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जब 10 साल पहले बना पुल हुआ क्षतिग्रस्त तो सैकड़ों साल पुराना ब्रिज बना यूपी-बिहार का लाइफलाइन

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Published : Jan 2, 2020, 11:57 AM IST

Updated : Jan 2, 2020, 12:40 PM IST

जानकार बताते हैं कि सैंकड़ो वर्ष पहले राजा पटनीमल के जरिए निर्मित पुल जीटी रोड से मिलते हुए दिल्ली से पेशावर को जोड़ता था. सैकड़ों साल पहले बना ये पुल आज भी बिना मेंटेनेंस के सही सलामत है, हालांकि इस पुल की बाउंड्री टूट गई है.

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क्षतिग्रस्त पुल

कैमूरः यूपी-बिहार बॉर्डर के पास कर्मनाशा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. इस कारण इस पुल पर आवागमन पूरी तरह ठप हो चुका है. ऐसे में राजा पटनीमल के द्वारा बनाया गया सैकड़ों साल पुराना पुल यहां के लोगों के लिए लाइफलाइन साबित हो रहा है. बिहार से यूपी तक इस पुल से सिर्फ छोटी गाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है.

कई राज्यों को जोड़ता है ये पुल
दरअसल यूपी-बिहार बॉर्डर पर यूपी के चंदौली जिला अंतर्गत कर्मनाशा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त होने की वजह से एनएच-2 पर परिचालन पूरी तरह से रोक दिया गया है. यूपी पुलिस यहां कैम्प कर रही है. दूसरी तरफ पुल के दोनों तरफ डायवर्सन का काम शुरू कर दिया गया है. 10 साल पहले एनएच-2 पर बना ये पुल पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, बिहार को सीधे राजधानी दिल्ली से जोड़ता था.

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पुराने पुल पर जाती गाड़ियां

नहीं होता ये पुल तो टूट जाता सीधा संपर्क
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि कम से कम पुल की मरम्मत करा दी जाए. लोगों का कहना है कि अगर राजा पटनीमल के जरिए निर्मित ये पुराना पुल नहीं होता तो बिहार का यूपी से सीधा संपर्क टूट जाता. वैकल्पिक रूप से छोटी गाड़ियों को बिहार से यूपी जाने में 25 से 30 किमी का चक्कर लगाना पड़ता.

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क्षतिग्रस्त पुल

आज भी खड़ा है ये ऐतिहासिक पुल
स्थानीय जानकार बताते हैं कि सैंकड़ो वर्ष पहले राजा पटनीमल के जरिए निर्मित पुल जीटी रोड से मिलते हुए दिल्ली से पेशावर को जोड़ता था. सैकड़ों साल पहले बना ये पुल आज भी बिना मेंटेनेंस के सही सलामत है, हालांकि इस पुल की बाउंड्री टूट गई है.

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क्षतिग्रस्त पुल पर आवागमन ठप

ये भी पढ़ेंः कैमूरः नए साल को लेकर पर्यटकों से गुलजार रहा करमचट डैम, बुनियादी सुविधाओं के अभाव से दिखे निराश

10 साल पहले बना था नया पुल
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुराने पुल को सरकार ने पहले ही नष्ट घोषित कर दिया है. लेकिन जब 10 साल पहले एनएच-2 पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया, तो इस पुल से छोटी गाड़ियों का आवागमन यूपी बिहार में किया जा रहा है.

जानकारी देते संवाददाता

चल रहा है डायवर्सन का काम
क्षतिग्रस्त पुल के दोनों तरफ एनएचएआई के जरिए डायवर्सन बनाया जा रहा है. यह काम 10 दिनों के अंदर पूरा करने का लक्ष्य है. यानी 7 जनवरी तक डायवर्सन का काम पूरा होगा. ऐसे में देखना होगा कि एनएचएआई 10 दिनों में डायवर्सन का निर्माण कर आवागमन अस्थाई रूप से शुरू कर पाती है या नहीं.

कैमूरः यूपी-बिहार बॉर्डर के पास कर्मनाशा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. इस कारण इस पुल पर आवागमन पूरी तरह ठप हो चुका है. ऐसे में राजा पटनीमल के द्वारा बनाया गया सैकड़ों साल पुराना पुल यहां के लोगों के लिए लाइफलाइन साबित हो रहा है. बिहार से यूपी तक इस पुल से सिर्फ छोटी गाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है.

कई राज्यों को जोड़ता है ये पुल
दरअसल यूपी-बिहार बॉर्डर पर यूपी के चंदौली जिला अंतर्गत कर्मनाशा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त होने की वजह से एनएच-2 पर परिचालन पूरी तरह से रोक दिया गया है. यूपी पुलिस यहां कैम्प कर रही है. दूसरी तरफ पुल के दोनों तरफ डायवर्सन का काम शुरू कर दिया गया है. 10 साल पहले एनएच-2 पर बना ये पुल पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, बिहार को सीधे राजधानी दिल्ली से जोड़ता था.

