कटिहार: जिले की तमाम चैती छठ व्रतियों ने पूरे श्रद्धा भाव से डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. वहीं, जिले के विजय बाबू पोखर में अर्घ्यदान करने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही. पूरे घाट में मेले जैसा नजारा देखने को मिला.
चार दिनों तक चलने वाला चैती छठ का आज तीसरा दिन है. जिले के कई घाटों में श्रद्धालु भक्ति-भाव से इसे मना रहे हैं. स्थानीय विजय बाबू घाट के अध्यक्ष विकास सिंह बताते हैं कि लोकसभा चुनाव की वजह से यूं तो पूरे देश में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है. लेकिन बिहार में आस्था के महापर्व चैती छठ की धूम है.
ऐसे मनाते हैं चैती छठ
कार्तिक छठ की तरह चैती छठ भी चार दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें नहाय खाय, खरणा, संध्या घाट और भोरवा घाट शामिल है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को छठ पूजा, डाला छठ, सूर्य षष्ठी पूजा के नाम से भी जाना जाता है. चैती छठ पूजा में शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है.
कठिन नियम और संयम
पूजा के चारों दिन उपवास के साथ कठिन नियम और संयम का पालन किया जाता है. चैती छठ पूजा महिलाओं के साथ ही पुरुष भी करते हैं. इस पूजा में कोरे और बिना सिले वस्त्र पहनने चाहिए. साथ ही व्रत के चार दिन तक व्रत सांसारिक सुख-साधनों से दूर रहते हैं. सात्विक भोजन ग्रहण करने के साथ इसमें डाला पर ठेकुआ के प्रसाद की जगह फल और मेवों का प्रसाद चढ़ाया जाता है.