कटिहार: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है. साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारी में जुट गई है. एक तरफ एनडीए और महागठबंधन के नेता आपस में सीट शेयरिंग के मुद्दे को सुलझाने में जुटे हैं. स्थानीय स्तर पर भी शेयरिंग में अधिकतम सीटों पर अपनी दावेदारी की जा रही है.
बीजेपी का गढ़ रहा है कटिहार
कटिहार कभी बीजेपी का गढ़ और परंपरागत इलाका माना जाता था. वहां जेडीयू के 5 सीटों पर दावे से बीजेपी के लिये मुश्किलें खड़ी हो गयी है. बीजेपी का कहना है कि कटिहार जनसंघ के जमाने से पार्टी की परंपरागत सीट है. लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के तहत हमने बलिदान दिया था. जिससे विधानसभा चुनाव में हमारा दावा अधिकतम सीटों पर बनता है.
जिला जेडीयू ने की 5 सीटों की मांग
कटिहार जिला जेडीयू अध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव बताते हैं कि अब जेडीयू का समय है और समय के बदलते दौर में जिले में जेडीयू की मजबूत जमीन तैयार हुई है. हम शीर्ष नेतृत्व से मांग करते हैं कि जेडीयू के खाते में कम से कम पांच सीट दी जाए. जेडीयू के इस दावे के बाद स्थानीय बीजेपी डिफेंसिव मोड में आ गई.
'बीजेपी की परंपरागत सीट'
स्थानीय बीजेपी नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री निखिल कुमार चौधरी का कहना है कि कटिहार बीजेपी की परंपरागत सीट रही है. जनसंघ के जमाने में यहां ज्ञानेश्वर यादव सांसद हुआ करते थे. 2010 में पार्टी जिले में 5 विधानसभा सीटें जीती थी. 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जिले के 5 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमे कटिहार सदर और प्राणपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने फतह हासिल की.