कैमूर : कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि कोरोना को चुनौती की तरह नहीं अवसर की तरह देख रहे है. उन्होंने बताया कि 40 लाख बिहारियों को दूसरे राज्य काम करने के लिए कांग्रेस और आरजेडी की गलत नीतियों के कारण जाना पड़ा था. अब सभी वापस लौट चुके है. ऐसे में कोरोना को चुनौती नहीं बल्कि अवसर की तरह देखे. उन्होंने कहा कि सभी लोगों की स्किल मैपिंग की जा रही है. जिसके बाद उन्हें ट्रेनिंग देकर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
'बिहार में दिया जाएगा रोजगार'
कृषि मंत्री ने आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा कि पहले जंगल राज था. लोग रोजगार की तलाश में पलायन कर गए थे. यदि उन्हें रोजगार मिलता तो पलायन नहीं करते. पहले बिहारी कहलाना शर्म की बात हुआ करती थी. उन्होंने कहा कि इस सब के बावजूद अब बिहार के लोग वापस लौट कर आये है. यह चुनौती नहीं बल्कि एक बड़ा अवसर में बदलकर सभी को बिहार में रोजगार दिया जाएगा. जिसके लिए सरकार द्वारा योजना बनाई गई है और योजना के तहत स्किल मैपिंग की जा रही है.
कृषि विभाग गौ पालन को देगा बढ़ावा
मंत्री ने बताया कि विभाग गौ पालन को बढ़ावा देंगे और इससे किसानों को जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाएगी. जिसके लिए बैंकों से बात चल रही है. उन्होंने बताया कि लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए ब्रांडिंग की जाएगी. लोकल से अब ग्लोबल स्तर पर कृषि संबंधित प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया जाएगा और ट्रेडिंग भी की जाएगी.
बिहार को मिल चुका है पांच राष्ट्रीय पुरस्कार
डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बिहार को पांच राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुका है. इस वर्ष भी रिकॉर्ड उत्पादन के लिए पीएम द्वारा सम्मानित किया गया है. मंत्री ने बिहार के सभी किसानों को धन्यवाद दिया और आभार जताते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा के बाद भी बिहार में रिकॉर्ड तोड़ गेंहू और चावल का उत्पाद करना गर्व की बात है. बिहार किसानों पर गर्व है. वो पांचों अवार्ड किसान को समर्पित है.
पहली बार बीजों की होगी होम डिलीवरी
कृषि मंत्री ने बताया कि बीज के लिए 4 लाख से अधिक किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है, जबकि 86 हजार से ज्यादा किसानों ने होम डिलेवरी के लिए आवेदन किया है. देश में बिहार पहला राज्य बन गया है, जहां बीजों की होम डिलीवरी डायरेक्ट किसानों के घर पर की जाएगी.