कटिहारः 'मैं ट्रेन में ही बैठा था..अचानक दालकोला और सूर्यकमल स्टेशन के पास पता चला कि ट्रेन की कई बोगी इंजन से कट गई है. सभी लोग डर गए..हमलोग भगवान को याद करने लगे, ट्रेन बिना इंजन के चल रही थी और फिर अपने आप रुक गई. बाल-बाल बच गए हमलोग'. ये कहना है उन यात्रियों का जो मंगलवार को गुवाहाटी से जम्मूतवी जा रही लोहित एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे और खुशकिस्मती से आज वो जिंदा हैं.
अचानक इंजन से अलग हुई ट्रेनः दरअसल मंगलवार को कटिहार रेल मण्डल के दालकोला और सूर्यकमल स्टेशनों के बीच ट्रैक पर दौड़ रही गुवाहाटी -जम्मूतवी ट्रेन अचानक दो हिस्सों में बंट गयी और पीछे से यात्रियों से भरी बारह बोगियां जो कि बी- 2 से जुड़े थे अचानक अलग हो गई. ट्रेन ने बिना इंजन के ही मीलों की दूरी तय कर ली. जबकि ट्रेन का आगे का हिस्सा इंजन समेत पन्द्रह बोगियों को लेकर अपनी रफ्तार से आगे बढ़ता गया.
कटिहार रेलवे कंट्रोल को दी गई जानकारीः गनीमत ये रही कि समय रहते इस घटना की खबर कटिहार रेलवे कंट्रोल को मिल गई. जिसके बाद उस ट्रैक पर तत्काल किसी अन्य ट्रेन के परिचालन को रुकवाकर किसी तरह ट्रेन के दोनों हिस्सों को जोड़कर देर रात कटिहार लाया गया, जहां युद्व स्तर पर कर्मचारियों ने मिलकर ट्रेन के कम्पलिंग बदले और वातानुकूलित बोगियों के जगह दूसरे एसी कोच लगाकर ट्रेन को आगे रवाना किया गया.
बाल-बाल बचे ट्रेन के यात्रीः इस दौरान कटिहार रेलवे जंक्शन पर उतरे चश्मदीदों ने बताया कि वो बाल-बाल बच गए. उन्हें उड़ीसा ट्रेन हादसे की याद आ गई. वहीं, कटिहार के अपर मण्डल रेल प्रबंधक चौधरी विजय कुमार ने बताया कि रेलवे ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं और जो भी विधि संगत होगा, दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.
"लोहित एक्सप्रेस के कई डिब्बे इंजन से कटकर अगल हो गए थे. सूचना मिलने के बाद तुरंत खराब कोचों की जगह दूसरे वातानुकूलित कोचें लगायी गईं. कपलिंग को जोड़ा गया और फिर ट्रेन को आगे रवाना किया गया. इस घटना की जांच के आदेश दे दिये गए हैं और इस लापरवाही में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई की जायेगी"- चौधरी विजय कुमार, अपर मण्डल रेल प्रबंधक