कटिहार: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 संपन्न हो चुका है और नतीजा भी सामने आ गया है. 125 सीट जीतकर एनडीए एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है. इस चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बने हुए हैं. एआईएमआईएम बिहार विधानसभा चुनाव में 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें सीमांचल के 5 सीटों पर जीत हासिल किया है.
पांच सीटों पर जमाया कब्जा
एआईएमआईएम को महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस पार्टी असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का बी टीम और इन्हें वोट कटवा पार्टी भी कहते हैं. लेकिन इस वोट कटवा पार्टी ने सीमांचल के पूर्णिया अररिया और किशनगंज में अपनी जीत का परचम लहराते हुए 5 सीटों पर कब्जा जमाया और महागठबंधन को भारी नुकसान पहुंचाया है.
उम्मीदवार नहीं बचा सके जमानत
जिले के तीन विधानसभा सीटों पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन कटिहार में असदुद्दीन ओवैसी का जादू देखने को नहीं मिला. कटिहार में तीनों उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा सके. प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र से ख्वाजा हसन महमूद, मनिहारी विधानसभा सीट से गोरेटी मुर्मू और बरारी विधानसभा सीट से राकेश कुमार रोशन को एआईएमआईएम ने अपना उम्मीदवार बनाया था.
निरज कुमार को हार का करना पड़ा सामना
बरारी विधानसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम उम्मीदवार राकेश कुमार रोशन को 6,598 वोट प्राप्त हुए. वहीं मनिहारी विधानसभा क्षेत्र से गोरेटी मुर्मू को 2,475 और प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र से हसन महमूद अहमद को मात्र 508 वोट प्राप्त हुए हैं. बरारी विधानसभा सीट से राकेश रोशन चुनाव तो नहीं जीत सके, लेकिन महागठबंधन के उम्मीदवार नीरज कुमार के हार का कारण जरूर बने. बरारी विधानसभा सीट से राजद के नीरज कुमार यादव करीब 10 हजार वोटों से चुनाव हारे. महागठबंधन के वोट बैंक में सेंधमारी के कारण एआईएमआई एम के उम्मीदवार को 6,598 वोट प्राप्त हुए, लिहाजा नीरज कुमार को हार का सामना करना पड़ा.