कटिहार: कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में दूसरे प्रदेशों से लाखों प्रवासी मजदूर बिहार अपने घर वापस लौटे थे, जिन्हें बिहार सरकार ने रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आज भी कई मजदूर रोजगार के अभाव में फिर से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.
कटिहार जिले में करीब एक लाख मजदूर दूसरे प्रदेशों से लौटे थे, लेकिन एक बार फिर यह मजदूर दिल्ली, पंजाब जाने को मजबूर है. वहीं, जिला प्रशासन लगातार दावा कर रहा है कि हम ऐसे मजदूरों को विभिन्न माध्यमों से रोजगार दे रहे हैं, लेकिन बावजूद लोगों का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
कांग्रेसी विधायक ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर बोला हमला
वहीं, कटिहार के कदवा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने श्रमिक मजदूरों के रोजगार को लेकर बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने बताया कि बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है. जबकि, बेरोजगारी चरम सीमा पर पहुंच गई है और देश की जीडीपी पूरे विश्व में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है.
बिहार सरकार मजदूरों को पैसे न देने का लगाया आरोप
विधायक ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान क्वारंटाइन किए गए श्रमिक मजदूरों को राज्य सरकार ने 1000 रुपये देने का वादा किया था और इसके लिए बिहार सरकार से सवाल किया और आरटीआई के जरिए जवाब भी मांगा, लेकिन उसका जवाब अभी तक नहीं मिला है, उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जो दावा कर रही है वह बिल्कुल झूठ है कि बिहार में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है.
पीएम पर बोला हमला
विधायक शकील अहमद खान ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला और कहा कि देश के प्रधान सेवक पिछले 6 साल से दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का झूठा दावा कर रहे है, लेकिन अभी के हालात में देश के 1 करोड़ 20 लाख लोगों का रोजगार छीन गया है और 10 करोड़ लोग बेरोजगारी के कगार पर चले गए है,
विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा असर
विधायक ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य अहम मुद्दा माना जा रहा है और चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा, उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा बदहाल है और रोजगार का कोई अवसर नहीं है, जिस कारण लोगों का पलायन जारी है और आज प्रतिदिन जिले से हजारों मजदूर दूसरे प्रदेशों में जाने को मजबूर है.