कैमूर : रामगढ़ के धर्मेंद्र सिंह ने त्रिपुरा में आयोजित हुए गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज किया. धर्मेंद्र ने 12 एमएम की 24 सरिया को अपने सिर से मोड़ने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है. इसके साथ ही पूरे बिहार को गौरवान्वित किया है.
पहले यह रिकॉर्ड अर्मेनिया के अरमेन एडांटर्स के नाम था. उन्होंने 26 अप्रैल 2015 में एक मिनट में 18 सरिया मोड़ने का रिकॉर्ड बनाया था. जोकि कैमूर के रामगढ़ निवासी धर्मेंद्र कुमार ने अपने नाम किया. बता दें कि धर्मेंद्र कुमार त्रिपुरा राइफल्स के जवान हैं. वह पिछले एक साल से इस रिकॉर्ड को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे.
पहले भी बना चुके हैं इंटरनेशनल स्टंट गेम का रिकॉर्ड
मालूम हो कि धर्मेन्द्र इंटरनेशनल स्टंट गेम में पहले ही विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं. इंडियन वर्ल्ड रिकॉर्ड फाउंडेशन (आईडब्लूयूआर) की ओर से 2017 में त्रिपुरा अगरतला में आयोजित प्रतियोगिता में 2.50 मिनट में 51 कच्चे बेल (वुड ऐप्पल) सिर से तोड़ने का रिकॉर्ड बनाया है. इस प्रतियोगिता में 21 देशों के स्टंट मैन शामिल हुए थे. जहां एक मिनट में 57 कच्चे नारियल सिर से तोड़ने का भी विश्व रिकॉर्ड बनाया है. इस रिकॉर्ड के बाद त्रिपुरा राइफल्स ने धर्मेन्द्र को हैमर हैडमान की उपाधि के साथ पदोन्नति देकर सिपाही से सब इंस्पेक्टर बना दिया था.
धर्मेंद्र की मां ने दी जानकारी
धर्मेंद्र की माता कुंती देवी ने बताया कि धर्मेंद्र बचपन में छुपकर खेत में सिर से फलों को तोड़ने की प्रैक्टिस करता था. उन्होंने कहा कि डाट के खाने के डर से घर पर कुछ नहीं बोलता था. एक मां के लिए इस से बढ़कर गर्व की बात क्या हो सकती है कि बेटा सेना में भारत की सुरक्षा करता है और दूसरी तरफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर देश का नाम दुनिया मे रोशन कर रहा है. वहीं, पिता अपिलेश्वर सिंह ने बताया कि धर्मेन्द्र पढ़ाई में बहुत तेज नहीं था. लेकिन, एक बार जब कुछ करने की ठान लेता था तो कर के ही दम लेता है. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका बेटा इतना आगे बढ़ जाएगा. गांव वालों के सहयोग से यह सब कुछ सम्भव हुआ है.
धर्मेंद्र के भाई ने जताई खुशी
उधर, भाई दीपेन्द्र उर्फ दीपू ने बताया कि धर्मेंद्र बचपन से दोनों एक साथ रहते थे. उन्होंने बताया कि किसी काम का एक बार जब जुनून सवार होता था तो काम कर के ही मानता था. उन्होंने बताया कि 2017 में भी 21 देशों को पीछे छोड़ भाई ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था. बता दें कि धर्मेन्द्र के करीबी गांव निवासी अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि 8वीं क्लास में एक बार धर्मेन्द्र दीवार से टकरा गया था. उन्होंने कहा कि धर्मेन्द्र का सिर तो फूटा गया. साथ ही दीवार टूट गई. उन्होंने ये भी कहा कि उसका भाई देश का नाम रोशन कर रहा है.