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कैमूरः सामूहिक दुष्कर्म मामले में जिला अधिवक्ता संघ ने वकीलों से की अपील- अभियुक्तों की न करें पैरवी

जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव ओमप्रकाश ने कहा कि वकील अभियुक्तों की पैरवी न करें. समाज में ऐसा संदेश जाना चाहिए कि इस तरह के अमानवीय घटना में वकील उनका साथ नहीं देंगे.

molestation case of a minor in kaimur
मोहनिया सामूहिक दुष्कर्म मामला
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Published : Nov 27, 2019, 9:41 AM IST

कैमूर: जिला अधिवक्ता संघ ने जिले के सभी वकीलों से यह अपील की है कि मोहनिया सामूहिक दुष्कर्म मामले के अभियुक्तों की पैरवी के लिए कोई भी अधिवक्ता उनका केस न लें.

'समाज को शर्मशार कर देने वाली घटना'
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिलीप सिंह ने कहा कि अभियुक्तों की ओर से एक अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया है. जिस तरह से वीडियो को वायरल किया गया है, वह समाज को शर्मशार करने वाला है. ऐसे में किसी भी अधिवक्ता को इस का तरह का केस नहीं लड़ना चाहिए.

सामूहिक दुष्कर्म मामले में जिला अधिवक्ता संघ ने वकीलों से की अपील

'अभियुक्तों की पैरवी न करें वकील'
दूसरी तरफ जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव ओमप्रकाश ने कहा कि वकील अभियुक्तों की पैरवी न करें. अभियुक्तों में ऐसी धारणा उत्पन्न होनी चाहिए कि वो इस तरह की अमानवीय घटना को आराम से अंजाम न दे सके. ऐसे मामलों में अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. इसके अलावा समाज में एक संदेश जाना चाहिए कि इस तरह के अमानवीय घटना में वकील उनका साथ नहीं देंगे.

सामूहिक दुष्कर्म कर वीडियो किया वायरल
बता दें कि रविवार की सुबह जिले में एक वीडियो तेजी से वायरल हो गया था. जिसमें 4 युवक लड़की के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं और उसको जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने रविवार को ही लड़की की पहचान कर उसका बयान दर्ज किया. साथ ही 48 घंटे के अंदर 4 अभियुक्तों में से 3 को हिरासत में ले लिया.

ये भी पढ़ेंः सामूहिक दुष्कर्म मामले में 3 गिरफ्तार, SP ने लोगों से की साथ देने की अपील

वहीं, सुरक्षा के दृष्टिकोण और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिले में मंगलवार को एक दिन के लिए इंटनेट सेवा बाधित कर दी गई थी. लेकिन स्थिति थोड़ी समान्य होने के साथ ही ये फिर से चालू कर दी गई है.

कैमूर: जिला अधिवक्ता संघ ने जिले के सभी वकीलों से यह अपील की है कि मोहनिया सामूहिक दुष्कर्म मामले के अभियुक्तों की पैरवी के लिए कोई भी अधिवक्ता उनका केस न लें.

'समाज को शर्मशार कर देने वाली घटना'
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिलीप सिंह ने कहा कि अभियुक्तों की ओर से एक अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया है. जिस तरह से वीडियो को वायरल किया गया है, वह समाज को शर्मशार करने वाला है. ऐसे में किसी भी अधिवक्ता को इस का तरह का केस नहीं लड़ना चाहिए.

सामूहिक दुष्कर्म मामले में जिला अधिवक्ता संघ ने वकीलों से की अपील

'अभियुक्तों की पैरवी न करें वकील'
दूसरी तरफ जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव ओमप्रकाश ने कहा कि वकील अभियुक्तों की पैरवी न करें. अभियुक्तों में ऐसी धारणा उत्पन्न होनी चाहिए कि वो इस तरह की अमानवीय घटना को आराम से अंजाम न दे सके. ऐसे मामलों में अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. इसके अलावा समाज में एक संदेश जाना चाहिए कि इस तरह के अमानवीय घटना में वकील उनका साथ नहीं देंगे.

सामूहिक दुष्कर्म कर वीडियो किया वायरल
बता दें कि रविवार की सुबह जिले में एक वीडियो तेजी से वायरल हो गया था. जिसमें 4 युवक लड़की के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं और उसको जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने रविवार को ही लड़की की पहचान कर उसका बयान दर्ज किया. साथ ही 48 घंटे के अंदर 4 अभियुक्तों में से 3 को हिरासत में ले लिया.

ये भी पढ़ेंः सामूहिक दुष्कर्म मामले में 3 गिरफ्तार, SP ने लोगों से की साथ देने की अपील

वहीं, सुरक्षा के दृष्टिकोण और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिले में मंगलवार को एक दिन के लिए इंटनेट सेवा बाधित कर दी गई थी. लेकिन स्थिति थोड़ी समान्य होने के साथ ही ये फिर से चालू कर दी गई है.

Intro:कैमूर।

जिला अधिवक्ता संघ ने जिले के सभी वकीलों से यह अपील लिया हैं कि मोहनिया गैंग रेप अभियुक्तों की पैरवी के लिए कोई अभी अधिवक्ता उनके केस को न लें।

अध्यक्ष दिलीप सिंह नें बताया कि बताया कि अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया हैं। जिस तरह वीडियो को वायरल किया हैं जिसके पीछे का उद्देश्य समाज को शर्मशार करने वाला हैं।




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आपकों बतादें कि रविवार की सुबह से जिले में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था। वायरल वीडियो में 4 युवकों द्वारा लड़की को जान से मारने की धमकी दी जाती हैं और उसके साथ गैंग रेप की घटना को कार में अंजाम दिया जाता हैं। जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने रविवार को लड़की की पहचान कर उसका बयान दर्ज किया और 4 युवकों पर एफआईआर दर्ज किया।घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने अभियुक्तों की पहचान कर POSCO एक्ट के तहत नामजद 3 युवकों को गिरफ्तार को न सिर्फ गिरफ्तार बल्कि घटना में प्रयोग गाड़ी को भी बरामद कर लिया हैं। मामले में एफएसएल की टीम जांच कर रही हैं।

दूसरी तरफ जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव ओमप्रकाश नें कहां की लोगों में ऐसी धारणा उत्पन्न न हो कि वो इस तरफ की अमानवीय घटना को अंजाम दे और वकील उनकी पैरवी करें। ऐसे मामलों में अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। समाज में एक संदेश जाए कि इस तरह के अमानवीय घटना में वकील भी किसी का साथ नहीं देंगे इस लिए यह निर्णय लिया गया हैं।


Conclusion:
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