कटिहार: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर एकबार फिर सरकार को घेरा है. तेजस्वी ने कहा है कि विधानसभा में 10% आरक्षण वाला बिल सवर्ण अमीरों के लिए है, ना कि सवर्ण गरीबों के लिए.
तेजस्वी ने कहा है कि 2011 का जातीय जनगणना जो आर्थिक तौर पर शैक्षणिक तौर पर किया गया, उसे सार्वजनिक किया जाए और उसी को आधार बनाते हुए आरक्षण इंप्लीमेंट किया जाए. उन्होंने कहा सवर्णों को 10% आरक्षण बिना सर्वे के दे दिया गया है.
दलितों को मिले प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण
तेजस्वी यादव ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने लालू यादव जी के पुरानी मांगे "जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी भागीदारी" को समर्थन देने का काम किया है. तेजस्वी ने दलितों और पिछड़ों के लिए भी प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि यह 10% आरक्षण पिछड़ों के साथ और दलितों के साथ अन्याय है. आर्थिक रूप से आरक्षण देना संविधान के विपरीत है. उन्होंने कहा कि संविधान के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है.
केंद्र सरकार पर निशाना
वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि अगर आपको गरीबों की चिंता होती तो सभी गरीबों के खाते में 15-15 लाख रुपये देने की बात कही थी, अब तक दे दिए होते. रोजगार नहीं दिया मिले, तो यह 10% आरक्षण का क्या फायदा, यह तो झुनझुना के बराबर है.