कटिहारः जिले के किसानों की आमदनी बढ़ायी जा सके. इसके लिए किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण और सरकार से मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी दी गयी. ताकि मधुमक्खी का पालन करने वाले किसान सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ उठाकर मधुमक्खी पालन कर सकें.
70 किसानों को दिया गया प्रशिक्षण
सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिये कृषि के साथ-साथ मधुमक्खी पालन की योजना चला रही है. मधुमक्खी पालन से जहां ग्रामीण इलाकों में रोजगार का साधन प्राप्त होगा वहीं आमदनी का एक जरिया बढ़ेगा. उसी के तहत कटिहार में 70 किसानों ने मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया ताकि आमदनी बढ़ायी जा सके.
स्वरोजगार का बेहतर साधन है
इस दौरान आत्मा के परियोजना निदेशक जितेन्द्र कुमार ने बताया कि देशभर में मधुमक्खी पालन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. मधु मक्खियां मौन समुदाय में रहने वाले कीट वर्ग की जंगली जीव है. इन्हें अपनी आदतों के अनुकूल कृत्रिम ग्रह में पालकर उनकी वृद्धि करने, शहद और मोम प्राप्त करने को मधुमक्खी पालन कहते हैं. इनसे शहद और मोम के अतिरिक्त गोंद भी प्राप्त होता है. मधुमक्खी पालन स्वरोजगार का सबसे बेहतर साधन है. जहां लोग कम लागत में अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं.
एक बॉक्स की कीमत करीब चार हजार रुपये की होती हैं जिसमें मधुमक्खी , छत्ता सहित बक्सा भी रहता है. किसानों को मधुमक्खी पालन योजना के तहत एक बक्शे पर 75 प्रतिशत अनुदान सरकार के द्वारा दिया जाता है. पहले बैच में जिले में 70 किसानों ने पांच दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण दिया गया और अब अगले बैच में भी इतने किसानों को प्रशिक्षण देने की योजना है. उन्होंने बताया कि बीच मे कोरोना काल की वजह से प्रशिक्षण में थोड़ी दिक्कतें आयी थी लेकिन अब समस्याएं को दूर कर लिया गया है.