कटिहार: जिले के चर्चित सौरभ हत्याकांड में न्यायालय ने चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 14 नवंबर 2017 को सौरभ का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. जिसमें उसके चाचा ने ही उसके हत्या की साजिश रची थी.
आजीवन कारावास की सजा
जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मलिक ने सभी गवाह एवं सबूतों के मद्देनजर चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. हालांकि इस फैसले से सौरव के परिजन खुश नजर नहीं आए. परिजनों के अनुसार सभी आरोपियों को मौत की सजा होनी चाहिए थी, लेकिन कटिहार न्यायालय के ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
14 नवंबर 2016 को हुई थी हत्या
बता दें कि 14 नवंबर 2016 को सौरव के चाचा सहित 6 लोगों ने साजिश के तहत सौरव का अपहरण किया था. इनमें लितेश चौधरी, दीपक झा, अमर चौरसिया, कुणाल पासवान, संजय शर्मा एवं किशुन चौधरी शामिल हैं. सभी अपराधियों ने मिलकर 14 नवंबर 2016 को सौरव का अपहरण कर उनके पिता जय कुमार चौधरी से 50 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी.
पिता ने दर्ज कराई थी शिकायत
आरोपियों द्वारा बार-बार फोन कर फिरौती की रकम मांगी जा रही थी. सौरभ के पिता जय कुमार चौधरी ने 30 लाख रुपये देने का वादा भी किया था. मगर आरोपियों ने मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद सौरभ के पिता ने नगर थाना में इसकी शिकायत दर्ज करा दी.
6 अपराधियों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने छानबीन शुरू कर 28 फरवरी 2017 को इन 6 अपराधियों को गिरफ्तार भी कर लिया. इसके बाद सभी अपराधियों की निशानदेही पर 1 मार्च 2017 को मनिहारी के बाघमारा में दीपक झा के खेत से सौरव का शव बरामद किया गया.
दो अपराधी नाबालिक
इसके बाद मामले की सुनवाई न्यायालय में शुरू हुई. इसमें दो अपराधी संजय शर्मा और किशुन शर्मा को नाबालिक पाया गया, जिसे न्यायालय द्वारा बाल सुधार गृह पूर्णिया में रखा गया. लेकिन किशुन शर्मा बाल सुधार गृह पूर्णिया से मौका देख फरार हो गया. वहीं, संजय शर्मा को न्यायालय द्वारा बेल दे दिया गया.
मंडल कारा में काटेंगे सजा
इस पर जानकारी देते हुए कटिहार जिला एवं सत्र न्यायालय के अधिवक्ता संजय सिंह ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मलिक के द्वारा सभी चारों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. फिलहाल चारों अभियुक्तों को कटिहार के मंडल कारा में आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए बंद कर दिया गया है.