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7 मुर्दे पहुंचे CO ऑफिस, जमीन का लाल कार्ड करवाया अपने नाम !

कैमूर में एक अजीबोगरीब मामला (Unique Case in Kaimur) सामने आया है. यहां अचंलाधिकारी के कार्यालय में सात मुर्दों को जमीन देने का मामला सामने आया है. हैरान करने वाली बात यह है कि सभी मुर्दों ने हस्ताक्षर किये और जमीन का लाल कार्ड लेकर चले गये. पढ़ें यह रिपोर्ट.

Unique Case in Kaimur
Unique Case in Kaimur
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Published : Dec 17, 2021, 7:15 PM IST

Updated : Dec 17, 2021, 10:22 PM IST

कैमूर: बिहार के कैमूर जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आयी है. इस खबर को पढ़ने के बाद आप यह सोचने पर मजबूर हो जायेंगे कि सरकारी दफ्तरों में कुछ भी संभव है. यहां सात मुर्दे अंचल कार्यालय भगवानपुर (Circle Office Bhagwanpur) पहुंच गये. सिर्फ यहीं नहीं, मुर्दों ने अंचल कार्यालय में रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया, अंगूठा भी लगाया. उसके बाद मुर्दों ने जमीन का लाल कार्ड (Land Allotment to dead in Kaimur) लिया. मामला कसेर पंचायत के कटकरा गांव में एक पोखरे को लेकर चल रहे विवाद से जुड़ा है.

ये भी पढ़ें: कैमूर: लापता युवक की गोली मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस

यह मामला भभुआ न्ययालय में चल रहा है. न्यायालय ने आदेश जारी किया कि फिहलाल उस जमीन पर कोई बंदोबस्ती नहीं करनी है. न्यायालय के आदेश पर उपविकास आयुक्त कैमूर ने भी रोक लगा दी. उसके बाद भी भगवानपुर प्रखण्ड के विकास पदाधिकारी द्वारा पीएम आवास की राशि दे दी गई. साथ ही अंचलाधिकारी द्वारा 26 लाभुकों के बीच जमीन का लाल कार्ड वितरित कर दिया गया.

देखें रिपोर्ट

लाभुकों की सूची में शामिल सात लोगों की वर्षों पहले ही मौत हो गई है. सबसे कमाल की बात है कि इस सूची में शामिल लोगों की अंचलाधिकारी और कर्मचारी ने पहचान भी की. कार्यालय में उनसे हस्ताक्षर कराये गये. अंगूठे के निशान लिया गया. अब ग्रामीण इस गड़बड़झाले की जांच और सम्बंधित अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

ग्रामीण रामानंद चौबे ने बताया कि गांव के पोखर से जुड़ा हुआ मामला है. यह अभी भभुआ कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट के रोक के बाद भी अंचलाधिकारी द्वारा 26 लोगों को जमीन का लाल कार्ड दे दिया गया. इसमें सात लोगों की मौत तो पहले ही हो चुकी है. वहीं, गांव के श्याम नारायण चौबे का कहना है कि जो जिंदा है, उसका काम नहीं होता है. महीनों कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं. यहां तो मरे हुए व्यक्ति से हस्ताक्षर कराकर जमीन का लाल कार्ड दिया जा रहा है.

दूसरी ओर पहले सीओ साहब ने फोन नहीं रिसीव किया. बाद में विनोद कुमार सिंह भगवानपुर अंचलाधिकारी ने बताया कि आरोप बेबुनियाद है. सरकारी नियमों के अनुसार मृतक के परिजनों को लाल कार्ड वितरित किया गया है.

सवाल है कि अंचलाधिकारी एक जिम्मेवार पदाधिकारी हैं. उसके बाद भी सारे नियमों को ताक पर रखकर मृत सात लोगों से रजिस्टर पर हस्ताक्षर करा लाल कार्ड देना, फिर उस सूची को पहचान करना कि सभी को जानते हैं, कैसे सम्भव हुआ. अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस परिस्थिति में ऐसा हुआ. ग्रामीण अब दोषी कर्मचारियों और अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: कैमूर में रेलवे ट्रैक पर मिला युवक का शव, घटना की सूचना के ढाई घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस

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कैमूर: बिहार के कैमूर जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आयी है. इस खबर को पढ़ने के बाद आप यह सोचने पर मजबूर हो जायेंगे कि सरकारी दफ्तरों में कुछ भी संभव है. यहां सात मुर्दे अंचल कार्यालय भगवानपुर (Circle Office Bhagwanpur) पहुंच गये. सिर्फ यहीं नहीं, मुर्दों ने अंचल कार्यालय में रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया, अंगूठा भी लगाया. उसके बाद मुर्दों ने जमीन का लाल कार्ड (Land Allotment to dead in Kaimur) लिया. मामला कसेर पंचायत के कटकरा गांव में एक पोखरे को लेकर चल रहे विवाद से जुड़ा है.

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यह मामला भभुआ न्ययालय में चल रहा है. न्यायालय ने आदेश जारी किया कि फिहलाल उस जमीन पर कोई बंदोबस्ती नहीं करनी है. न्यायालय के आदेश पर उपविकास आयुक्त कैमूर ने भी रोक लगा दी. उसके बाद भी भगवानपुर प्रखण्ड के विकास पदाधिकारी द्वारा पीएम आवास की राशि दे दी गई. साथ ही अंचलाधिकारी द्वारा 26 लाभुकों के बीच जमीन का लाल कार्ड वितरित कर दिया गया.

देखें रिपोर्ट

लाभुकों की सूची में शामिल सात लोगों की वर्षों पहले ही मौत हो गई है. सबसे कमाल की बात है कि इस सूची में शामिल लोगों की अंचलाधिकारी और कर्मचारी ने पहचान भी की. कार्यालय में उनसे हस्ताक्षर कराये गये. अंगूठे के निशान लिया गया. अब ग्रामीण इस गड़बड़झाले की जांच और सम्बंधित अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

ग्रामीण रामानंद चौबे ने बताया कि गांव के पोखर से जुड़ा हुआ मामला है. यह अभी भभुआ कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट के रोक के बाद भी अंचलाधिकारी द्वारा 26 लोगों को जमीन का लाल कार्ड दे दिया गया. इसमें सात लोगों की मौत तो पहले ही हो चुकी है. वहीं, गांव के श्याम नारायण चौबे का कहना है कि जो जिंदा है, उसका काम नहीं होता है. महीनों कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं. यहां तो मरे हुए व्यक्ति से हस्ताक्षर कराकर जमीन का लाल कार्ड दिया जा रहा है.

दूसरी ओर पहले सीओ साहब ने फोन नहीं रिसीव किया. बाद में विनोद कुमार सिंह भगवानपुर अंचलाधिकारी ने बताया कि आरोप बेबुनियाद है. सरकारी नियमों के अनुसार मृतक के परिजनों को लाल कार्ड वितरित किया गया है.

सवाल है कि अंचलाधिकारी एक जिम्मेवार पदाधिकारी हैं. उसके बाद भी सारे नियमों को ताक पर रखकर मृत सात लोगों से रजिस्टर पर हस्ताक्षर करा लाल कार्ड देना, फिर उस सूची को पहचान करना कि सभी को जानते हैं, कैसे सम्भव हुआ. अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस परिस्थिति में ऐसा हुआ. ग्रामीण अब दोषी कर्मचारियों और अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: कैमूर में रेलवे ट्रैक पर मिला युवक का शव, घटना की सूचना के ढाई घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस

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Last Updated : Dec 17, 2021, 10:22 PM IST
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