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कटिहारः लोग बुनियाद संजीवनी सेवा का उठा रहे हैं लाभ, मुख्यमंत्री ने किया था उद्धाटन

सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक राजीव रंजन बताते हैं कि सीएम नीतीश की ओर से 2 साल पहले संजीवनी बुनियाद सेवा की शुरुआत की गई थी. जिसका उद्देश्य था कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम मोबाइल थेरेपी वैन के जरिए दिव्यांग, वृद्ध और विधवाओं का इलाज किया जा सके.

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Published : Dec 26, 2019, 3:30 PM IST

कटिहारः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 साल पहले बुनियाद संजीवनी सेवा की शुरुआत की थी. यह सेवा विशेष रूप से वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के लिए शुरू की गई थी. इसके तहत लोग अपने आंख, कान और नाक का इलाज आसानी से करवा रहे हैं. साथ ही फिजियोथेरेपी का भी लाभ लोगों को मिल रहा है.

इन लोगों के लिए है बुनियाद संजीवनी सेवा
जिले के बुनियाद केंद्रों पर 60 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी महिला और पुरुषों के इलाज की व्यवस्था है. साथ ही यहां 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी विधवा महिलाओं की भी इलाज होता है. वहीं, शारीरिक, मानसिक और अन्य किसी भी प्रकार के विकलांगता से ग्रसित किसी भी आयु और वर्ग के महिला, पुरुष और बच्चों का इलाज किया जाता है.

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मोबाइल थेरेपी वैन

ये भी पढ़ेः आज से जनता को 'समझाने-देश बचाने' बिहार की यात्रा पर निकलेंगे उपेंद्र कुशवाहा

क्या है मोबाइल थेरेपी वैन
सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक राजीव रंजन बताते हैं कि सीएम नीतीश की ओर से 2 साल पहले संजीवनी बुनियाद सेवा की शुरुआत की गई थी. जिसका उद्देश्य था कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम मोबाइल थेरेपी वैन के जरिए दिव्यांग, वृद्ध और विधवाओं का इलाज किया जा सके. साथ ही वैन में उपलब्ध सुविधाओं की सहायता से लाभार्थियों को फिजियोथेरेपी, आंख-कान की जांच और परामर्शन, वाक और श्रवण संबंधित अन्य सुविधाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने बताया कि जिले में तीन बुनियाद केंद्र है. जिसमें एक पूर्ण रूप से काम कर रही हैं, वहीं दो अन्य बुनियाद केंद्र जल्द ही शुरू कर दी जाएगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

क्या कहते हैं ग्रामीण
यहां अपने दिव्यांग बेटे का इलाज कराने पहुंचे गिरधारी मंडल बताते हैं कि बुनियाद संजीवनी सेवा के तहत लोगों का आसानी से इलाज किया जा रहा है. यह गाड़ी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर लोगों का इलाज कर रहा है. जिससे ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है.

कटिहारः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 साल पहले बुनियाद संजीवनी सेवा की शुरुआत की थी. यह सेवा विशेष रूप से वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के लिए शुरू की गई थी. इसके तहत लोग अपने आंख, कान और नाक का इलाज आसानी से करवा रहे हैं. साथ ही फिजियोथेरेपी का भी लाभ लोगों को मिल रहा है.

इन लोगों के लिए है बुनियाद संजीवनी सेवा
जिले के बुनियाद केंद्रों पर 60 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी महिला और पुरुषों के इलाज की व्यवस्था है. साथ ही यहां 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी विधवा महिलाओं की भी इलाज होता है. वहीं, शारीरिक, मानसिक और अन्य किसी भी प्रकार के विकलांगता से ग्रसित किसी भी आयु और वर्ग के महिला, पुरुष और बच्चों का इलाज किया जाता है.

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मोबाइल थेरेपी वैन

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क्या है मोबाइल थेरेपी वैन
सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक राजीव रंजन बताते हैं कि सीएम नीतीश की ओर से 2 साल पहले संजीवनी बुनियाद सेवा की शुरुआत की गई थी. जिसका उद्देश्य था कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम मोबाइल थेरेपी वैन के जरिए दिव्यांग, वृद्ध और विधवाओं का इलाज किया जा सके. साथ ही वैन में उपलब्ध सुविधाओं की सहायता से लाभार्थियों को फिजियोथेरेपी, आंख-कान की जांच और परामर्शन, वाक और श्रवण संबंधित अन्य सुविधाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने बताया कि जिले में तीन बुनियाद केंद्र है. जिसमें एक पूर्ण रूप से काम कर रही हैं, वहीं दो अन्य बुनियाद केंद्र जल्द ही शुरू कर दी जाएगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

क्या कहते हैं ग्रामीण
यहां अपने दिव्यांग बेटे का इलाज कराने पहुंचे गिरधारी मंडल बताते हैं कि बुनियाद संजीवनी सेवा के तहत लोगों का आसानी से इलाज किया जा रहा है. यह गाड़ी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर लोगों का इलाज कर रहा है. जिससे ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है.

