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कैमूर: लाखों के गबन के आरोप में न्यू प्राथमिक विद्यालय का प्रिंसिपल गिरफ्तार - न्यू प्राथमिक विद्यालय

न्यू प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल को गबन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि प्रिंसिपल पर स्कूल भवन निर्माण में कुल 46,2000 रुपये के गबन आरोप है.

गबन का आरोप
गबन का आरोप
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Published : Apr 3, 2021, 7:20 AM IST

कैमूर: चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम भालूबुडहन में न्यू प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की गिरफ्तारी की गई है. बता दें कि प्रिंसिपल ने विद्यालय भवन निर्माण कराने के नाम पर 46,2000 रुपये का घोटाला किया है. इस मामले को लेकर चैनपुर थाने में तत्कालीन बीईओ के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी.

इसे भी पढ़ें: पटना: जामिया मदनिया मदरसा के प्राचार्य की गिरफ्तारी, लाखों रुपये गबन करने का आरोप

2006-07 में भेजी गई थी राशि
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक न्यू प्राथमिक विद्यालय भालूबुडहन के भवन निर्माण के लिए वर्ष 2006-07 में राशि विद्यालय के खाते में भेजी गई थी. उस दौरान तत्कालीन प्रधानाध्यापक सत्येंद्र सिंह के माध्यम से कार्य को प्रारंभ करवाया गया था. जिसकी देखरेख कनीय अभियंता राजेश सिंह के माध्यम से की जा रही थी.

आधे पर छोड़ा गया निर्माण कार्य
भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ होने के बाद सचिव से साइन कराकर प्रधानाध्यापक के माध्यम से 4,62,000 रुपये की निकासी कर ली गई. लेकिन विद्यालय के भवन निर्माण के कार्य को बुनियादी स्तर पर करवाकर ही छोड़ दिया गया.

प्रिंसिपल का रोका गया वेतन
लंबा समय बीत जाने के बाद जिला पदाधिकारी के माध्यम से की जा रही समीक्षा के दौरान संबंधित कनीय अभियंता राजेश सिंह के माध्यम से पूरी स्थिति की जानकारी दी गई. जिस पर विभाग के माध्यम से प्रधानाध्यापक को निर्देशित किया गया कि तत्काल भवन निर्माण का कार्य पूर्ण करवाया जाए. लेकिन इस मामले में प्रधानाध्यापक ने दिलचस्पी नहीं ली. जिसके बाद जिला के निर्देश पर प्रधानाध्यापक सत्येंद्र सिंह का वेतन रोक दिया गया.

ये भी पढ़ें: स्कूल भवन निर्माण में हो रही अनियमितता, ग्रामीणो में रोष

इस मामले में यह निर्णय लिया गया कि भवन निर्माण का कार्य पूर्ण होने के बाद ही वेतन का भुगतान किया जाएगा. कुछ समय बीत जाने के बाद प्रधानाध्यापक के माध्यम से एक शपथ पत्र देते हुए गुहार लगाई गई कि वेतन का भुगतान किया जाए. वेतन की राशि से भवन निर्माण का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा. जिस पर प्रधानाध्यापक के रोके गए वेतन को पुनः प्रारंभ कर दिया गया.

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उस दौरान प्रधानाध्यापक को करीब 4 से 5 लाख रुपये रुके हुए वेतन का भुगतान किया गया था. काफी इंतजार के बाद भी प्रधानाध्यापक के माध्यम से अधूरे पड़े भवन निर्माण के कार्य को न ही प्रारंभ करवाया गया और न ही उसे पूर्ण किया गया.

जिसे लेकर जिला पदाधिकारी के आदेश पर तीन बार चैनपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से नोटिस भेजकर तत्काल कार्य प्रारंभ करते हुए पूर्ण करने का निर्देश दिया गया.

नोटिस के माध्यम से दी गई थी चेतावनी
नोटिस में चेतावनी दी गई थी कि यदि कार्य को प्रारंभ नहीं किया जाता है तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. इसके बावजूद प्रधानाध्यापक ने दिलचस्पी नहीं ली. उसके बाद चैनपुर थाने में कांड संख्या 209/19 तत्कालीन बीईओ कृष्णानंद मिश्रा के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज करवाई गई. उसके बाद से प्रधानाध्यापक फरार चल रहे थे.

