कटिहार: जिले में पिछले 5 दिनों से महानंदा नदी का जलस्तर घट रहा है. लेकिन अब गंगा नदी उफान पर है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में पानी फैल गया है जिससे लाखों लोग प्रभावित हो गए हैं. बाढ़ के कारण पुल ध्वस्त हो गया है. आवागमन ठप है. ऐसे में पशुपालकों के सामने भी समस्या खड़ी हो गई है. पशुओं के लिए चारा तक नसीब नहीं हो रहा है.
मनिहारी अनुमंडल के अमदाबाद और मनिहारी प्रखंड क्षेत्र में गंगा नदी का पानी फैलने लगा है. कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. ऐसे में लोगों के लिए एकमात्र सहारा नाव ही रह गया है. लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. लोग निजी नाव का प्रयोग कर आवागमन कर रहे हैं.
बाढ़ का दंश झेल रहे ग्रामीण
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले चार-पांच दिनों से गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सबसे बड़ी समस्या पशुओं के लिए है. इलाके में पानी फैलने के कारण पशुओं के लिए घास तक नसीब नहीं हो रहा है. इस कारण उन्हें सूखा चारा खिलाना पड़ रहा है. पुल ध्वस्त होने के कारण आवागमन में भी लोगों को परेशानी हो रही है. दिन में तो लोग जैसे तैसे नाव का सहारा लेकर चले जा रहे हैं लेकिन रात के समय इस रास्ते से आने में बहुत परेशानी होती है.
सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं
लोगों का कहना है कि नाव प्रशासन ने निजी नाव को सीज कर लिया है. नाव पर सवार होने के लिए पैसे भी नहीं देने को कहा गया है. ऐसे में स्थानीय लोग तो परेशान हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सरकारी नाव की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. इलाके में पानी फैलने के कारण फसल भी बर्बाद हो गया है. लेकिन सरकार कई सालों से किसानों को मुआवजा भी नहीं दे रही है. बता दें कि मनिहारी अनुमंडल का दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है.