल फणीश्वर नाथ रेणु की किताबों में दिखता है.

दीवार पर उकेरी गई तस्वीर
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Published : Feb 27, 2019, 12:46 PM IST

कटिहारःरेल प्रशासन ने इन दिनों यात्री सुविधा के साथ-साथसंस्कृति की झलक पेश करने की एक अनोखी मुहिम चलाई है. इसके तहत स्टेशन के दीवारों पर हस्तकला से तरह-तरह के चित्र उकेरे गए हैं. जिनमें कुछ चित्रमिथिला पेंटिंग को भी दर्शातेहैं. रेलवे द्वारा किए गए इस प्रयास से कटिहार स्टेशन पूरी तरह रंगीन नजर आ रहा है.

स्टेशन परिसर की दीवारों पर उकेरी गई तस्वीरेंहमारीसंस्कृति को दर्शाती है. इनमेंकई चित्र ऐसे हैं, जिसका जिक्र सुप्रसिद्ध साहित्यकार और सीमांचल के लाल फणीश्वर नाथ रेणु के किताबों में दिखता है.रेणू ने अपनी किताबों में जिक्र किया है कि किस तरह पगडंडियों से होते हुए लोग बैल गाड़ियों पर चढ़कर सफर तय करते थे.किस तरह लोग मिथिला में वर-वधू के लिए कोभरा बनाते थे. फणीश्वर नाथ रेणु ने अपने किताबों में इस बात का भी जिक्र किया है कि किस तरह छठ पूजा के समय लोग भगवान सूर्य को अर्घ्य दान करते थे.

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स्टेशन पर चित्रकारी का नजारा

संस्कृतियों की अनोखी झलक
इन तमाम संस्कृतियों को रेल प्रशासन ने समझा और उसी की तस्वीर हस्तकला के रूप में दीवारों पर उकेर दी. ताकि यात्रीचलते चलते एक नजर हमारीविशाल संस्कृति और सभ्यता का दर्शन कर सकें.यहां मौजूद यात्रियों ने बताया कि यह तस्वीर बहुत ही खुशनुमा है.कंप्यूटर युग में जहां लोग अपनी सभ्यता और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, वहां यह तस्वीर लोगों के जहन में मील का पत्थर साबित होगी.

painting
दीवार पर उकेरी गई तस्वीर

नॉर्थ ईस्ट का एंट्री पॉइंट
गौरतलब है कि कटिहार रेलवे स्टेशन का अपना एक अलग ही महत्व है,इसे नॉर्थ ईस्ट का एंट्री पॉइंट भी माना जाता है. दिल्ली गुवाहाटी मुख्य मार्ग पर होने के कारण यहां रोजाना हजारों यात्री ट्रेन में चढ़ते उतरते हैं.ऐसे में रेल प्रशासन के द्वारा बनाई गई तस्वीर पर यात्रियों को दीदार करने का एक मौका तो निश्चित ही देता है.

कटिहारःरेल प्रशासन ने इन दिनों यात्री सुविधा के साथ-साथसंस्कृति की झलक पेश करने की एक अनोखी मुहिम चलाई है. इसके तहत स्टेशन के दीवारों पर हस्तकला से तरह-तरह के चित्र उकेरे गए हैं. जिनमें कुछ चित्रमिथिला पेंटिंग को भी दर्शातेहैं. रेलवे द्वारा किए गए इस प्रयास से कटिहार स्टेशन पूरी तरह रंगीन नजर आ रहा है.

स्टेशन परिसर की दीवारों पर उकेरी गई तस्वीरेंहमारीसंस्कृति को दर्शाती है. इनमेंकई चित्र ऐसे हैं, जिसका जिक्र सुप्रसिद्ध साहित्यकार और सीमांचल के लाल फणीश्वर नाथ रेणु के किताबों में दिखता है.रेणू ने अपनी किताबों में जिक्र किया है कि किस तरह पगडंडियों से होते हुए लोग बैल गाड़ियों पर चढ़कर सफर तय करते थे.किस तरह लोग मिथिला में वर-वधू के लिए कोभरा बनाते थे. फणीश्वर नाथ रेणु ने अपने किताबों में इस बात का भी जिक्र किया है कि किस तरह छठ पूजा के समय लोग भगवान सूर्य को अर्घ्य दान करते थे.

