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बोले तेजस्वी- गरीब सवर्णों का आरक्षण झुनझुना के बराबर, दलितों को मिले प्रइवेट सेक्टर में आरक्षण

तेजस्वी यादव ने दलितों के लिए प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग की है.

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Published : Feb 15, 2019, 8:06 PM IST

तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

कटिहार: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर एकबार फिर सरकार को घेरा है. तेजस्वी ने कहा है कि विधानसभा में 10% आरक्षण वाला बिल सवर्ण अमीरों के लिए है, ना कि सवर्ण गरीबों के लिए.

कटिहार में तेजस्वी यादव का स्वागत करते कार्यकर्ता

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तेजस्वी ने कहा है कि 2011 का जातीय जनगणना जो आर्थिक तौर पर शैक्षणिक तौर पर किया गया, उसे सार्वजनिक किया जाए और उसी को आधार बनाते हुए आरक्षण इंप्लीमेंट किया जाए. उन्होंने कहा सवर्णों को 10% आरक्षण बिना सर्वे के दे दिया गया है.

दलितों को मिले प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण

तेजस्वी यादव ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने लालू यादव जी के पुरानी मांगे "जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी भागीदारी" को समर्थन देने का काम किया है. तेजस्वी ने दलितों और पिछड़ों के लिए भी प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि यह 10% आरक्षण पिछड़ों के साथ और दलितों के साथ अन्याय है. आर्थिक रूप से आरक्षण देना संविधान के विपरीत है. उन्होंने कहा कि संविधान के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है.

केंद्र सरकार पर निशाना

वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि अगर आपको गरीबों की चिंता होती तो सभी गरीबों के खाते में 15-15 लाख रुपये देने की बात कही थी, अब तक दे दिए होते. रोजगार नहीं दिया मिले, तो यह 10% आरक्षण का क्या फायदा, यह तो झुनझुना के बराबर है.

कटिहार: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर एकबार फिर सरकार को घेरा है. तेजस्वी ने कहा है कि विधानसभा में 10% आरक्षण वाला बिल सवर्ण अमीरों के लिए है, ना कि सवर्ण गरीबों के लिए.

कटिहार में तेजस्वी यादव का स्वागत करते कार्यकर्ता

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तेजस्वी ने कहा है कि 2011 का जातीय जनगणना जो आर्थिक तौर पर शैक्षणिक तौर पर किया गया, उसे सार्वजनिक किया जाए और उसी को आधार बनाते हुए आरक्षण इंप्लीमेंट किया जाए. उन्होंने कहा सवर्णों को 10% आरक्षण बिना सर्वे के दे दिया गया है.

दलितों को मिले प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण

तेजस्वी यादव ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने लालू यादव जी के पुरानी मांगे "जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी भागीदारी" को समर्थन देने का काम किया है. तेजस्वी ने दलितों और पिछड़ों के लिए भी प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि यह 10% आरक्षण पिछड़ों के साथ और दलितों के साथ अन्याय है. आर्थिक रूप से आरक्षण देना संविधान के विपरीत है. उन्होंने कहा कि संविधान के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है.

केंद्र सरकार पर निशाना

वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि अगर आपको गरीबों की चिंता होती तो सभी गरीबों के खाते में 15-15 लाख रुपये देने की बात कही थी, अब तक दे दिए होते. रोजगार नहीं दिया मिले, तो यह 10% आरक्षण का क्या फायदा, यह तो झुनझुना के बराबर है.

Intro:कटिहार

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का बयान

10% आरक्षण झुनझुना के बराबर।

लालू जी की पुरानी मांग जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी भागीदारी को मुख्यमंत्री नीतीश जी ने समर्थन देने का किया काम।

10% आरक्षण स्वर्ण अमीरों के लिए है ना कि स्वर्ण गरीबों के लिए।

बिना सर्वे कर दी गई 10% आरक्षण।

पिछड़ों और दलितों को प्राइवेट सेक्टर में मिले आरक्षण।




Body:शुक्रवार को सुबह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कटिहार पहुंचे। हजारों कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। जिले के अतिथि गृह में मीडिया को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा की और कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने लालू यादव जी के पुरानी मांगे "जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी भागीदारी" को समर्थन देने का काम किया है। लेकिन विधानसभा में 10% आरक्षण वाली बिल जो आनी है जिसमें सवर्णों को 10% आरक्षण दी जानी है इनका मानना है यह आरक्षण स्वर्ण अमीरों के लिए है ना कि स्वर्ण गरीबों के लिए।

उन्होंने मांग की है कि 2011 के जातीय जनगणना जो आर्थिक तौर पर शैक्षणिक तौर पर किया गया उसको सार्वजनिक किया जाए और उसी को आधार बनाते हुए आरक्षण इंप्लीमेंट किया जाए। उन्होंने कहा सवर्णों को 10% आरक्षण बिना सर्वे कर दी गई है।


Conclusion:तेजस्वी यादव ने दलितों और पिछड़ों के लिए भी प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने की मांग रखी। इनका मानना है यह 10% आरक्षण पिछड़ों के साथ और दलितों के साथ अन्याय है। इन्होंने कहा आर्थिक रूप से आरक्षण देना संविधान के विपरीत है संविधान के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है।

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा अगर आपको गरीबों की चिंता होती तो सभी गरीबों के खाते में 15-15 लाख रुपये देने की बात कही थी अब तक दे दिए होते। रोजगार नहीं दिया गया, जाॅब नहीं दिया गया तो यह 10% आरक्षण का क्या फायदा, यह तो झुनझुना के बराबर है।
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