कटिहार : जिले में क्वारंटाइन वार्ड के इंतजामों की पोल तब खुल गयी, जब शहर के एक क्वारंटाइन वार्ड से 20 से अधिक लोग भाग खड़े हुये. इस खबर के बाद डीएम, एसपी, सिविल सर्जन सहित जिले के आलाधिकारी देर रात मामले की जांच करने घटनास्थल पर पहुंचे. क्वारंटाइन वार्ड से लोग कैसे भागे इस बात पर डीएम, एसपी ने तो चुप्पी ही साध ली. सिविल सर्जन ने पहले दावा किया कि दिन में सभी को भोजन कराया गया था. लेकिन चन्द मिनटों बाद पलट कर बेतुका जवाब दिया कि यह सभी क्वारंटाइन के आदमी नहीं थे. इधर-उधर के लोग थे. भटक रहे थे.
मौजूद कर्मियों से अधिकारियों ने की पूछताछ
शहर के शिव मंदिर चौक स्थित ऋषि भवन को डीएम, एसपी, सिविल सर्जन समेत तमाम आलाधिकारी इस बात की जांच करने पहुंचे कि आखिर क्वारंटाइन किये लोग क्वारंटाइन वार्ड से सुरक्षा को चकमा देकर कैसे और क्यों भागे. डीएम कंवल तनुज और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने ऋषि भवन के अंदर जाकर बारीकी से घटनास्थल का मुआयना किया और मौजूद लोगों से मामले की पूछताछ की.
पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे बीसों मजदूर
जांच के बाद जिला पदाधिकारी कंवल तनुज और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने मीडिया में कोई जानकारी साझा करने की बजाय चुप्पी साध चलते बने. लेकिन सिविल सर्जन ने जो बताया वह और चौका देने वाला था. पहले सिविल सर्जन ने क्वारंटाइन किये गये लोगों के लिये भोजन के इंतजाम का दावा किया और बताया कि दिन में चावल-दाल और सब्जी लोगों को दिया गया था. लेकिन कुछ मिनट बाद फिर पलटकर बताया कि यह सभी इधर-उधर के लोग थे और करीब 20 लोग भागे हैं. सारे लोग पश्चिम बंगाल के हावड़ा और कोलकाता के रहने वाले थे.
दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों के लिये बनाया गया हैं क्वारंटाइन वार्ड
लॉकडाउन के दौरान बिहार में दूसरे प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी हैं, जिसके पहुंचने पर उसकी जांच कर क्वारंटाइन वार्ड में भेजा जाता हैं. लेकिन राज्य के कई इलाकों से कोरेन्टीन वार्ड के बदइंतजामी की खबरें भी सामने आ रही हैं. बता दें कि बक्सर में क्वारंटाइन सेंटर पर फैली गन्दगी देख क्वारंटाइन लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने खाना फेंकते हुए जमकर बबाल काटा, तो वहीं कटिहार में क्वारंटाइन वार्ड से लोग दिन के उजाले में चम्पत हो गये, जो यह बताने के लिये काफी हैं कि व्यवस्था के दाल में कुछ काला तो जरूर हैं.