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WORLD TRIBAL DAY: कैमूर में आदिवासियों ने निकाली प्रभातफेरी, बोले- विकास के नाम पर कट रहे जंगल - bhabhua latest news

आदिवासी अधिसूचित क्षेत्र के लोगों को संवैधानिक अधिकार नहीं मिलने के कारण आदिवासी अब तक पिछड़े, गरीब, असहाय जीवन व्यतीत करने को विवश हैं.

विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों ने निकाली प्रभातफेरी
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Published : Aug 10, 2019, 4:30 PM IST

कैमूर: विश्व आदिवासी दिवस पर जिला मुख्यालय भभुआ में आदिवासियों की ओर से प्रभातफेरी निकली गई. इस प्रभातफेरी का नेतृत्व सत्य नारायण ओइमा कर रहे थे. इस दौरान उन्होने कहा कि सरकार उनके घर जंगल को विकास के नाम पर छीन रही है.

यहां आदिवासियों ने कहा कि जल जंगल और जमीन पर आदिवासियों का हक है. अपना अधिकार हर हाल में लेकर रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आदिवासियों को जंगल जमीन से बेदखल करने के लिए प्रशासन की ओर से उठाये जा रहे कदम के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.

असहाय जीवन के लिए विवश आदिवासी
प्रभातफेरी के दौरान इन लोगों ने कहा कि आदिवासी अधिसूचित क्षेत्र के लोगों को संवैधानिक अधिकार नहीं मिलने के कारण आदिवासी अब तक पिछड़े, गरीब, असहाय जीवन व्यतीत करने को विवश हैं. उन्होनें आदिवासियों से अपने अधिकार पाने के लिए जागरूक होने को कहा.

विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों ने निकाला प्रभातफेरी

आदिवासियों के अधिकारो पर हो रहा प्रहार
कार्यकम्र में राज्य के आदिवासियों की मूलभूत मांग जल, जंगल, जमीन पर अधिकार एवं स्वायत्तता की मांग पर संघर्ष के लिए संकल्प लिया गया. इस दौरान कहा गया कि जब देश के लोग आजादी का सपना भी नहीं देख रहे थे, तब आदिवासी समाज अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा हुआ.

आदिवासी के अधिकारों पर प्रहार

इनका आरोप है कि राज्य में आदिवासियों के अधिकारों पर प्रहार हो रहा है. आदिवासी दिवस तभी सफल होगा, जब आदिवासी संगठित होंगे. टुकड़े-टुकड़े में बंटे रहने पर आदिवासी दिवस मनाने का कोई फायदा नहीं.

कैमूर: विश्व आदिवासी दिवस पर जिला मुख्यालय भभुआ में आदिवासियों की ओर से प्रभातफेरी निकली गई. इस प्रभातफेरी का नेतृत्व सत्य नारायण ओइमा कर रहे थे. इस दौरान उन्होने कहा कि सरकार उनके घर जंगल को विकास के नाम पर छीन रही है.

यहां आदिवासियों ने कहा कि जल जंगल और जमीन पर आदिवासियों का हक है. अपना अधिकार हर हाल में लेकर रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आदिवासियों को जंगल जमीन से बेदखल करने के लिए प्रशासन की ओर से उठाये जा रहे कदम के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.

असहाय जीवन के लिए विवश आदिवासी
प्रभातफेरी के दौरान इन लोगों ने कहा कि आदिवासी अधिसूचित क्षेत्र के लोगों को संवैधानिक अधिकार नहीं मिलने के कारण आदिवासी अब तक पिछड़े, गरीब, असहाय जीवन व्यतीत करने को विवश हैं. उन्होनें आदिवासियों से अपने अधिकार पाने के लिए जागरूक होने को कहा.

विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों ने निकाला प्रभातफेरी

आदिवासियों के अधिकारो पर हो रहा प्रहार
कार्यकम्र में राज्य के आदिवासियों की मूलभूत मांग जल, जंगल, जमीन पर अधिकार एवं स्वायत्तता की मांग पर संघर्ष के लिए संकल्प लिया गया. इस दौरान कहा गया कि जब देश के लोग आजादी का सपना भी नहीं देख रहे थे, तब आदिवासी समाज अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा हुआ.

आदिवासी के अधिकारों पर प्रहार

इनका आरोप है कि राज्य में आदिवासियों के अधिकारों पर प्रहार हो रहा है. आदिवासी दिवस तभी सफल होगा, जब आदिवासी संगठित होंगे. टुकड़े-टुकड़े में बंटे रहने पर आदिवासी दिवस मनाने का कोई फायदा नहीं.

Intro:कैमूर।

जिला मुख्यालय भभुआ में आदिवासियों द्वारा प्रभातफेरी निकली गई। इस दौरान आदिवासियों ने कहा सरकार उनके घर जंगल को विकास के नाम पर छीन रही हैं , हत्यायें करवा रही हैं। Body:कैमूर में आदिवासी समुदाय के लोगों ने निकाला रैली ,सुबह में प्रभात फेरी और संगोठी का किया आयोजन । जल ,जंगल,जमीन पर अदिवासीयों के अधिकार छिना जा रहा है विरोध करने पर हत्या तक कि जा रही है जिसको लेकर अपने समुदाय के लोगो को जागरूर कर रहे है वहि आदिवासीयों का यह भी कहना था कि संयुक्त राष्ट्र संघ के दौरा 25 वी आदिवासी दिवस मना रहे है ,देश का मुल निवासी हम आदिवासी है पर हमी पर अत्याचार किया जा रहा है सरकार दौरा ,सरकार हमें सत्ता सौप दे ,हम वन कि रक्षा करेंगे ।
बाईट-सत्य नारायण ओइमा-आदिवासी संतConclusion:
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