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मदद को पहुंचे मंत्री जी को नहीं पता है बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या, दो जगहों पर दिये अलग-अलग आंकड़े

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Published : Oct 4, 2019, 4:29 PM IST

मंत्री रामनारायण मंडल ने अपने पहले बयान में बताया कि जिले में बाढ़ से 2 लाख 34 हजार की आबादी प्रभावित हुई हैं. लेकिन अगले ही दिन दूसरे बयान में उन्होंने बताया कि जिले में बाढ़ पीड़ितों की संख्या 3 लाख 44 हजार से ज्यादा है.

मंत्री रामनारायण मंडल

कटिहार: बाढ़ पीड़ितों की मदद को लेकर नीतीश सरकार के मंत्री और नेता भले ही लाख दावे कर लें, लेकिन इसको लेकर उनकी गंभीरता क्या है, ये गाहे-बगाहे सामने आ ही जाती है. राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रुप में सैलाबजादा इलाके का जायजा लेने पहुंचे भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल बाढ़ पीड़ितों का आंकड़ा कभी कुछ बताते हैं तो कभी कुछ. मंत्री जी के दोनों आंकड़ो में ड़ेढ लाख से ज्यादा का फासला है.

आंकड़ों में ड़ेढ लाख से ज्यादा का फासला
जिले में बाढ़ पीड़ितों के लिए कैम्प कर रहे मंत्री रामनारायण मंडल ने अपने पहले बयान में बताया कि जिले में बाढ़ से 2 लाख 34 हजार की आबादी प्रभावित हुई हैं. लेकिन अगले ही दिन दूसरे बयान में उन्होंने बताया कि जिले में बाढ़ पीड़ितों की संख्या 3 लाख 44 हजार से ज्यादा है.

बाढ़ पीड़ितों के आंकड़ों में मंत्री की बदलती जुबान

हास्यास्पद बन जाते हैं ऐसे बयान
अब सवाल यह उठता है कि जिस मंत्री को राज्य सरकार ने स्थिति का जायजा लेने भेजा था, वहीं मंत्री अपने जुबान से फिसल रहे हैं, तो ऐसे में बाढ़ की असली तस्वीर सामने कैसे आ पाएगी. मंत्री के बताए दोनों आंकड़ों में डेढ़ लाख से ज्यादा बाढ़ पीड़ितों के दर्द का फासला है. जनप्रतिनिधियों के ऐसे बयान अक्सर हास्यास्पद बन जाते हैं लेकिन नेताओं के कानों पर जूं नहीं रेंगती.

katihar
रामनारायण मंडल, भूमि सुधार मंत्री

कटिहार: बाढ़ पीड़ितों की मदद को लेकर नीतीश सरकार के मंत्री और नेता भले ही लाख दावे कर लें, लेकिन इसको लेकर उनकी गंभीरता क्या है, ये गाहे-बगाहे सामने आ ही जाती है. राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रुप में सैलाबजादा इलाके का जायजा लेने पहुंचे भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल बाढ़ पीड़ितों का आंकड़ा कभी कुछ बताते हैं तो कभी कुछ. मंत्री जी के दोनों आंकड़ो में ड़ेढ लाख से ज्यादा का फासला है.

आंकड़ों में ड़ेढ लाख से ज्यादा का फासला
जिले में बाढ़ पीड़ितों के लिए कैम्प कर रहे मंत्री रामनारायण मंडल ने अपने पहले बयान में बताया कि जिले में बाढ़ से 2 लाख 34 हजार की आबादी प्रभावित हुई हैं. लेकिन अगले ही दिन दूसरे बयान में उन्होंने बताया कि जिले में बाढ़ पीड़ितों की संख्या 3 लाख 44 हजार से ज्यादा है.

बाढ़ पीड़ितों के आंकड़ों में मंत्री की बदलती जुबान

हास्यास्पद बन जाते हैं ऐसे बयान
अब सवाल यह उठता है कि जिस मंत्री को राज्य सरकार ने स्थिति का जायजा लेने भेजा था, वहीं मंत्री अपने जुबान से फिसल रहे हैं, तो ऐसे में बाढ़ की असली तस्वीर सामने कैसे आ पाएगी. मंत्री के बताए दोनों आंकड़ों में डेढ़ लाख से ज्यादा बाढ़ पीड़ितों के दर्द का फासला है. जनप्रतिनिधियों के ऐसे बयान अक्सर हास्यास्पद बन जाते हैं लेकिन नेताओं के कानों पर जूं नहीं रेंगती.

katihar
रामनारायण मंडल, भूमि सुधार मंत्री
Intro:......सरकार बाढ़पीड़ितों की सहायता के लाख दावे कर लें लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर हैं.....। जी हाँ , यह सब सुन आपको जरूर अटपटा लग रहा होगा लेकिन यह सच हैं .....। आईये , आज हम आपको एक रिपोर्ट दिखाते हैं जिसमें राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में सैलाबजदा इलाके का जायजा लेने पहुँचे जिले के प्रभारी मंत्री सह सूबे के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल रात में फ्लड पीड़ितों के आँकड़े कुछ और बताते हैं जबकि वहीं मंत्रीजी दिन के उजाले में जिले में बाढ़पीड़ितों के आँकड़े कुछ और बताते हैं .....। मजे की बात यह हैं कि दोनों आँकड़ों को नजदीक से देखने पर आँकड़ों का फासला ड़ेढ लाख से ज्यादा पीड़ितों का होता हैं ......। तो अब यह सवाल उठता हैं कि बाढ़ से कितने लोग प्रभावित हैं , इसका जबाब सवालों के घेरे में हैं ......।


Body:आईये , हम आपको कटिहार जिले के प्रभारी सह सूबे के भूमि सुधार राजस्व मंत्री के दो बयान दिखाते हैं जिसमे एक दिन का हैं जबकि दूसरा रात का .....। कटिहार में बाढ़ पीड़ितों के लिये कैम्प कर रहे मंत्री रामनारायण मंडल ने अपने पहले बयान में बताया कि जिले में बाढ़ से प्रभावित दो लाख चौतीस हजार आबादी प्रभावित हुई हैं लेकिंन जैसे ही दिन हुआ.....तो मंत्री रामनारायण मंडल जी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जिले में सैलाबजदा पीड़ितों की तादाद तीन लाख चौवालीस हजार पाँच सौ चौवन से ज्यादा है.....। अब आखिर सवाल उठता हैं कि मंत्रीजी , जिसे राज्य सरकार ने स्थिति का सही जायजा लेने कटिहार भेजा था , उसके बदलते जवान से बाढ़ की क्या तस्वीर हैं , सामने कैसे आ पायेगा .....। दोनों आँकड़ों में जमीन - आसमान का फर्क हैं और करीब डेढ़ लाख पीड़ितों के दर्द का फासला है .......।


Conclusion:प्रभारी मंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री की बदलती बाढ़पीड़ितों के आँकड़ों की जुबान की दास्ताँ यह बता देने के काफी हैं कि हमारे जनप्रतिनिधि , जिसपर विकास की जिम्मेदारी होती है , सरकार के पास राज्य स्तर पर जरूरी सुचनायें भेजी जानी होती हैं , इस तरह के बयानों से बातें हास्यास्पद बन जाती हैं और इसका खामियाजा बाढ़पीड़ित झेलते हैं ......।
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