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पुराने पुल पर जाती गाड़ियां

नहीं होता ये पुल तो टूट जाता सीधा संपर्क
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि कम से कम पुल की मरम्मत करा दी जाए. लोगों का कहना है कि अगर राजा पटनीमल के जरिए निर्मित ये पुराना पुल नहीं होता तो बिहार का यूपी से सीधा संपर्क टूट जाता. वैकल्पिक रूप से छोटी गाड़ियों को बिहार से यूपी जाने में 25 से 30 किमी का चक्कर लगाना पड़ता.

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क्षतिग्रस्त पुल

आज भी खड़ा है ये ऐतिहासिक पुल
स्थानीय जानकार बताते हैं कि सैंकड़ो वर्ष पहले राजा पटनीमल के जरिए निर्मित पुल जीटी रोड से मिलते हुए दिल्ली से पेशावर को जोड़ता था. सैकड़ों साल पहले बना ये पुल आज भी बिना मेंटेनेंस के सही सलामत है, हालांकि इस पुल की बाउंड्री टूट गई है.

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क्षतिग्रस्त पुल पर आवागमन ठप

ये भी पढ़ेंः कैमूरः नए साल को लेकर पर्यटकों से गुलजार रहा करमचट डैम, बुनियादी सुविधाओं के अभाव से दिखे निराश

10 साल पहले बना था नया पुल
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुराने पुल को सरकार ने पहले ही नष्ट घोषित कर दिया है. लेकिन जब 10 साल पहले एनएच-2 पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया, तो इस पुल से छोटी गाड़ियों का आवागमन यूपी बिहार में किया जा रहा है.

जानकारी देते संवाददाता

चल रहा है डायवर्सन का काम
क्षतिग्रस्त पुल के दोनों तरफ एनएचएआई के जरिए डायवर्सन बनाया जा रहा है. यह काम 10 दिनों के अंदर पूरा करने का लक्ष्य है. यानी 7 जनवरी तक डायवर्सन का काम पूरा होगा. ऐसे में देखना होगा कि एनएचएआई 10 दिनों में डायवर्सन का निर्माण कर आवागमन अस्थाई रूप से शुरू कर पाती है या नहीं.

Intro:कैमूर।

यूपी बिहार बॉर्डर स्तिथ कर्मनाशा नदी पर एनएच 2 पर बना पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण एनएच 2 पर आवागमन ठप हैं। ऐसे में यूपी बिहार को जोड़ने वाली सैकड़ों वर्ष पहले राजा पटनीमल के द्वारा बनाई गई पुल आज यूपी बिहार के लिए लाइफलाइन साबित हो रहीं हैं। सैकडों वर्ष पुराने इस पुल से छोटी गाड़ियो का परिचालन यूपी बिहार में किया जा रहा हैं।


Body:आपकों बतादें कि दिल्ली कोलकाता एनएच 2 पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया हैं। यूपी बिहार बॉर्डर पर यूपी के चंदौली जिला अंतर्गत कर्मनाशा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त होनें की वजह से एनएच 2 पर परिचालन को पूरी तरह से रोक दिया गया हैं। यूपी पुलिस पर कैम्प कर रहीं हैं। दूसरी तरफ पुल के दोनों तरफ डायवर्सन का काम शुरू कर दिया गया हैं। आपकों बतादें की एनएच 2 पर बना यह पुल पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, बिहार को सीधे राजधानी दिल्ली से जोड़ता था।



नहीं होता पुल तो टूट जाता सीधा संपर्क

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई हैं कि कम से कम पुल की मरम्मत करा दी जाए । लोगों का कहना हैं कि यदि यह पुल नहीं होता तो बिहार का यूपी से सीधा संपर्क टूट जाता हैं। वैकल्पिक रूप से छोटी गाड़ियों को बिहार के चांद धरौली या रामगढ़ बड़ौरा होते हुए यूपी में इंट्री मिलती लोगों को 25-30 किमी का चक्कर लगाना पड़ता।






यूपी में कर्मनाशा नदी पर बना हैं ऐतिहासिक पुल

स्थानीय जानकार बतातें हैं कि सैकड़ों वर्ष पुराना राजा पटनीमल द्वारा निर्मित पुल से होते हुए शेरशाह शाह सूरी द्वारा निर्मित शेर शाह सूरी उर्फ जीटी रोड़ उर्फ एनएच 2 दिल्ली से पेशावर को जोड़ती थी। सैकड़ों वर्ष पहले बना यह पुल आज भी बिना मेंटेनेंस के सही सलामत हैं। हालांकि इस पुल की बाउंड्री टूट गई हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो इस पुल को सरकार द्वारा नष्ट घोषित किया जा चुका हैं। लेकिन आज जब 10 वर्ष पहले एनएच 2 बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया हैं तो इसी पुल से छोटी गाड़ियों का आवागमन यूपी बिहार में किया जा रहा हैं।








Conclusion:एनएचएआई द्वारा क्षतिग्रस्त पुल के दोनों तरफ डायवर्सन बनाया जा रहा हैं। 10 दिनों के अंदर पूरा करने का लक्ष्य हैं यानी 7 जनवरी तक डायवर्सन को पूरा करने का लक्ष्य हैं। ऐसे में देखना होगा कि क्या एनएचएआई 10 दिनों में डायवर्सन का निर्माण कर आवागमन अस्थाई रूप से शुरू कर पाती हैं।
Last Updated : Jan 2, 2020, 12:40 PM IST
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