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कटिहार: महानंदा के थमते ही उफान पर गंगा, लाखों लोग प्रभावित

कटिहार में गंगा का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में पानी घुस गया है. मनिहारी अनुमंडल का दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि सरकार की ओर से इन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं दी जा रही है.

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Published : Jul 29, 2019, 1:41 PM IST

उफान पर गंगा नदी

कटिहार: जिले में पिछले 5 दिनों से महानंदा नदी का जलस्तर घट रहा है. लेकिन अब गंगा नदी उफान पर है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में पानी फैल गया है जिससे लाखों लोग प्रभावित हो गए हैं. बाढ़ के कारण पुल ध्वस्त हो गया है. आवागमन ठप है. ऐसे में पशुपालकों के सामने भी समस्या खड़ी हो गई है. पशुओं के लिए चारा तक नसीब नहीं हो रहा है.

मनिहारी अनुमंडल के अमदाबाद और मनिहारी प्रखंड क्षेत्र में गंगा नदी का पानी फैलने लगा है. कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. ऐसे में लोगों के लिए एकमात्र सहारा नाव ही रह गया है. लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. लोग निजी नाव का प्रयोग कर आवागमन कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ का दंश झेल रहे ग्रामीण
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले चार-पांच दिनों से गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सबसे बड़ी समस्या पशुओं के लिए है. इलाके में पानी फैलने के कारण पशुओं के लिए घास तक नसीब नहीं हो रहा है. इस कारण उन्हें सूखा चारा खिलाना पड़ रहा है. पुल ध्वस्त होने के कारण आवागमन में भी लोगों को परेशानी हो रही है. दिन में तो लोग जैसे तैसे नाव का सहारा लेकर चले जा रहे हैं लेकिन रात के समय इस रास्ते से आने में बहुत परेशानी होती है.

सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं
लोगों का कहना है कि नाव प्रशासन ने निजी नाव को सीज कर लिया है. नाव पर सवार होने के लिए पैसे भी नहीं देने को कहा गया है. ऐसे में स्थानीय लोग तो परेशान हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सरकारी नाव की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. इलाके में पानी फैलने के कारण फसल भी बर्बाद हो गया है. लेकिन सरकार कई सालों से किसानों को मुआवजा भी नहीं दे रही है. बता दें कि मनिहारी अनुमंडल का दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है.

कटिहार: जिले में पिछले 5 दिनों से महानंदा नदी का जलस्तर घट रहा है. लेकिन अब गंगा नदी उफान पर है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में पानी फैल गया है जिससे लाखों लोग प्रभावित हो गए हैं. बाढ़ के कारण पुल ध्वस्त हो गया है. आवागमन ठप है. ऐसे में पशुपालकों के सामने भी समस्या खड़ी हो गई है. पशुओं के लिए चारा तक नसीब नहीं हो रहा है.

मनिहारी अनुमंडल के अमदाबाद और मनिहारी प्रखंड क्षेत्र में गंगा नदी का पानी फैलने लगा है. कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. ऐसे में लोगों के लिए एकमात्र सहारा नाव ही रह गया है. लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. लोग निजी नाव का प्रयोग कर आवागमन कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ का दंश झेल रहे ग्रामीण
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले चार-पांच दिनों से गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सबसे बड़ी समस्या पशुओं के लिए है. इलाके में पानी फैलने के कारण पशुओं के लिए घास तक नसीब नहीं हो रहा है. इस कारण उन्हें सूखा चारा खिलाना पड़ रहा है. पुल ध्वस्त होने के कारण आवागमन में भी लोगों को परेशानी हो रही है. दिन में तो लोग जैसे तैसे नाव का सहारा लेकर चले जा रहे हैं लेकिन रात के समय इस रास्ते से आने में बहुत परेशानी होती है.

सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं
लोगों का कहना है कि नाव प्रशासन ने निजी नाव को सीज कर लिया है. नाव पर सवार होने के लिए पैसे भी नहीं देने को कहा गया है. ऐसे में स्थानीय लोग तो परेशान हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सरकारी नाव की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. इलाके में पानी फैलने के कारण फसल भी बर्बाद हो गया है. लेकिन सरकार कई सालों से किसानों को मुआवजा भी नहीं दे रही है. बता दें कि मनिहारी अनुमंडल का दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है.

Intro:कटिहार

कटिहार में पिछले 5 दिनों से महानंदा नदी का जलस्तर घट रहा है लेकिन लोगों की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब गंगा नदी उफान पर है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में पानी फैल गया है जिससे लाखों लोग प्रभावित हो गए हैं। वहीं पुल ध्वस्त हो जाने से भी आवागमन ठप हो गया है। पशुओं के सामने भी समस्या खड़ी हो गई है उनके लिए चारा तक नसीब नहीं हो रहा है।


Body:मनिहारी अनुमंडल के अमदाबाद और मनिहारी प्रखंड क्षेत्र में गंगा नदी का पानी फैलने लगा है जिससे कई गांव टापू में तब्दील हो गया है। पानी फैलने से जहां लाखों लोग प्रभावित हैं वही अमदाबाद मनिहारी मुख्य सड़क पर पुल ध्वस्त हो जाने से लोगों का आवागमन भी ठप हो गया है। लोगों के लिए एकमात्र सहारा नाव ही रह गया है लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई सुविधा मुहैया भी नहीं कराया गया है। लोग जैसे-तैसे अपने निजी नाव का प्रयोग कर अनुमंडल तक पहुंच रहे हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं पिछले चार-पांच दिनों से गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिस वजह से ग्रामीण इलाकों में पानी फैल गया है जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे बड़ी समस्या पशुओं के लिए है। इलाके में पानी फैलने के कारण पशुओं के लिए घास तक नसीब नहीं हो रहा है जिस कारण उन्हें सुखा भोजन खिलाना पड़ रहा है। वही मनिहारी जाने के लिए पुल ध्वस्त होने के कारण आवागमन में भी परेशानी हो रही है। दिन में तो लोग जैसे तैसे नाव का सहारा लेकर चले जा रहे हैं लेकिन रात के समय इस रास्ते से आने में बहुत परेशानी है। सांप, बिच्छू तथा अनेक जानवरों का डर सताते रहता है।



Conclusion:स्थानीय लोगों की मानें तो निजी नाव का सहारा ले रहे लोगों का नाव प्रशासन की ओर से सीज कर लिया गया है तथा लोगों को नाव पर सवार होने के लिए पैसे भी नहीं देने को कहा गया है। ऐसे में स्थानीय लोग तो परेशान हैं लेकिन प्रशासन की ओर से कोई अलग से नाव या सुविधा मुहैया नहीं कराया गया है। इलाके में पानी फैलने के कारण फसल भी बर्बाद हो गया है लेकिन पिछले कुछ सालों से किसानों को फसल का मुआवजा भी नहीं दिया गया है। ऐसे में बाढ़ पीड़ित बाढ़ के साथ सरकारी मुआवजे की भी मार झेल रहा है।

बता दें कि महानंदा नदी का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से घट गया है लेकिन अब गंगा नदी उफान पर है। महानंदा से जहां तीन लाख लोग प्रभावित हुए थे वही गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने से भी लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। मनिहारी अनुमंडल के दर्जनों गांव बाढ़ के चपेट में हैं लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की कोई सुविधा मुहैया नहीं कराया गया है।
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