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जुमे पर कटिहार के स्कूलों में छुट्टी पर बोले डिप्टी सीएम तारकिशोर- 'नियम का होगा पालन'

झारखंड के बाद अब बिहार में भी सवाल ये उठ रहा है कि हिंदी सरकारी स्कूलों में जुम्मे को छुट्टी क्यों, क्या अब धर्म देखकर शिक्षा का मंदिर खुलेगा और बन्द होगा. इसे लेकर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad) ने कहा है कि मामले मे जांच कर नियमानुकूल कार्रवाई की जाएगी.

सरकारी स्कूलों में जुम्मे को छुट्टी
सरकारी स्कूलों में जुम्मे को छुट्टी
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Published : Jul 29, 2022, 11:59 AM IST

Updated : Jul 29, 2022, 12:32 PM IST

कटिहारः बिहार के सीमांचल इलाके के कई सरकारी स्कूलों (Government Schools Of Bihar) में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. कटिहार में भी मदरसा मॉड्यूल पर जिले में सौ से अधिक सरकारी विद्यालयों में शुक्रवार को छुट्टी (Holiday on Friday in many schools of Katihar) रहती है और रविवार को स्कूल खुले रहते हैं. मजे की बात तो यह है कि साप्ताहिक अवकाश को लेकर विभागीय स्तर पर अब तक कोई स्पष्ट आदेश नहीं है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने मामले के सामने आने के बाद जांच कर नियमानुकूल कार्रवाई की बात कही है.

ये भी पढ़ेंः बिहार में कई स्कूल शुक्रवार को रहते हैं बंद, क्या कहते हैं अधिकारी और क्या है राजनीति, पढ़ें रिपोर्ट

रविवार नहीं शुक्रवार को होती है छुट्टीः कटिहार के कोढ़ा प्रखण्ड इलाके का प्रारंभिक विधालय हो या उत्क्रमित मध्य विद्यालय सभी जगह सरकारी छुट्टी रविवार की जगह शुक्रवार को होती है. ऐसा नहीं कि विद्यालयों में छुट्टी के निर्णय सरकार के द्वारा दिये गये हैं. बल्कि 2007 में स्थानीय ग्रामीणों ने फैसला किया कि स्थानीय मदरसा शुक्रवार को बन्द रहता है और स्कूलों में भी बच्चों की संख्या मुस्लिम बहुल है, लिहाजा छुट्टी भी शुक्रवार को रख दी जाए.

मुस्लिम बाहुल्य इलाके में अधिकांश विद्यालयः स्थानीय विद्यालय कमिटी से जुड़े आफताब आलम ने बताया कि 2007 से यहां के विद्यालयों में शुक्रवार को बंदी रहती हैं जबकि रविवार को पढ़ाई होती है. इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि जिले के विभिन्न प्रखंडों से प्राप्त विभागीय प्रतिवेदन के आधार पर जिले के सौ से अधिक सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी रहती है. ऐसे अधिकांश विद्यालय मुस्लिम बाहुल्य इलाके में हैं.

"मुझे में कुछ दिन पहले ही पता चला तो मैने बीडीओ से जानाकरी मांगी, जिले के प्रखंडों से प्राप्त विभागीय प्रतिवेदन के आधार पर जिले में सौ से अधिक सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी रहती है. क्योंकि वहां 90 प्रतिशत कहीं कहीं 100 प्रतिशत बच्चे मुस्लिम समुदाय के हैैं, 60, 70 साल से ये स्कूल ऐसे ही चल रहा है"- कामेश्वर प्रसाद गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी

"सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग के अनुसार जो नियम है, उसका पालन होना चाहिए, अगर नहीं होता है तो उसका पालन होगा. मामले में जांच कर नियमानुकूल कार्रवाई की जाएगी"- तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री

परंपरा बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं डीईओः दरअसल, कटिहार में शिक्षा विभाग का अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग फरमान चल रहा है. जो इलाके मुस्लिम बाहुल्य हैं, या मुस्लिम नेताओं का उन इलाके में दबदबा है, वहां स्थानीय विद्यालय प्रबंध समिति को साथ लेकर रविवार की जगह शुक्रवार को गुपचुप तरीके से इस पर अपनी रजामंदी करवा लेते हैं. वहीं, स्थानीय शिक्षा विभाग इसे एक परंपरा बताकर पल्ला झाड़ लेता है. हालांकि बिहार शिक्षा विभाग और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इस पूरे मामले में जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है.

