कैमूरः यूपी-बिहार बॉर्डर के पास कर्मनाशा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. इस कारण इस पुल पर आवागमन पूरी तरह ठप हो चुका है. ऐसे में राजा पटनीमल के द्वारा बनाया गया सैकड़ों साल पुराना पुल यहां के लोगों के लिए लाइफलाइन साबित हो रहा है. बिहार से यूपी तक इस पुल से सिर्फ छोटी गाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है.
कई राज्यों को जोड़ता है ये पुल
दरअसल यूपी-बिहार बॉर्डर पर यूपी के चंदौली जिला अंतर्गत कर्मनाशा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त होने की वजह से एनएच-2 पर परिचालन पूरी तरह से रोक दिया गया है. यूपी पुलिस यहां कैम्प कर रही है. दूसरी तरफ पुल के दोनों तरफ डायवर्सन का काम शुरू कर दिया गया है. 10 साल पहले एनएच-2 पर बना ये पुल पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, बिहार को सीधे राजधानी दिल्ली से जोड़ता था.
नहीं होता ये पुल तो टूट जाता सीधा संपर्क
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि कम से कम पुल की मरम्मत करा दी जाए. लोगों का कहना है कि अगर राजा पटनीमल के जरिए निर्मित ये पुराना पुल नहीं होता तो बिहार का यूपी से सीधा संपर्क टूट जाता. वैकल्पिक रूप से छोटी गाड़ियों को बिहार से यूपी जाने में 25 से 30 किमी का चक्कर लगाना पड़ता.
आज भी खड़ा है ये ऐतिहासिक पुल
स्थानीय जानकार बताते हैं कि सैंकड़ो वर्ष पहले राजा पटनीमल के जरिए निर्मित पुल जीटी रोड से मिलते हुए दिल्ली से पेशावर को जोड़ता था. सैकड़ों साल पहले बना ये पुल आज भी बिना मेंटेनेंस के सही सलामत है, हालांकि इस पुल की बाउंड्री टूट गई है.
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10 साल पहले बना था नया पुल
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुराने पुल को सरकार ने पहले ही नष्ट घोषित कर दिया है. लेकिन जब 10 साल पहले एनएच-2 पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया, तो इस पुल से छोटी गाड़ियों का आवागमन यूपी बिहार में किया जा रहा है.
चल रहा है डायवर्सन का काम
क्षतिग्रस्त पुल के दोनों तरफ एनएचएआई के जरिए डायवर्सन बनाया जा रहा है. यह काम 10 दिनों के अंदर पूरा करने का लक्ष्य है. यानी 7 जनवरी तक डायवर्सन का काम पूरा होगा. ऐसे में देखना होगा कि एनएचएआई 10 दिनों में डायवर्सन का निर्माण कर आवागमन अस्थाई रूप से शुरू कर पाती है या नहीं.