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कटिहार: जिला प्रशासन ने की डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरुआत, घूम-घूम कर देगी अनाज आने की सूचना

उन्होंने बताया कि दो मोबाइल ऐप की भी शुरुआत की गई है. जन वितरण प्रणाली दुकानदार अन्नपूर्णा मोबाइल ऐप के माध्यम से इस बात से अवगत हो जाएंगे कि महीने का खाद्यान्न आ गया है.

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Published : Feb 5, 2020, 7:35 PM IST

katihar
डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरुआत

कटिहार: जिले में राशन वितरण में कहीं न कहीं से कालाबाजारी की शिकायत मिलती रहती थी. इसी अनाज की कालाबाजारी को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरुआत की है, जो अनाज खाद्यान्न से अनाज उठाकर सीधे पीडीएस दुकानदारों को सप्लाई करेगा. इस डोर स्टेप डिलीवरी वैन में एक जिंगल बेल लगाया गया है. जिससे लोगों को पता चल सकेगा कि पीडीएस दुकानदार के पास अनाज पहुंच गया है.

80 डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरूआत
जिलाधिकारी पूनम कुमारी ने कुल 80 डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरुआत की. जो सभी पंचायतों में घूम-घूम कर यह प्रचारित करेगा कि 3 रुपये प्रति किलो की दर से चावल और 2 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं दिया जाएगा. जिला प्रशासन की डोर स्टेप डिलीवरी वैन से पीडीएस दुकानदारों को अनाज पहुंचाने की ठोस कदम से पारदर्शिता आएगी. साथ ही भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगने के आसार हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

कालाबाजारी पर लगेगा अंकुश
एसएफसी के जिला प्रबंधक गया नंद यादव ने बताया कि खाद्यान्न परिवहन में मेटल शीट अधिष्ठापन कर लोगों के बीच राष्ट्रीय खाद सुरक्षा और उससे जुड़ी बातों का प्रचार प्रसार किया जाएगा. साथ ही वाहनों में म्यूजिक सिस्टम लगातार बजते हुए परिचालन होने से राज्य खाद्य निगम के वाहनों को पहचान मिलेगी. इससे खाद्यान्न के वितरण और कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा.

दो मोबाइल ऐप की शुरूआत
एसएफसी के जिला प्रबंधक गया नंद यादव ने बताया कि डोर स्टेप डिलीवरी वाहन की संख्या लगभग 80 है. जो पूरे जिले में डीलर के पास राशन आने के बाद घूम-घूम कर प्रचार करेगी. उन्होंने बताया कि दो मोबाइल ऐप की भी शुरूआत की गई है. जन वितरण प्रणाली दुकानदार अन्नपूर्णा मोबाइल ऐप के माध्यम से इस बात से अवगत हो जाएंगे कि महीने का खाद्यान्न आ गया है. जबकि एसएससी मॉनिटरिंग ऐप के माध्यम से गोदामों पर खाद्यान्न पहुंचाने और निर्गमन से जुड़ी जानकारी जन वितरण प्रणाली दुकानदार तक भेजी जाएगी.

कटिहार: जिले में राशन वितरण में कहीं न कहीं से कालाबाजारी की शिकायत मिलती रहती थी. इसी अनाज की कालाबाजारी को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरुआत की है, जो अनाज खाद्यान्न से अनाज उठाकर सीधे पीडीएस दुकानदारों को सप्लाई करेगा. इस डोर स्टेप डिलीवरी वैन में एक जिंगल बेल लगाया गया है. जिससे लोगों को पता चल सकेगा कि पीडीएस दुकानदार के पास अनाज पहुंच गया है.

80 डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरूआत
जिलाधिकारी पूनम कुमारी ने कुल 80 डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरुआत की. जो सभी पंचायतों में घूम-घूम कर यह प्रचारित करेगा कि 3 रुपये प्रति किलो की दर से चावल और 2 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं दिया जाएगा. जिला प्रशासन की डोर स्टेप डिलीवरी वैन से पीडीएस दुकानदारों को अनाज पहुंचाने की ठोस कदम से पारदर्शिता आएगी. साथ ही भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगने के आसार हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

कालाबाजारी पर लगेगा अंकुश
एसएफसी के जिला प्रबंधक गया नंद यादव ने बताया कि खाद्यान्न परिवहन में मेटल शीट अधिष्ठापन कर लोगों के बीच राष्ट्रीय खाद सुरक्षा और उससे जुड़ी बातों का प्रचार प्रसार किया जाएगा. साथ ही वाहनों में म्यूजिक सिस्टम लगातार बजते हुए परिचालन होने से राज्य खाद्य निगम के वाहनों को पहचान मिलेगी. इससे खाद्यान्न के वितरण और कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा.