कटिहारः बिहार के सीमांचल इलाके के कई सरकारी स्कूलों (Government Schools Of Bihar) में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. कटिहार में भी मदरसा मॉड्यूल पर जिले में सौ से अधिक सरकारी विद्यालयों में शुक्रवार को छुट्टी (Holiday on Friday in many schools of Katihar) रहती है और रविवार को स्कूल खुले रहते हैं. मजे की बात तो यह है कि साप्ताहिक अवकाश को लेकर विभागीय स्तर पर अब तक कोई स्पष्ट आदेश नहीं है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने मामले के सामने आने के बाद जांच कर नियमानुकूल कार्रवाई की बात कही है.

ये भी पढ़ेंः बिहार में कई स्कूल शुक्रवार को रहते हैं बंद, क्या कहते हैं अधिकारी और क्या है राजनीति, पढ़ें रिपोर्ट

रविवार नहीं शुक्रवार को होती है छुट्टीः कटिहार के कोढ़ा प्रखण्ड इलाके का प्रारंभिक विधालय हो या उत्क्रमित मध्य विद्यालय सभी जगह सरकारी छुट्टी रविवार की जगह शुक्रवार को होती है. ऐसा नहीं कि विद्यालयों में छुट्टी के निर्णय सरकार के द्वारा दिये गये हैं. बल्कि 2007 में स्थानीय ग्रामीणों ने फैसला किया कि स्थानीय मदरसा शुक्रवार को बन्द रहता है और स्कूलों में भी बच्चों की संख्या मुस्लिम बहुल है, लिहाजा छुट्टी भी शुक्रवार को रख दी जाए.

मुस्लिम बाहुल्य इलाके में अधिकांश विद्यालयः स्थानीय विद्यालय कमिटी से जुड़े आफताब आलम ने बताया कि 2007 से यहां के विद्यालयों में शुक्रवार को बंदी रहती हैं जबकि रविवार को पढ़ाई होती है. इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि जिले के विभिन्न प्रखंडों से प्राप्त विभागीय प्रतिवेदन के आधार पर जिले के सौ से अधिक सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी रहती है. ऐसे अधिकांश विद्यालय मुस्लिम बाहुल्य इलाके में हैं.

"मुझे में कुछ दिन पहले ही पता चला तो मैने बीडीओ से जानाकरी मांगी, जिले के प्रखंडों से प्राप्त विभागीय प्रतिवेदन के आधार पर जिले में सौ से अधिक सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी रहती है. क्योंकि वहां 90 प्रतिशत कहीं कहीं 100 प्रतिशत बच्चे मुस्लिम समुदाय के हैैं, 60, 70 साल से ये स्कूल ऐसे ही चल रहा है"- कामेश्वर प्रसाद गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी

"सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग के अनुसार जो नियम है, उसका पालन होना चाहिए, अगर नहीं होता है तो उसका पालन होगा. मामले में जांच कर नियमानुकूल कार्रवाई की जाएगी"- तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री

परंपरा बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं डीईओः दरअसल, कटिहार में शिक्षा विभाग का अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग फरमान चल रहा है. जो इलाके मुस्लिम बाहुल्य हैं, या मुस्लिम नेताओं का उन इलाके में दबदबा है, वहां स्थानीय विद्यालय प्रबंध समिति को साथ लेकर रविवार की जगह शुक्रवार को गुपचुप तरीके से इस पर अपनी रजामंदी करवा लेते हैं. वहीं, स्थानीय शिक्षा विभाग इसे एक परंपरा बताकर पल्ला झाड़ लेता है. हालांकि बिहार शिक्षा विभाग और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इस पूरे मामले में जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है.

Last Updated : Jul 29, 2022, 12:32 PM IST
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