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कैमूर में शर्ट उतारकर शिक्षकों ने निकाला आक्रोश मार्च, कहा- सरकार खो चुकी है अपना संतुलन - आक्रोश मार्च

आक्रोशित शिक्षकों ने कहा कि सरकार अपना संतुलन खो चुकी है. ऐसे में सरकार उनकी बर्खास्तगी वाला आदेश वापस लें और जो सुविधाएं नियमित शिक्षकों को दी जा रही है, वो सारी सुविधाएं नियोजित शिक्षकों को भी दे.

kaimur
शिक्षकों का मार्च
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Published : Mar 5, 2020, 7:23 PM IST

कैमूर: भभुआ स्थित जिला मुख्यालय के सामने नियोजित शिक्षकों ने आक्रोश मार्च निकाला. ये आक्रोश मार्च जगजीवन स्टेडियम से लिच्छवी भवन तक निकाला गया. जहां शिक्षकों ने अपनी शर्ट उतारकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. बता दें कि इस हड़ताल के कारण जिले में 800 से ज्यादा विद्यालयों में पूर्ण तालाबन्दी है.

'सरकार अपना संतुलन खो चुकी है'
आक्रोशित शिक्षकों ने कहा कि सरकार अपना संतुलन खो चुकी है. ऐसे में सरकार उनकी बर्खास्तगी वाला आदेश वापस लें और जो सुविधाएं नियमित शिक्षकों को दी जा रही है, वो सारी सुविधाएं नियोजित शिक्षकों को भी दे. शिक्षकों ने सरकार पर शिक्षा के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब बच्चों का भविष्य बर्बाद करने के लिए सिर्फ सरकार जिम्मेदार है.

देखें रिपोर्ट

'बर्खास्तगी के फरमान को वापस ले सरकार'
कैमूर शिक्षा संघ के महासचिव प्रहलाद सिंह ने कहा कि सरकार ने उन्हें बाध्य कर दिया है कि वे हड़ताल जारी रखे. सरकार नहीं चाहती है कि राज्य के गरीब बच्चें पढ़ाई करे. वहीं, प्रदर्शन कर रहे रामगढ़ प्रखंड से आए शिक्षक रंजीत सिंह ने कहा की सरकार शिक्षकों का मान-सम्मान वापस करे और बर्खास्तगी के अपने तुगलकी फरमान को वापस ले.

कैमूर: भभुआ स्थित जिला मुख्यालय के सामने नियोजित शिक्षकों ने आक्रोश मार्च निकाला. ये आक्रोश मार्च जगजीवन स्टेडियम से लिच्छवी भवन तक निकाला गया. जहां शिक्षकों ने अपनी शर्ट उतारकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. बता दें कि इस हड़ताल के कारण जिले में 800 से ज्यादा विद्यालयों में पूर्ण तालाबन्दी है.

'सरकार अपना संतुलन खो चुकी है'
आक्रोशित शिक्षकों ने कहा कि सरकार अपना संतुलन खो चुकी है. ऐसे में सरकार उनकी बर्खास्तगी वाला आदेश वापस लें और जो सुविधाएं नियमित शिक्षकों को दी जा रही है, वो सारी सुविधाएं नियोजित शिक्षकों को भी दे. शिक्षकों ने सरकार पर शिक्षा के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब बच्चों का भविष्य बर्बाद करने के लिए सिर्फ सरकार जिम्मेदार है.

देखें रिपोर्ट

'बर्खास्तगी के फरमान को वापस ले सरकार'
कैमूर शिक्षा संघ के महासचिव प्रहलाद सिंह ने कहा कि सरकार ने उन्हें बाध्य कर दिया है कि वे हड़ताल जारी रखे. सरकार नहीं चाहती है कि राज्य के गरीब बच्चें पढ़ाई करे. वहीं, प्रदर्शन कर रहे रामगढ़ प्रखंड से आए शिक्षक रंजीत सिंह ने कहा की सरकार शिक्षकों का मान-सम्मान वापस करे और बर्खास्तगी के अपने तुगलकी फरमान को वापस ले.

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