Intro:कटिहार

जिले में लोगों के लिए कारगर साबित हो रही है बुनियाद संजीवनी सेवा, वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांगों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 साल पहले शुरू की थी बुनियाद संजीवनी सेवा, गांव-गांव घूमकर लोगों को इलाज कर रही है मोबाइल थेरेपी वैन, अत्याधुनिक उपकरणों से लैस संजीवनी बुनियाद सेवा में लोगों को मिल सकेगी आंख, कान नाक का इलाज एवं फिजियोथेरेपी का लाभ।


Body:Anchor_ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2 साल पहले दिव्यांगजनों, वृद्धजनों एवं विधवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा और देखभाल सेवा मोबाइल थेरेपी वैन का शुरुआत किया था। मोबाइल पर अपनी बहन गांव-गांव में घूमकर लोगों को समुचित इलाज का व्यवस्था करती है। बता दें कि मोबाइल थेरेपी वैन में फिजियोथेरेपी के साथ-साथ विधवा, वृद्ध और दिव्यांगजनों को आंख कान, वाक के इलाज का समुचित व्यवस्था है। साथ ही साथ अधिक जटिल समस्याओं से ग्रसित लोगों को बुनियाद केंद्र पहुंचाने की भी व्यवस्था है।

V.O1_वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांगजनों के समुचित इलाज के लिए कटिहार जिले में भी तीन बुनियाद केंद्र खोला गया था जिसमें कटिहार अनुमंडल का बुनियाद केंद्र में लोगों को इलाज के साथ सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। बता दें कि जिले में चलाई जा रही संजीवनी बुनियाद सेवा लोगों के लिए कारगर साबित हो रही है मोबाइल थेरेपी वैन गांव-गांव में घूमकर लोगों को इलाज मुहैया करा रही है।

V.O2_जिले के बुनियाद केंद्रों पर 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी महिला और पुरुषों को इलाज की व्यवस्था है। साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी विधवा महिलाओं की भी इलाज मुहैया कराई जाती है वही शारीरिक मानसिक एवं अन्य किसी भी प्रकार के विकलांगता से ग्रसित किसी भी आयु वर्ग के महिला पुरुष एवं बच्चे को इलाज किया जाता है।

Byte1_अपने दिव्यांग बेटे का इलाज कराने पहुंचे गिरधारी मंडल बताते हैं बुनियाद संजीवनी सेवा में लोगों का इलाज किया जा रहा है और लोगों को यह गाड़ी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में घूम घूम कर इलाज भी कर रहा है।

byte2_ सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक राजीव रंजन बताते हैं मुख्यमंत्री जी के द्वारा दो साल पहले संजीवनी बुनियाद सेवा की शुरुआत की गई थी जिसका उद्देश्य था कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर यह मोबाइल थेरेपी वैन दिव्यांग, वृद्धजन एवं विधवाओं का इलाज करें। साथ ही वैन में उपलब्ध सुविधाओं की सहायता से लाभार्थियों को सेवाएं जैसे फिजियोथेरेपी, आंख कान की जांच एवं परामर्शन, वाक तथा श्रवण संबंधित जांच हो सके। इन्होंने बताया जिले में तीन बुनियाद केंद्र है जिसमें एक पूर्ण रूप से काम कर रही हैं वहीं दो अन्य बुनियाद केंद्र को जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।


Conclusion:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने जिस उद्देश्य से बुनियाद केंद्र की शुरुआत की थी आज वह जिले में दिव्यांग, विधवा एवं वृद्ध लोगों के लिए कारगर साबित हो रही है। बुनियाद केंद्र में मौजूद मोबाइल थेरेपी वेन सुदूर क्षेत्रों में घूम घूम कर ऐसे लोगों का इलाज मुहैया करा रही है। बुनियाद केंद्र और बुनियाद संजीवनी सेवा से लोगों को लाभ तो मिल ही रहा है लेकिन अब सरकार को चाहिए की ऐसे बुनियाद केंद्र प्रखंड स्तर पर खोल दिया जाए ताकि लोगों को दूर ना जाना पड़े और अपने क्षेत्र में हीं इलाज की सुविधा मुहैया हो सके।
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