कटिहारः जूट नगरी के नाम से मशहूर कटिहार जिले में कभी दो जूट मिल हुआ करती थी. जिसमें इलाके के हजारों मजदूर काम किया करते थे. लेकिन पिछले 5 सालों से कटिहार का जूट मिल बंद पड़ा है. जिससे वहां काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गए और रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन कर गए.
सरकार पर हमला
आगामी विधानसभा चुनाव में कटिहार के बंद पड़े जूट मिल को स्थानीय मुद्दे के रूप में देखा जा रहा है और इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. शुक्रवार को आरबीएचएम जूट मिल के पास इंटक के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. इस दौरान जूट मिल चालू कराने को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला गया.
'...तो एक माह में खुल जाएगी जूट मिल'
मौके पर मौजूद बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रामप्रकाश महतो ने बताया कि हाल के दिनों में समस्तीपुर स्थित रामेश्वर जूट मिल को चालू किया गया है. कटिहार का जूट मिल क्यों बंद पड़ा है. इसका जवाब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देना चाहिए. क्या कटिहार बिहार का हिस्सा नहीं है. कटिहार में पिछले 15 साल से बीजेपी के विधायक हैं और वर्तमान सांसद जेडीयू से आते हैं. इसके बावजूद कटिहार का जूट मिल अब तक चालू नहीं हो सका है. उन्होंने दावा किया है कि तेजस्वी यादव की सरकार बनते ही कटिहार का जूट मिल एक महीना के अंदर चालू करा दिया जाएगा.
'चुनाव से पहले नहीं खुली मिल तो जनता सिखाएगी सबक'
वहीं, इंटक के जिला अध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि कुछ लोग आरबीएचएम जूट मिल को बेचना चाहते हैं, लेकिन हम जूट मिल की एक ईंट को भी बेचने नहीं देंगे. उन्होंने बताया हमारा संकल्प है कि चाहे एनडीए की सरकार हो या महागठबंधन की कटिहार का आरबीएचएम जूट मील चालू करा कर रहेंगे. जब समस्तीपुर का रामेश्वर जूट मिल चालू हो सकता है तो कटिहार का क्यों नहीं. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कटिहार का जूट मिल चालू नहीं हुआ तो पूरे सीमांचल के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बता देंगे कि कटिहार का जूट मिल कितना बड़ा मुद्दा है.