दो मोबाइल ऐप की शुरूआत
एसएफसी के जिला प्रबंधक गया नंद यादव ने बताया कि डोर स्टेप डिलीवरी वाहन की संख्या लगभग 80 है. जो पूरे जिले में डीलर के पास राशन आने के बाद घूम-घूम कर प्रचार करेगी. उन्होंने बताया कि दो मोबाइल ऐप की भी शुरूआत की गई है. जन वितरण प्रणाली दुकानदार अन्नपूर्णा मोबाइल ऐप के माध्यम से इस बात से अवगत हो जाएंगे कि महीने का खाद्यान्न आ गया है. जबकि एसएससी मॉनिटरिंग ऐप के माध्यम से गोदामों पर खाद्यान्न पहुंचाने और निर्गमन से जुड़ी जानकारी जन वितरण प्रणाली दुकानदार तक भेजी जाएगी.

Intro:कटिहार

अनाजों की कालाबाजारी पर रोक थाम के लिए जिला प्रशासन की ठोस कदम, जिले में शुरू की गई डोर स्टेप डिलीवरी वैन, अब पीडीएस दुकानदारों को डोर स्टेप डिलीवरी वैन के माध्यम से पहुंचाई जाएगी अनाज, साथ ही इस डिलीवरी वैन में लगी रहेगी म्यूजिक जिंगल, ताकि लोगों को पता चल सके कि पीडीएस दुकानदार के पास पहुंच चुका है अनाज।


Body:ANCHOR_ आए दिन राशन वितरण में कहीं ना कहीं से कोई कालाबाजारी की शिकायत मिलती रहती थी इसी अनाज की कालाबाजारी को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने एक ठोस कदम उठाते हुए डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरुआत की है जो पीडीएस दुकानदारों को अनाज खाद्यान्न से अनाज उठाकर सीधे पीडीएस दुकानदारों को सप्लाई करेगी। इस डोर स्टेप डिलीवरी वैन की खासियत यह है कि इसमें एक जिंगल बेल लगी हुई रहेगी जिससे लोगों को पता चल सकेगा कि पीडीएस दुकानदार के पास अनाज आ गई है और वहां से लोग अनाज उठा सकते हैं।

V.O1_ बता दे जिले में कुल 80 डोर स्टेप डिलीवरी वैन की शुरुआत जिला पदाधिकारी श्रीमती पूनम कुमारी के द्वारा की गई जो सभी पंचायतों में घूम-घूम कर यह प्रचारित करेगा कि ₹3 प्रति किलो की दर से चावल तथा ₹2 प्रति किलो की दर से गेहूं दिया जाएगा। जिला प्रशासन की डोर स्टेप डिलीवरी वैन से पीडीएस दुकानदारों को अनाज पहुंचाने की ठोस कदम से अब पारदर्शिता एवं सुचिता आएगी तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सफलता हाथ लगने के आसार हैं।

V.O2_ बताते चलें कि डीलर के पास खाद्यान्न पहुंचने के बाद भी कई बार लाभुकों को सूचना नहीं मिल पाती थी लेकिन अब इस डोर स्टेप डिलीवरी वाहन जिसमें जिंगल बेल लगी हुई है सभी पंचायतों में घूम घूम कर यह प्रचारित करेगा कि लाभुकों का राशन संबंधित डीलर के पास आ चुका है और लोग वहां से अनाज उठा सकते हैं।

BYTE1_ एसएफसी के जिला प्रबंधक गया नंद यादव बताते हैं खाद्यान्न परिवहन में प्रयुक्त वाहनों में मेटल शीट अधिष्ठापन कर आकर्षक एवं टिकाऊ प्लैक्स के माध्यम से जनसाधारण के बीच राष्ट्रीय खाद सुरक्षा एवं उससे जुड़ी बातों का प्रचार प्रसार किया जाएगा तथा वाहनों में म्यूजिक सिस्टम के साथ जिंगल लगातार बजते हुए परिचालन होने से राज्य खाद्य निगम के वाहनों को पहचान मिलेगी एवं खाद्यान्न का वितरण एवं कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा। इनका मानना है इस माध्यम के जरिए अनाज भंडारों से अनाजों का सप्लाई सीधा पीडीएस दुकानदारों तक की जाएगी।



Conclusion:एसएफसी के जिला प्रबंधक गया नंद यादव ने बताया कि डोर स्टेप डिलीवरी वाहन की संख्या लगभग 80 है और पूरे जिले में डीलर के पास राशन आने के बाद घूम घूम कर प्रचार करेगी। उन्होंने बताया कि आज दो मोबाइल ऐप का भी शुरुआत किया गया है। जन वितरण प्रणाली दुकानदार को अन्नपूर्णा मोबाइल ऐप के माध्यम से इस बात से अवगत हो जाएंगे कि उक्त माह का खाद्यान्न आ गया है जबकि एसएससी मॉनिटरिंग ऐप के माध्यम से गोदामों पर खाद्यान्न पहुंचाने एवं निर्गमन से जुड़ी जानकारी जन वितरण प्रणाली दुकानदार तक भेजी जाएगी। अब देखना दिलचस्प होगा जिला प्रशासन के इस कदम के बाद अनाजों की कालाबाजारी पर रोक लग पाती है या नहीं?
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