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बाढ़ पीड़ितों का दर्द सुनिए, बोले- 8 दिनों से परेशान हैं, गांव छोड़कर जा रहे हैं

भारी बारिश के कारण गंगा नदी के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी हुई है. इससे जिले के कई गांव में बाढ़ की स्तिथि उत्पन्न हो गई है. जिले के बरारी, कुर्सेला, मनिहारी और अमदाबाद प्रखण्डों में बाढ़ आई हुई है. लाखों लोगों को मुसीबात का सामना करना पड़ रहा है.

गांव में बह रही नदी
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Published : Oct 2, 2019, 9:22 AM IST

कटिहार: जिले में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश रुक गयी है. लेकिन नदियों में आये उफान के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. गंगा नदी के तट से सटे बरारी प्रखण्ड के कई गांव में नदी का पानी घुस गया है. गांवों में आये नदी के पानी में करेंट है. इससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने में भई जान जोखिम में डालना पड़ रहा है. वहीं, इन लोगों को प्रशासनिक स्तर पर हल्की-फुल्की सुविधा मुहैया कराई गई है.

गांव छोड़कर जा रहे लोग
बाढ़ पीड़ित सदानन्द साह ने बताया कि बाढ़ के कारण काफी परेशानी हो रही है. यह स्तिथि करीब आठ दिनों से है. घर-आंगन सभी जगह पानी ही पानी है. पानी के बढ़ने के कारण गांव छोड़कर हमलोग जा रहे हैं. बाढ़ पीड़ित जेठा मुर्मू ने कहा कि पहले तो बारिश ने मारा और अब बाढ़ के पानी से जीना मुहाल हो गया है. बाढ़ के पानी के कारण हमलोगों का घर टूट गया है. रहने का कोई जगह नहीं है. काफी परेशानी हो रही है. प्रशासन ने प्लास्टिक दिया है लेकिन सूखा जगह नहीं होने के कारण कहां रहेंगे. साथ ही उन्होंने सरकार से बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान मुहैया कराने की अपील की.

बाढ़ पीड़ितों ने सुनाया दर्द

कई गांव में बाढ़ की स्थिति
बता दें कि भारी बारिश के कारण गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. इससे जिले के कई गांव में बाढ़ की स्तिथि उत्पन्न हो गई है. जिले के बरारी, कुर्सेला, मनिहारी और अमदाबाद प्रखण्डों में बाढ़ आई हुई है. लाखों लोगों को मुसीबात का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मदद के नाम पर खानापुर्ती की जा रही है.

katihar news
गांव छोड़कर जाते ग्रामीण

कटिहार: जिले में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश रुक गयी है. लेकिन नदियों में आये उफान के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. गंगा नदी के तट से सटे बरारी प्रखण्ड के कई गांव में नदी का पानी घुस गया है. गांवों में आये नदी के पानी में करेंट है. इससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने में भई जान जोखिम में डालना पड़ रहा है. वहीं, इन लोगों को प्रशासनिक स्तर पर हल्की-फुल्की सुविधा मुहैया कराई गई है.

गांव छोड़कर जा रहे लोग
बाढ़ पीड़ित सदानन्द साह ने बताया कि बाढ़ के कारण काफी परेशानी हो रही है. यह स्तिथि करीब आठ दिनों से है. घर-आंगन सभी जगह पानी ही पानी है. पानी के बढ़ने के कारण गांव छोड़कर हमलोग जा रहे हैं. बाढ़ पीड़ित जेठा मुर्मू ने कहा कि पहले तो बारिश ने मारा और अब बाढ़ के पानी से जीना मुहाल हो गया है. बाढ़ के पानी के कारण हमलोगों का घर टूट गया है. रहने का कोई जगह नहीं है. काफी परेशानी हो रही है. प्रशासन ने प्लास्टिक दिया है लेकिन सूखा जगह नहीं होने के कारण कहां रहेंगे. साथ ही उन्होंने सरकार से बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान मुहैया कराने की अपील की.

बाढ़ पीड़ितों ने सुनाया दर्द

कई गांव में बाढ़ की स्थिति
बता दें कि भारी बारिश के कारण गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. इससे जिले के कई गांव में बाढ़ की स्तिथि उत्पन्न हो गई है. जिले के बरारी, कुर्सेला, मनिहारी और अमदाबाद प्रखण्डों में बाढ़ आई हुई है. लाखों लोगों को मुसीबात का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मदद के नाम पर खानापुर्ती की जा रही है.

katihar news
गांव छोड़कर जाते ग्रामीण
Intro:.....कटिहार में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश तो थम गयी लेकिन नदियों में आये उफान की वजह से लोगों के लिये भारी परेशानी पैदा कर दी । सबसे ज्यादा बुरा हाल तो गंगा नदी से सटे बरारी प्रखण्ड का हैं जहाँ गाँव ही नदी की धारा में तब्दील हो गयी हैं । प्रकृति का कहर से बचने के लिये लोगों के पास कोई उपाय नही हैं क्योंकि चारों ओर फैले पानी मे कोई ऊँचा स्थान या महफूज ठिकाना नहीं हैं जहाँ शरण लिया जा सकें ......।


Body:यह कटिहार जिले के बरारी प्रखण्ड का राजापाकर गाँव का हैं जहाँ आप देख सकते हैं कि किस तरह गंगा नदी का रौद्र रूप इलाके के लीगों पर कहर बनकर टूट पड़ा हैं । जिस इलाके में लोग रहते हैं वहाँ पानी की धारा बह रही हैं जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी हैं .....। बताया जाता हैं कि बीते दिनों हुए बारिश की वजह से समीप से गुजरने वाली गंगा नदी उफना गयी और देखते ही देखते इसने गाँव को अपने आगोश में ले लिया । पूरा का पूरा जलमग्न हैं और इस सबके बीच परेशानी यह हैं कि गाँव मे आया पानी स्थिर जल नहीं हैं बल्कि इस पानी मे करेंट हैं जिस कारण लोग इधर - उधर ऊँचे स्थान पर जा नहीं सकते या सुरक्षित स्थानों पर शरण ले नही सकते । किसी तरह युवा लोग जैसे - तैसे जान - जोखिम में डाल हल्की - फुल्की आवाजाही करते हैं लेकिन अधिकाँश लोग अपने - अपने घरों में कैद हैं ....। राजापाकर गाँव के सदानन्द साह बताते हैं कि पानी ने तबाही पैदा कर दी हैं । घर - आँगन सभी जगह पानी ही पानी हैं । राजापाकर गाँव के ही जेठा मुर्मू बताते हैं कि पहले तो बारिश ने मारा और अब बाढ़ के पानी से जीना मुहाल हो गया हैं .....।


Conclusion:कटिहार जिले के बरारी , कुर्सेला , मनिहारी और अमदाबाद प्रखण्डों ने बाढ़ ने अपना तांडव मचा रखा हैं जिससे लाखों लोगों के सामने मुसीबत आ खड़ी हुई हैं । प्रशासनिक मदद ना के बराबर हैं और अब इस बाढ़ पीड़ितों का भगवान ही मालिक हैं .....।
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