कटिहार: जिले में एक महिला मॉब लिंचिग का शिकार होते-होते बची. कुछ लोग महिला के साथ मारपीट करने वाले थे. लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से महिला को बचा लिया गया. इतना ही नहीं पुलिस की छानबीन से पता चला कि यह महिला नालंदा की रहने वाली है. वो 12 साल पहले गुमशुदा हो गई थी. वहीं इस महिला को उनके परिवार को सही सलामत सौंप दिया गया.
महिला को मॉब लिंचिग के शिकार से पुलिस ने बचाया
12 साल बाद अपनी मां को पाकर एक बेटा, एक बेटी, और अपनी पत्नी को पाकर एक पति कितने खुश हुए होंगे इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. गांव में जिसने भी इस बात को सुना सबने दांतों तले उंगली दबा ली. बेलौन थाना क्षेत्र के बलिया गांव में किरण कुमारी अपने परिवार से पूरे 12 साल बाद मिली. घटना 15 सितंबर के रात की है. जब किरण को भीड़ ने बच्चा चोर शक के कारण घेर लिया गया. बताया जाता है कि किरण मानसिक रूप से बीमार है. भीड़ ने उसको बच्चा चोर समझ लिया, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी जैसे ही मिली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की.
12 साल पहले खोयी मां को पाकर बच्चे हुए खुश
एएसपी हरी मोहन शुक्ला ने बताया 15 सितम्बर को बलिया बेलोन पंचगछि चौक में जब एक महिला को भीड़ ने बच्चा चोर कह कर उनके साथ मारपीट कर दी. बेलोन पुलिस ने जल्द ही कार्रवाई कर तुरंत महिला को भीड़ से बाहर निकाल लिया. वहीं इस मामले को लेकर मारपीट करने वाले के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया. इसके बाद पीडि़त महिला के साथ काफी अच्छे व्यवहार से और काफी अच्छे वातावरण में पूछताछ की गई. पूछताछ में उन्होंने अपना नाम किरण कुमारी और पति का नाम और अपना पता बताया.
कैसे लगाया पुलिस ने पता
पीड़ित महिला के जानकारी अनुसार पुलिस ने कटिहार जिला से नालन्दा जिला में सम्पर्क किया.जहां उसने अपना घर बताया था. तो पूरी बात सामने आई कि नालंदा में सच में उनका परिवार है. वहां से किरण के बेटा-बेटी को बुलाया गया. उनके आने पर किरण को उनके परिवार को सौंप दिया गया. वहीं इस घटना से परिवार के लोग बहुत खुश हैं. उन लोगों ने बताया कि मां 12 वर्ष पहले लापता हो गयी थी और उसके बाद काफी खोजबीन से नहीं मिली. उन लोगों ने उनका हिन्दू रीति रिवाज के अुनसार किरण का क्रियाकर्म तक कर दिया था. पुलिस को साधुवाद दिया है. बलिया बेलौन पुलिस टीम की अच्छी पहल के लिए उन्हें इनाम मिलना चाहिए.
परिवार में आई खुशी की लहर
पीड़ित मां के बेटे सूर्यकांत पटेल ने बताया कि बलिया बेलौन थाना पुलिस की ओर से मोबाइल पर खबर मिली. पुलिस ने बताया कि मेरी 12 साल पहले खोयी मां जिंदा है. उसने बताया कि बिछड़ने से दो ढाई साल पहले इनका मानसिक बीमारी का इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान ही यह बिछड़ गयी. बहुत खोजबीन किए जाने पर भी पता नहीं चल पाया. स्थानीय थाना में रिपोर्ट भी लिखवाया गया इसके बावजूद भी पता नहीं चल सका. इस दौरान छोटी बहन की शादी हो गयी. शादी के डेढ़ वर्ष बाद जो मान्यताएं होती है उसी हिसाब से परिजन के कहने पर दाहसंस्कार कर दिया गया. अब आज पता चला है अचानक मां जिंदा है हमारा परिवार बहुत खुश है.
पुलिस की अच्छी पहल
काउंसलर विभाग रविंद्र मिश्रा ने बताया कि यह पुलिस की अच्छी पहल है कि 2007 में बिछड़ी महिला को उनके परिवार से मिलवा दिया. ऐसी घटना देखकर बहुत ही आश्चर्य होता है. उन्होंने कहा कि कहा गया है जाको राखे सईंया मार सके ना कोय.