कैमूर: बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain) ने कैमूर (Kaimur) में अधिकारियों के साथ उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की. इस दौरान उन्होंने उद्योग-धंधे की संभावना और रोजगार सृजन को लेकर चर्चा की.
ये भी पढ़ें: बोले शाहनवाज: PM मोदी ने दी है बड़ी जिम्मेवारी, बिहार के हर जिले में बड़े पैमाने पर लगेंगे उद्योग
कैमूर जिला समाहरणालय के सभागार में आयोजित बैठक में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ने उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के अंतर्गत कुल लक्ष्य 113 के विरुद्ध 352 लाभुकों को प्रथम किस्त, 153 लाभुकों को द्वितीय किस्त और 153 लाभुकों को तृतीय किस्त का भुगतान किया जा चुका है
वहीं, मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना अंतर्गत कुल लक्ष्य 130 के विरुद्ध 23 लाभुकों को प्रथम किस्त, 14 लाभुकों को द्वितीय किस्त एवं 9 लाभुकों को तृतीय किस्त का भुगतान किया जा चुका है.
इस दौरान उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने दोनों योजनाओं में प्रगति लाने के लिए महाप्रबंधक को अहम निर्देश भी दिया. इसके साथ ही समीक्षा बैठक के दौरान बताया गया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021 और 22 के लिए कुल लक्ष्य 39 के विरुद्ध 121 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसे बैंक को अग्रसारित किया जा चुका है लेकिन बैंक के द्वारा अब तक केवल 5 आवेदनों को स्वीकृत कर भुगतान किया गया है.
इस पर उद्योग मंत्री द्वारा जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक को ससमय आवेदनों की स्वीकृति के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. जिला उद्योग केंद्र के निर्माण के लिए 7 डिसमिल जमीन चिह्नित करने के लिए निर्देश दिया गया है.
ये भी पढ़ें: शाहनवाज हुसैन का दावा- उद्योगपतियों को मिल रही है जमीन, जल्द खुलेंगे बिहार में नए उद्योग
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हमने देखा कि यहां जिले में उद्योग केंद्र नहीं है. बिहार के जिन जिलों में उद्योग केंद्र नहीं है, वहां जल्द ही उद्योग केंद्र खोले जाएंगे. इसके लिए मैंने जिला अधिकारी से सात डिसमिल जमीन चिह्नित करने के लिए बोला है. जिसके बाद जल्द ही यहां उद्योग केंद्र का निर्माण कराया जाएगा. जिसके बाद किसानों को खाद या यूरिया के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.
उद्योग मंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां बिहार आए. चूकि अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर पर कैमूर का लोकेशन है और यूपी का बॉर्डर है, लिहाजा सबसे बड़ा लाभ कैमूर जिले को होगा. उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार मिले, इसके लिए नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार पूरी कोशिश कर रही है.