कैमूर: कानून के रखवालों के सामने ही जब सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जाए तो क्या कहना, ऐसा ही कुछ जिले में हो रहा है. ओवरलोडिंग की समस्या से निजात पाने के लिए बीते 31 जनवरी को जिगजैग टीम गठित की गई, जो तैनात होकर ओवर लोडिंग पर सख्ती करेगी. लेकिन, चौराहों पर तैनात पदाधिकारियों के सामने ही ओवर लोडेड ट्रक आसानी से आना-जाना कर रहे हैं.
जिगजैग टीम को 3 शिफ्टों में पूरे 24 घंटे के लिए पुलिस बल के साथ तैनात किया गया. लेकिन, अधिकारियों के सामने से ही ओवरलोड बालू ट्रक आसानी से गुजरते हैं और वे मौन रहते हैं. टोल के आंकड़ें बताते हैं कि पिछले एक सप्ताह में 2200 से अधिक ओवरलोड गाड़ियां जिगजैग टीम के सामने से गुजरी हैं.
कैमरे पर बोलेने से बच रहे हैं अधिकारी
समस्या के बाबत जब एनएच-2 पर तैनात जिगजौग टीम के अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. उन्होंने कैमरे पर कुछ बोलने से साफ इंकार कर दिया. कैमूर ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष जय प्रकाश सिंह यादव कहते हैं कि डीएम ने समस्या के समाधान के लिए जिगजैग टीम बनाई थी. लेकिन, ऐसे पदाधिकारियों के रहते समस्या कभी खत्म नहीं होगी.
ये रहे आंकड़ें :
- मोहनिया टोल के आंकड़ों की मानें तो 31 जनवरी यानी कि जिस दिन जिगजैग टीम का गठन हुआ उसी दिन 423 ओवरलोड बालू लदे ट्रक मोहनिया टोल प्लाजा से गुजरे.
- 1 फरवरी से 6 फरवरी को 12 बजे तक 475, 179, 447, 365, 438 और 367 गाड़ियां गुजरी हैं. यानी 24 घंटे मजिस्ट्रेट की तैनाती के बाद भी पिछले 1 हफ्ते में 2200 से अधिक ओवरलोड बालू ट्रक गुजरे हैं.
'पॉकेट भरने में लगे हैं पदाधिकारी'
कैमूर ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष जय प्रकाश सिंह यादव कहते हैं कि पदाधिकारियों को केवल अपनी पॉकेट की फिक्र है. सरेआम वे पैसे लेकर वाहन को जाने देते हैं. जिगजैग टीम ओवरलोडिंग वाहनों का आवगमन रोकने में विफल है. मोहनिया एसडीएम शिव कुमार रावत ने बताया कि यदि जिगजैग टीम के पदाधिकारी ऐसा कर रहे हैं तो निश्चित तौर से उन पर कार्रवाई की जाएगी.