कैमूर: कोरोना महामारी की दूसरी लहर की चपेट में कई दंपत्तियों ने अपनी जान गंवाई है. जिनके बच्चों का देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा. इस कोरोना महामारी ने कितने बच्चे को अनाथ हुए इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है. इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने सभी जिले के जिला पदाधिकारियों को कोविड महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर आदेश जारी किया है.
अनाथ बच्चों की देखभाल और सुरक्षा
आदेश में कहा गया है कि जिन बच्चों ने कोविड-19 की वजह से अपने परिवार का सपोर्ट खो दिया है या कोविड-19 के चलते उनके मां-बाप की जान चली गई है. उन्हें अब किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत देखभाल और सुरक्षा प्रदान की जाएगी. इसको लेकर समाज कल्याण विभाग के निदेशक सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राज कुमार ने सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को अनुरोध पत्र जारी किया है. जिसमें वंचित समूहों को जिला स्तर पर पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही.
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पत्र में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति में यदि कोई बच्चा अनाथ होता है तो प्रभावित बालक व बालिका को अविलंब चाइल्ड केयर होम में रखने के लिए जरूरी व्यवस्था की जाए. ऐसी परिस्थितियों में अनाथ बच्चों की ट्रैफिकिंग में वृद्धि हो सकती है. अतः इसके नियमित अनुश्रवण की आवश्यकता पर भी बल देने के निर्देश दिए गए हैं.