दर्ज प्राथमिकी के आधार पर प्रधानाध्यापक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी की जा रही थी. लेकिन प्रधानाध्यापक फरार थे. गुप्त सूचना मिली की प्रधानाध्यापक घर पर मौजूद हैं. पुलिस ने प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार कर लिया. जिन्हें भभुआ न्यायालय के समक्ष उपस्थित करवाने के लिए ले जाया गया है. -उदय भानु सिंह, थानाध्यक्ष

कैमूर: चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम भालूबुडहन में न्यू प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की गिरफ्तारी की गई है. बता दें कि प्रिंसिपल ने विद्यालय भवन निर्माण कराने के नाम पर 46,2000 रुपये का घोटाला किया है. इस मामले को लेकर चैनपुर थाने में तत्कालीन बीईओ के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी.

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2006-07 में भेजी गई थी राशि
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक न्यू प्राथमिक विद्यालय भालूबुडहन के भवन निर्माण के लिए वर्ष 2006-07 में राशि विद्यालय के खाते में भेजी गई थी. उस दौरान तत्कालीन प्रधानाध्यापक सत्येंद्र सिंह के माध्यम से कार्य को प्रारंभ करवाया गया था. जिसकी देखरेख कनीय अभियंता राजेश सिंह के माध्यम से की जा रही थी.

आधे पर छोड़ा गया निर्माण कार्य
भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ होने के बाद सचिव से साइन कराकर प्रधानाध्यापक के माध्यम से 4,62,000 रुपये की निकासी कर ली गई. लेकिन विद्यालय के भवन निर्माण के कार्य को बुनियादी स्तर पर करवाकर ही छोड़ दिया गया.

प्रिंसिपल का रोका गया वेतन
लंबा समय बीत जाने के बाद जिला पदाधिकारी के माध्यम से की जा रही समीक्षा के दौरान संबंधित कनीय अभियंता राजेश सिंह के माध्यम से पूरी स्थिति की जानकारी दी गई. जिस पर विभाग के माध्यम से प्रधानाध्यापक को निर्देशित किया गया कि तत्काल भवन निर्माण का कार्य पूर्ण करवाया जाए. लेकिन इस मामले में प्रधानाध्यापक ने दिलचस्पी नहीं ली. जिसके बाद जिला के निर्देश पर प्रधानाध्यापक सत्येंद्र सिंह का वेतन रोक दिया गया.

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इस मामले में यह निर्णय लिया गया कि भवन निर्माण का कार्य पूर्ण होने के बाद ही वेतन का भुगतान किया जाएगा. कुछ समय बीत जाने के बाद प्रधानाध्यापक के माध्यम से एक शपथ पत्र देते हुए गुहार लगाई गई कि वेतन का भुगतान किया जाए. वेतन की राशि से भवन निर्माण का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा. जिस पर प्रधानाध्यापक के रोके गए वेतन को पुनः प्रारंभ कर दिया गया.

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उस दौरान प्रधानाध्यापक को करीब 4 से 5 लाख रुपये रुके हुए वेतन का भुगतान किया गया था. काफी इंतजार के बाद भी प्रधानाध्यापक के माध्यम से अधूरे पड़े भवन निर्माण के कार्य को न ही प्रारंभ करवाया गया और न ही उसे पूर्ण किया गया.

जिसे लेकर जिला पदाधिकारी के आदेश पर तीन बार चैनपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से नोटिस भेजकर तत्काल कार्य प्रारंभ करते हुए पूर्ण करने का निर्देश दिया गया.

नोटिस के माध्यम से दी गई थी चेतावनी
नोटिस में चेतावनी दी गई थी कि यदि कार्य को प्रारंभ नहीं किया जाता है तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. इसके बावजूद प्रधानाध्यापक ने दिलचस्पी नहीं ली. उसके बाद चैनपुर थाने में कांड संख्या 209/19 तत्कालीन बीईओ कृष्णानंद मिश्रा के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज करवाई गई. उसके बाद से प्रधानाध्यापक फरार चल रहे थे.

दर्ज प्राथमिकी के आधार पर प्रधानाध्यापक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी की जा रही थी. लेकिन प्रधानाध्यापक फरार थे. गुप्त सूचना मिली की प्रधानाध्यापक घर पर मौजूद हैं. पुलिस ने प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार कर लिया. जिन्हें भभुआ न्यायालय के समक्ष उपस्थित करवाने के लिए ले जाया गया है. -उदय भानु सिंह, थानाध्यक्ष

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