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कटिहार: उद्घाटन के बाद से ही ART सेंटर बंद, HIV पीड़ितों के लिए लाखों की लागत से हुआ था निर्माण

कटिहार में एचआईवी एड्स पीड़ितों की संख्या कम नहीं हो रही है. वहीं, सदर अस्पताल में बना लाखों की लागत से बना अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एआरटी केंद्र अभी बंद पड़ा हुआ है.

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Published : May 28, 2019, 8:34 AM IST

कटिहार: सदर अस्पताल में एचआईवी एड्स पीड़ितों के लिए 2018 में सांसद कोटे से एआरटी सेंटर का निर्माण कराया गया था. इस सेंटर को इस उद्देश्य से बनाया गया था ताकि एड्स पीड़ितों को कटिहार से बाहर ना जाना पड़े और उन्हें सारी सुविधा सदर अस्पताल में दी जाए. लेकिन यह एआरटी सेंटर आज संसाधनों और डॉक्टर्स की कमी की वजह से बंद पड़ा हुआ है.

सीमांचल में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार एचआईवी पीड़ितों की संख्या कम नहीं हुई है. एचआईवी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ज्यादा गंभीर भी नहीं दिख रहा है. यही वजह है कि आज एचआईवी मरीजों को दवा के लिए दूसरे जिले में दौड़ लगानी पड़ रही है.

जानकारी देते संवाददाता

क्या होता है एआरटी
एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को विशेष रूप से थेरेपी दी जाती है. देश के कुछ ही नामी अस्पतालों में ये सेंटर बनाए गए हैं. ऐसे में कटिहार में इस सेंटर का बनना एचआईवी पीड़ितों के लिए वरदान साबित होने वाला था. मगर, उदासीनता का आलम ये है कि लाखों की लागत से निर्माणाधीन ये केंद्र अभी बंद पड़ा हुआ है.

15 लाख रुपये की लागत से बना केंद्र
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण एआरटी भवन में इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य नहीं हो पाया है. इसके वजह से मशीन नहीं लगी है. बता दें कि सांसद निधि से करीब 15 लाख रुपये की लागत से यह भवन बना है. इसमें दो बड़े हॉल के अलावा दो कमरे भी हैं. वहीं, डॉक्टर के बैठने के लिए बाहर में अलग से कमरा बनाया गया है.

भवन तो बन गया लेकिन इस भवन निर्माण में तकनीकी स्वीकृति में बिजली कार्य का एस्टीमेट नहीं था, जिसके कारण भवन में अभी तक वायरिंग का काम नहीं हुआ है. लिहाजा, एआरटी सेंटर बंद पड़ा हुआ है.

नहीं है जानकारी
फिलहाल, अभी यह सेंटर कटिहार मेडिकल कॉलेज में चल रहा है, जहां एड्स विभाग के कर्मचारी एड्स पीड़ित मरीजों का इलाज कर रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले में कटिहार सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर मुर्तुजा अली बताते हैं. इस मामले में एड्स के अधिकारी ही कुछ बता पाएंगे. इस बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं है.

कटिहार: सदर अस्पताल में एचआईवी एड्स पीड़ितों के लिए 2018 में सांसद कोटे से एआरटी सेंटर का निर्माण कराया गया था. इस सेंटर को इस उद्देश्य से बनाया गया था ताकि एड्स पीड़ितों को कटिहार से बाहर ना जाना पड़े और उन्हें सारी सुविधा सदर अस्पताल में दी जाए. लेकिन यह एआरटी सेंटर आज संसाधनों और डॉक्टर्स की कमी की वजह से बंद पड़ा हुआ है.

सीमांचल में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार एचआईवी पीड़ितों की संख्या कम नहीं हुई है. एचआईवी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ज्यादा गंभीर भी नहीं दिख रहा है. यही वजह है कि आज एचआईवी मरीजों को दवा के लिए दूसरे जिले में दौड़ लगानी पड़ रही है.

जानकारी देते संवाददाता

क्या होता है एआरटी
एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को विशेष रूप से थेरेपी दी जाती है. देश के कुछ ही नामी अस्पतालों में ये सेंटर बनाए गए हैं. ऐसे में कटिहार में इस सेंटर का बनना एचआईवी पीड़ितों के लिए वरदान साबित होने वाला था. मगर, उदासीनता का आलम ये है कि लाखों की लागत से निर्माणाधीन ये केंद्र अभी बंद पड़ा हुआ है.

15 लाख रुपये की लागत से बना केंद्र
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण एआरटी भवन में इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य नहीं हो पाया है. इसके वजह से मशीन नहीं लगी है. बता दें कि सांसद निधि से करीब 15 लाख रुपये की लागत से यह भवन बना है. इसमें दो बड़े हॉल के अलावा दो कमरे भी हैं. वहीं, डॉक्टर के बैठने के लिए बाहर में अलग से कमरा बनाया गया है.

भवन तो बन गया लेकिन इस भवन निर्माण में तकनीकी स्वीकृति में बिजली कार्य का एस्टीमेट नहीं था, जिसके कारण भवन में अभी तक वायरिंग का काम नहीं हुआ है. लिहाजा, एआरटी सेंटर बंद पड़ा हुआ है.

नहीं है जानकारी
फिलहाल, अभी यह सेंटर कटिहार मेडिकल कॉलेज में चल रहा है, जहां एड्स विभाग के कर्मचारी एड्स पीड़ित मरीजों का इलाज कर रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले में कटिहार सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर मुर्तुजा अली बताते हैं. इस मामले में एड्स के अधिकारी ही कुछ बता पाएंगे. इस बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं है.

Intro:कटिहार

कटिहार सदर अस्पताल में एचआईवी एड्स पीड़ितों के लिए 2018 में सांसद कोटे से ART सेंटर का निर्माण कराया गया था ताकि एड्स पीड़ितों को कटिहार से बाहर ना जाना पड़े और उन्हें सारी सुविधा सदर अस्पताल में दी जाए। लेकिन यह ART सेंटर आज संसाधन और डॉक्टरों की कमी की वजह से बंद पड़ी हुई है।


Body:सीमांचल में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार एचआईवी पीड़ितों की संख्या कम नहीं हुई है। एचआईवी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ज्यादा गंभीर भी नहीं दिख रही है यही वजह है कि आज एचआईवी मरीजों को दवा के लिए दूसरे जिला का दौड़ लगाना पड़ रहा है।

बताया जाता है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस भवन में इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य नहीं लग पाई है इसके वजह से मशीन नहीं लगी है। बता दें कि सांसद निधि से करीब ₹15 लाख रुपये की लागत से यह भवन बना है जिसमें दो बड़े हॉल के अलावा दो कमरे भी हैं। वही डॉक्टर के बैठने के लिए बाहर में अलग से कमरा बनाया गया है। भवन तो बन गया लेकिन इस भवन निर्माण में तकनीकी स्वीकृति में बिजली कार्य का एस्टीमेट नहीं था जिसके कारण भवन में अभी तक वायरिंग का काम नहीं हुआ है जिसके चलते यह समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और यह ART सेंटर बंद पड़ी हुई है।


Conclusion:फिलहाल अभी यह सेंटर कटिहार मेडिकल कॉलेज में चल रहा है जहां एड्स विभाग के कर्मचारियों के द्वारा एड्स पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

वहीं इस पूरे मामले में कटिहार सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर मुर्तुजा अली बताते हैं इस मामले में एड्स के अधिकारी ही कुछ बता पाएंगे इसमें हमें पूरी जानकारी नहीं है।
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