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कैमूर में मोहनिया विधायक पहुंची स्कूल- निरीक्षण में टीचर थे नदारद तो पढ़ाने लगीं अंग्रेजी

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Published : Jul 23, 2022, 7:54 PM IST

मोहनिया से राजद विधायक एक स्कूल का निरीक्षण करने पहुंची (MLA Sangita Kumari Inspected School In Kaimur ) थी. इस दौरान विधायक ने शिक्षकों को क्लास रूम से गायब पाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षक सिर्फ सरकार से विद्यालय आने जाने का पैसा ले रहे हैं. वहीं विधायक ने बच्चों के साथ मिड डे मील में कई कमियां पायी. पढ़ें पूरी खबर..

विधायक गीता कुमारी
विधायक गीता कुमारी

कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर जिले में मोहनिया से राजद विधायक संगीता कुमारी प्रखंड के राजकीय बुनियादी विद्यालय चौरसिया (Government Basic School Chaurasia), मोहनिया निरीक्षण के लिए पहुंची. कक्षा में बच्चे तो थे, लेकिन शिक्षक बाहर घूम रहे थे. इसके बाद नाराज विधायक ने बच्चों से पूछा कि किस विषय की पढ़ाई हो रही थी. इसके बच्चों ने बताया कि अंग्रेजी की क्लास है. इसके बाद विधायक खुद बच्चों के टेंस पढ़ाने लगीं. इसी बीच स्कूल की प्रभारी शिक्षिका हड़बड़ाते हुए विधायक के सामने पहुंची. विधायक ने जब शिक्षिका से पूछा अभी किसका क्लास है? तो शिक्षिका कभी किसी महिला शिक्षक का नाम तो कभी एक ट्रेनी शिक्षक का नाम ले रही थीं. इस पर विधायक ने काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आप प्रभारी हैं और आपको पता नहीं है कि कौन क्लास में कौन शिक्षिका क्लास ले रही हैं.

पढ़ें-गोपालगंज में टीचर की भूमिका में दिखे DM, बच्चों के साथ खाया मीड डे मील

"स्कूल में बच्चे जिस फर्श पर बैठकर खाना खा रहे थे, वह फर्श बैठने के लायक नहीं था. बर्तन साफ नहीं था. चावल अधपका था. सब्जी में रस के नाम पर पानी था. बिहार में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी है. कहीं शिक्षक नहीं हैं तो कहीं शिक्षक हैं तो वे बच्चों को पढ़ाने के बजाय बाहर घूम रहे हैं. यह सिर्फ इसी स्कूल की स्थिति वहीं है. लगभग सभी जगहों पर राज्य में यही स्थिति है. बिहार की शिक्षा व्यवस्था गर्त में जा चुकी है."- संगीता कुमारी, राजद विधायक मोहनिया

विधायक ने बच्चों के साथ खाया मिड डे मीलः क्लास रूम से निकलकर विधायक संगीता कुमारी ने बच्चों के साथ मिड डे मील खाया. विधायक ने इस दौरान पाया कि बच्चों को परोसा जा रहे भोजन मानक के रूप में नहीं है. राज्य सरकार की ओर से निर्धारित पोषक तत्व को भी ध्यान में नहीं रखा गया है. भोजन की गुणवत्ता में पाई गई कमी को लेकर विधायक ने विद्यालय प्रबंधन को सख्त निर्देश दिया कि बच्चों के स्वास्थ्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विधायक ने कहा कि बच्चों को खिलाने से पहले शिक्षक खुद इस भोजन की जांच करें. वहीं विधालय में क्लास से शिक्षकों के गायब रहने पर उन्होंने शिक्षकों से कहा कि सरकार आपलोगों को गरीब बच्चों को शिक्षा देने के लिए वेतन देती है, लेकिन अब ऐसा देखा जा रहा है कि शिक्षक सिर्फ सरकार से विद्यालय आने जाने का पैसा ले रहे हैं.
पढ़ें-'मैं बड़ा होकर कलेक्टर बनना चाहता हूं', यह सुनते ही गोपालगंज के डीएम ने बच्चे की थपथपाई पीठ

कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर जिले में मोहनिया से राजद विधायक संगीता कुमारी प्रखंड के राजकीय बुनियादी विद्यालय चौरसिया (Government Basic School Chaurasia), मोहनिया निरीक्षण के लिए पहुंची. कक्षा में बच्चे तो थे, लेकिन शिक्षक बाहर घूम रहे थे. इसके बाद नाराज विधायक ने बच्चों से पूछा कि किस विषय की पढ़ाई हो रही थी. इसके बच्चों ने बताया कि अंग्रेजी की क्लास है. इसके बाद विधायक खुद बच्चों के टेंस पढ़ाने लगीं. इसी बीच स्कूल की प्रभारी शिक्षिका हड़बड़ाते हुए विधायक के सामने पहुंची. विधायक ने जब शिक्षिका से पूछा अभी किसका क्लास है? तो शिक्षिका कभी किसी महिला शिक्षक का नाम तो कभी एक ट्रेनी शिक्षक का नाम ले रही थीं. इस पर विधायक ने काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आप प्रभारी हैं और आपको पता नहीं है कि कौन क्लास में कौन शिक्षिका क्लास ले रही हैं.

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"स्कूल में बच्चे जिस फर्श पर बैठकर खाना खा रहे थे, वह फर्श बैठने के लायक नहीं था. बर्तन साफ नहीं था. चावल अधपका था. सब्जी में रस के नाम पर पानी था. बिहार में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी है. कहीं शिक्षक नहीं हैं तो कहीं शिक्षक हैं तो वे बच्चों को पढ़ाने के बजाय बाहर घूम रहे हैं. यह सिर्फ इसी स्कूल की स्थिति वहीं है. लगभग सभी जगहों पर राज्य में यही स्थिति है. बिहार की शिक्षा व्यवस्था गर्त में जा चुकी है."- संगीता कुमारी, राजद विधायक मोहनिया

विधायक ने बच्चों के साथ खाया मिड डे मीलः क्लास रूम से निकलकर विधायक संगीता कुमारी ने बच्चों के साथ मिड डे मील खाया. विधायक ने इस दौरान पाया कि बच्चों को परोसा जा रहे भोजन मानक के रूप में नहीं है. राज्य सरकार की ओर से निर्धारित पोषक तत्व को भी ध्यान में नहीं रखा गया है. भोजन की गुणवत्ता में पाई गई कमी को लेकर विधायक ने विद्यालय प्रबंधन को सख्त निर्देश दिया कि बच्चों के स्वास्थ्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विधायक ने कहा कि बच्चों को खिलाने से पहले शिक्षक खुद इस भोजन की जांच करें. वहीं विधालय में क्लास से शिक्षकों के गायब रहने पर उन्होंने शिक्षकों से कहा कि सरकार आपलोगों को गरीब बच्चों को शिक्षा देने के लिए वेतन देती है, लेकिन अब ऐसा देखा जा रहा है कि शिक्षक सिर्फ सरकार से विद्यालय आने जाने का पैसा ले रहे हैं.
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