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स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: मुफ्त दवा वितरण में लापरवाही, मेडिकल अधिकारियों के वेतन पर लगा ब्रेक - स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई करते हुए मुफ्त दवा वितरण में लापरवाही सामने आने पर कटिहार समेत बिहार के 21 जिलों के सब डिविजन लेवल के औषधि भंडार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर जिला मूल्यांकन और अनुश्रवण पदाधिकारियों के वेतन-मानदेय रोक दिया है.

Major action of health department
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Published : Dec 22, 2020, 4:30 PM IST

कटिहार: जिले में राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों को मुफ्त दवा वितरण पहल कार्यक्रम में लापरवाही सामने आई है. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने लापरवाह मेडिकल आधिकारी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए अगले आदेश तक उसके सैलरी रोकने के आदेश दिये हैं. विभाग ने कटिहार समेत बिहार के 21 जिलों के सब डिविजन लेवल के औषधि भंडार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर जिला मूल्यांकन और अनुश्रवण पदाधिकारियों के वेतन-मानदेय रोक दिया है.

मेडिकल अधिकारियों पर गिरी गाज
इस मामले में के सिविल सर्जन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के अस्पतालों में मुफ्त दवा वितरण का कार्यक्रम वर्षों से चल रहा है. जिसकी मॉनिटरिंग ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (डीवीडीएमएस) की ओर से की जाती है. निशुल्क दी जा रही दवाओं का वितरण सही प्रकार से हो रहा है या नहीं, भंडार में मेडिसिन की उपलब्धता क्या है, डीवीडीएमएस की नियमित समीक्षा बैठक में होती हैं.

'इस समीक्षा बैठक में यह बात सामने आयी कि निर्धारित छह सूचकांक में कई जिलों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. इसके बाद मुख्यालय स्तर पर इसमें सुधार के निर्देश भी दिये गये, बावजूद व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया. जिसके बाद सरकार के आदेश की अवहेलना मानते हुए वेतन रोकने की कार्रवाई की गयी हैं.'- डॉ. डी एन पांडेय, सिविल सर्जन, सदर अस्पताल कटिहार

मेडिकल ऑफिसर का रोका गया वेतन
गौरतलब है कि ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम योजना की मॉनिटरिंग करते हुए, जिस जिलों के मेडिकल ऑफिसर पर सैलरी रोकने की कार्रवाई की गयी है. उसमें कटिहार, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, बेगूसराय समेत अन्य कई जिले शामिल हैं.

कटिहार: जिले में राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों को मुफ्त दवा वितरण पहल कार्यक्रम में लापरवाही सामने आई है. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने लापरवाह मेडिकल आधिकारी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए अगले आदेश तक उसके सैलरी रोकने के आदेश दिये हैं. विभाग ने कटिहार समेत बिहार के 21 जिलों के सब डिविजन लेवल के औषधि भंडार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर जिला मूल्यांकन और अनुश्रवण पदाधिकारियों के वेतन-मानदेय रोक दिया है.

मेडिकल अधिकारियों पर गिरी गाज
इस मामले में के सिविल सर्जन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के अस्पतालों में मुफ्त दवा वितरण का कार्यक्रम वर्षों से चल रहा है. जिसकी मॉनिटरिंग ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (डीवीडीएमएस) की ओर से की जाती है. निशुल्क दी जा रही दवाओं का वितरण सही प्रकार से हो रहा है या नहीं, भंडार में मेडिसिन की उपलब्धता क्या है, डीवीडीएमएस की नियमित समीक्षा बैठक में होती हैं.

'इस समीक्षा बैठक में यह बात सामने आयी कि निर्धारित छह सूचकांक में कई जिलों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. इसके बाद मुख्यालय स्तर पर इसमें सुधार के निर्देश भी दिये गये, बावजूद व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया. जिसके बाद सरकार के आदेश की अवहेलना मानते हुए वेतन रोकने की कार्रवाई की गयी हैं.'- डॉ. डी एन पांडेय, सिविल सर्जन, सदर अस्पताल कटिहार

मेडिकल ऑफिसर का रोका गया वेतन
गौरतलब है कि ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम योजना की मॉनिटरिंग करते हुए, जिस जिलों के मेडिकल ऑफिसर पर सैलरी रोकने की कार्रवाई की गयी है. उसमें कटिहार, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, बेगूसराय समेत अन्य कई जिले शामिल हैं.

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