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स्टेशन पर चित्रकारी का नजारा

संस्कृतियों की अनोखी झलक
इन तमाम संस्कृतियों को रेल प्रशासन ने समझा और उसी की तस्वीर हस्तकला के रूप में दीवारों पर उकेर दी. ताकि यात्रीचलते चलते एक नजर हमारीविशाल संस्कृति और सभ्यता का दर्शन कर सकें.यहां मौजूद यात्रियों ने बताया कि यह तस्वीर बहुत ही खुशनुमा है.कंप्यूटर युग में जहां लोग अपनी सभ्यता और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, वहां यह तस्वीर लोगों के जहन में मील का पत्थर साबित होगी.

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दीवार पर उकेरी गई तस्वीर

नॉर्थ ईस्ट का एंट्री पॉइंट
गौरतलब है कि कटिहार रेलवे स्टेशन का अपना एक अलग ही महत्व है,इसे नॉर्थ ईस्ट का एंट्री पॉइंट भी माना जाता है. दिल्ली गुवाहाटी मुख्य मार्ग पर होने के कारण यहां रोजाना हजारों यात्री ट्रेन में चढ़ते उतरते हैं.ऐसे में रेल प्रशासन के द्वारा बनाई गई तस्वीर पर यात्रियों को दीदार करने का एक मौका तो निश्चित ही देता है.

Intro:कटिहार

अगर आपको भारतीय संस्कृति की झलक देखनी हो तो पहुंच जाइए कटिहार जहां मिथिला पेंटिंग से लेकर सुप्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणू के साहित्य का सजीव दर्शन दीवारों पर हस्त कला पेंटिंग से उकेरी गई है।




Body:दरअसल कटिहार रेल प्रशासन ने इन दिनों यात्री सुविधा के अलावा संस्कृति की एक झलक पेश करने की एक अनोखी मुहिम चलाई है। जिसके तहत स्टेशन के दीवारों पर हस्तकला से तरह तरह के चित्र उकेरे गए हैं। जिनमें कुछ चित्र हमारे मिथिला पेंटिंग को दर्शाता है तो इनमे से कई चित्र हमारे संस्कृति को दिखाता है तो कई कई चित्र ऐसे हैं जिसका जिक्र सुप्रसिद्ध साहित्यकार और सीमांचल के लाल फणीश्वर नाथ रेणु के किताबों में दिखता है। रेणू ने अपनी किताबों में जिक्र किया है कि किस तरह पगडंडियों से होते हुए लोग बैल गाड़ियों पर चढ़कर सफर तय करते थे। और किस तरह लोग मिथिला में वर-वधू के लिए कोभरा बनाते थे फणीश्वर नाथ रेणु ने अपने किताबों में इस बात का भी जिक्र किया है कि किस तरह छठ पूजा के समय लोग भगवान सूर्य को अर्घ्य दान करते थे।

इन सारे तमाम संस्कृतियों को रेल प्रशासन ने समझा और उसी की तस्वीर हस्तकला के रूप में दीवारों पर उकेर दी ताकि यात्री चलते चलते एक नजर हमारे विशाल संस्कृति और सभ्यता का दर्शन कर सके। मौके पर मौजूद यात्रियों ने बताया कि यह तस्वीर बहुत ही खुशनुमा है। कंप्यूटर युग में जहां लोग अपनी सभ्यता और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं वहां यह तस्वीर लोगों के जहन में मील का पत्थर साबित होगा।


Conclusion:गौरतलब है कि कटिहार रेलवे स्टेशन का अपना एक अलग ही महत्व है और इसे नॉर्थ ईस्ट का एंट्री पॉइंट भी माना जाता है। दिल्ली गुवाहाटी मुख्य मार्ग पर होने के कारण यहां रोजाना हजारों यात्री ट्रेन में चढ़ते उतरते हैं। ऐसे में रेल प्रशासन के द्वारा बनाई गई तस्वीर पर यात्रियों को दीदार करने का एक मौका तो निश्चित ही देता है। हम तो कहेंगे आप भी आइए और अपनी संस्कृति और सभ्यता के दीदार के लिए कटिहार रेलवे स्टेशन पर इन तस्वीर को देखिए।
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