कटिहार: दुनियाभर में सिंगल यूज प्लास्टिक एक प्रमुख समस्या बन चुकी है. इससे निजात पाने के लिए देशभर में अभियान चलाए जा रहे हैं. सरकार की ओर से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इसके उपयोग को कम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से इसको बैन करने पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार समाज के लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौटने लगी है. धीरे-धीरे मिट्टी के बर्तनों की मांग बाजार में बढ़ने लगी है.
'प्लास्टिक की वजह से छोड़ा था पुश्तैनी काम'
कुम्हार सुखदेव पंडित बताते हैं, यह हमारा पुश्तैनी धंधा है. इसके आलावे हमें कोई अन्य काम नहीं आता. प्लास्टिक के कारण हमारे काम पर ग्रहण लग गया था. जिस वजह से हमें अपने काम को छोड़कर अन्य प्रदेशों में मजदूरी के लिए जाना पड़ता था.
'इलेक्ट्रिक चाक की व्यवस्था कराए सरकार'
मिट्टी के बर्तन बनाने वाले सुखदेव पंडित के अलावा कई कुम्हारों ने ईटीवी के माध्यम से सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार ने जिस तरह प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर हमारे पुश्तैनी काम को फिर से पुनर्जिवित किया है. उसी प्रकार हमलोगों के लिए एक इलेक्ट्रिक चाक की व्यवस्था करा दे. जिससे हमलोगों का काम आसान हो सके और हमारे स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकुल असर न पड़े.
शीतकालीन विधानसभा सत्र में उठाया जाएगा मुद्दा- विधायक
इस मामले पर जिले के स्थानीय विधायक तारकिशोर प्रसाद ने ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए कहा कि कुम्हारों की इस आवाज को शीतकालीन विधानसभा सत्र में गंभीरता से उठाया जाएगा. उन्होंने बताया कि बाजार में प्लास्टिक आने के बाद मिट्टी के बर्तनों की मांग कम हो गई थी. जिससे कुम्हार समाज का एक बड़ा तबका बेरोजगार होता चला गया था. लेकिन प्रधानमंत्री ने प्लास्टिक को बैन कर इस समाज से जुड़े लोगों को एक तोहफा दे दिया है.
सिंगल यूज प्लास्टिक से फैलती है गंभीर बिमारियां
सदर विधायक ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक से वातावरण के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियां भी आम लोगों के शरीर में प्रवेश कर रही थी. लेकिन अब धीरे-घीरे ही सही लोग इसका उपयोग कम कर पुराने दौर में लौटने लगे हैं. उन्होंने कुम्हार समाज के लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार इस समाज के लिए जल्द ही एक योजना बनाएगी. जिससे इस समाज के लोगों का भविष्य उज्जवल हो सके.