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कटिहार में चैती छठ की धूम, छठव्रतियों ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य

कार्तिक छठ की तरह चैती छठ भी चार दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें नहाय खाय, खरणा, संध्या घाट और भोरवा घाट शामिल है.

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Published : Apr 11, 2019, 7:51 PM IST

चैती छठ मनाते श्रद्धालु

कटिहार: जिले की तमाम चैती छठ व्रतियों ने पूरे श्रद्धा भाव से डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. वहीं, जिले के विजय बाबू पोखर में अर्घ्यदान करने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही. पूरे घाट में मेले जैसा नजारा देखने को मिला.

चैती छठ मनाते श्रद्धालु

चार दिनों तक चलने वाला चैती छठ का आज तीसरा दिन है. जिले के कई घाटों में श्रद्धालु भक्ति-भाव से इसे मना रहे हैं. स्थानीय विजय बाबू घाट के अध्यक्ष विकास सिंह बताते हैं कि लोकसभा चुनाव की वजह से यूं तो पूरे देश में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है. लेकिन बिहार में आस्था के महापर्व चैती छठ की धूम है.

chaiti-chhath-puja-2019 in katihar
सूर्य को अर्घ्य देती छठ व्रती

ऐसे मनाते हैं चैती छठ
कार्तिक छठ की तरह चैती छठ भी चार दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें नहाय खाय, खरणा, संध्या घाट और भोरवा घाट शामिल है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को छठ पूजा, डाला छठ, सूर्य षष्ठी पूजा के नाम से भी जाना जाता है. चैती छठ पूजा में शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है.

chaiti-chhath-puja-2019 in katihar
पूजा सामाग्री

कठिन नियम और संयम
पूजा के चारों दिन उपवास के साथ कठिन नियम और संयम का पालन किया जाता है. चैती छठ पूजा महिलाओं के साथ ही पुरुष भी करते हैं. इस पूजा में कोरे और बिना सिले वस्त्र पहनने चाहिए. साथ ही व्रत के चार दिन तक व्रत सांसारिक सुख-साधनों से दूर रहते हैं. सात्विक भोजन ग्रहण करने के साथ इसमें डाला पर ठेकुआ के प्रसाद की जगह फल और मेवों का प्रसाद चढ़ाया जाता है.

कटिहार: जिले की तमाम चैती छठ व्रतियों ने पूरे श्रद्धा भाव से डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. वहीं, जिले के विजय बाबू पोखर में अर्घ्यदान करने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही. पूरे घाट में मेले जैसा नजारा देखने को मिला.

चैती छठ मनाते श्रद्धालु

चार दिनों तक चलने वाला चैती छठ का आज तीसरा दिन है. जिले के कई घाटों में श्रद्धालु भक्ति-भाव से इसे मना रहे हैं. स्थानीय विजय बाबू घाट के अध्यक्ष विकास सिंह बताते हैं कि लोकसभा चुनाव की वजह से यूं तो पूरे देश में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है. लेकिन बिहार में आस्था के महापर्व चैती छठ की धूम है.

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सूर्य को अर्घ्य देती छठ व्रती

ऐसे मनाते हैं चैती छठ
कार्तिक छठ की तरह चैती छठ भी चार दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें नहाय खाय, खरणा, संध्या घाट और भोरवा घाट शामिल है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को छठ पूजा, डाला छठ, सूर्य षष्ठी पूजा के नाम से भी जाना जाता है. चैती छठ पूजा में शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है.

chaiti-chhath-puja-2019 in katihar
पूजा सामाग्री

कठिन नियम और संयम
पूजा के चारों दिन उपवास के साथ कठिन नियम और संयम का पालन किया जाता है. चैती छठ पूजा महिलाओं के साथ ही पुरुष भी करते हैं. इस पूजा में कोरे और बिना सिले वस्त्र पहनने चाहिए. साथ ही व्रत के चार दिन तक व्रत सांसारिक सुख-साधनों से दूर रहते हैं. सात्विक भोजन ग्रहण करने के साथ इसमें डाला पर ठेकुआ के प्रसाद की जगह फल और मेवों का प्रसाद चढ़ाया जाता है.

Intro:......... लोकतंत्र के महापर्व पर भारी पड़ा आस्था का महापर्व चैती छठ .....। श्रद्धालुओं ने किया अस्ताचलगामी को किया अर्घ्यदान ....।


Body:यह दृश्य कटिहार के विजय बाबू पोखर का है जहाँ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्यदान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठा हुई है ....। चार दिनों तक चलने वाला चैती छठ का आज तीसरा दिन हैं जहाँ श्रद्धालु घाटों पर पहुँच कर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्यदान कर रहें हैं । स्थानोय विजय बाबू घाट के अध्यक्ष विकास सिंह बताते हैं कि लोकसभा चुनाव की वजह से यूँ तो पूरे देश में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है लेकिन बिहार में आस्था के महापर्व के आगे लोकतंत्र के महापर्व की धूम फीकी दिखती है और हजारों की तादाद में श्रद्धालु घाटों पर पहुंच कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दान कर रहे हैं.....।


Conclusion:बिहार सहित देश के अन्य हिंदी भाषी राज्यों में छठ पर्व का एक अलग ही महत्त्व है और लोग भगवान सूर्य को दुनिया का सुपर पावर मानकर आस्था जताते हैं ......।
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