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कोरोना वायरस इफेक्ट: सीमांचल के सबसे बड़े रेलवे जंक्शन पर लगा 'स्टेशन क्लोज्ड' का बोर्ड

कटिहार एक ऐसा रेलवे स्टेशन हैं जहां से एक साथ सात दिशाओं की गाड़ियां खुलती हैं. इस जैसी खूबी सिर्फ पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्टेशन में ही देखी जाती हैं. जहां एक साथ बारह दिशाओं की गाड़ियां खुलती हैं. इसी तरह कोरोना वायरस के कारण देश भर के स्टेशन बंद है जिससे रेलवे को रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है.

katihar station closed due to corona virus outbreak
katihar station closed due to corona virus outbreak
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Published : Mar 29, 2020, 9:42 PM IST

कटिहार: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉक डाउन हैं. इसका असर गुवाहाटी-नई दिल्ली रेलखंड पर बिहार के कटिहार रेलवे स्टेशन पर भी देखने को मिल रहा है. स्टेशन परिसर में इनदिनों 'स्टेशन क्लोज्ड' के बोर्ड टंगे हैं. देश में कटिहार रेलवे जंक्शन की पहचान नार्थ ईस्ट के प्रवेशद्वार के रूप में होती है. ये सीमांचल का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन और डिविजनल हेड क्वार्टर भी है. इस कारण आम दिनों में यहां तिल रखने की भी जगह नहीं होती. लेकिन लॉक डाउन की वजह से यहां भी सन्नाटा पसरा है.

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए थम गये रेल के चक्के
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉक डाउन से रेल के चक्के तक थम गये हैं. यात्रियों की आवाजाही पर पूर्णतः प्रतिबंध है. मालगाड़ी के अलावा स्टेशन पर कोई भी आम आदमी नजर नहीं आता. सुनसान स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल के जवान ड्यूटी करते नजर आते हैं. आरपीएफ इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने आज तक अपने सर्विस पीरियड में कभी स्टेशन क्लोज्ड होते नहीं देखा.

katihar station closed due to corona virus outbreak
कटिहार रेलवे स्टेशन
रेलवे को रोजाना करोड़ों का नुकसान
सरकार ने 14 अप्रैल तक लॉक डाउन का फैसला किया है. इससे रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. इस दौरान मालगाड़ियों को छोड़ सभी तरह की यात्री गाड़ियां रद्द हैं. कटिहार एक ऐसा रेलवे स्टेशन हैं जहां से एक साथ सात दिशाओं की गाड़ियां खुलती हैं. इस जैसी खूबी सिर्फ पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्टेशन में ही देखी जाती हैं जहां एक साथ बारह दिशाओं की गाड़ियां खुलती हैं. इसी तरह देश भर के स्टेशन बंद है जिससे रेलवे को रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा हैं.

कटिहार: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉक डाउन हैं. इसका असर गुवाहाटी-नई दिल्ली रेलखंड पर बिहार के कटिहार रेलवे स्टेशन पर भी देखने को मिल रहा है. स्टेशन परिसर में इनदिनों 'स्टेशन क्लोज्ड' के बोर्ड टंगे हैं. देश में कटिहार रेलवे जंक्शन की पहचान नार्थ ईस्ट के प्रवेशद्वार के रूप में होती है. ये सीमांचल का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन और डिविजनल हेड क्वार्टर भी है. इस कारण आम दिनों में यहां तिल रखने की भी जगह नहीं होती. लेकिन लॉक डाउन की वजह से यहां भी सन्नाटा पसरा है.

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए थम गये रेल के चक्के
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉक डाउन से रेल के चक्के तक थम गये हैं. यात्रियों की आवाजाही पर पूर्णतः प्रतिबंध है. मालगाड़ी के अलावा स्टेशन पर कोई भी आम आदमी नजर नहीं आता. सुनसान स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल के जवान ड्यूटी करते नजर आते हैं. आरपीएफ इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने आज तक अपने सर्विस पीरियड में कभी स्टेशन क्लोज्ड होते नहीं देखा.

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कटिहार रेलवे स्टेशन
रेलवे को रोजाना करोड़ों का नुकसान
सरकार ने 14 अप्रैल तक लॉक डाउन का फैसला किया है. इससे रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. इस दौरान मालगाड़ियों को छोड़ सभी तरह की यात्री गाड़ियां रद्द हैं. कटिहार एक ऐसा रेलवे स्टेशन हैं जहां से एक साथ सात दिशाओं की गाड़ियां खुलती हैं. इस जैसी खूबी सिर्फ पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्टेशन में ही देखी जाती हैं जहां एक साथ बारह दिशाओं की गाड़ियां खुलती हैं. इसी तरह देश भर के स्टेशन बंद है जिससे रेलवे को रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा हैं.
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