कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर की सरजमीं पर जन्मी हुमा तनवीर धीरे-धीरे अपनी पहचान एक अन्तर्राष्ट्रीय लेखिका के रूप बना रही हैं. भभुआ नगर के वार्ड संख्या-16 की रहने वाली इस लेखिका की विदेश में कई किताबें प्रकाशित हो चुकी है. हुमा तनवीर ने छोटी सी उम्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर, न सिर्फ अपना बल्कि कैमूर जिला का भी नाम विश्व में चमकाया है. हुमा तनवीर को एशिया टॉप 100 इन्फ्लुएंशियल वूमेन अवार्ड 2021 (Asia Top 100 Influential Booman Award 2021) से सम्मानित किया गया है.
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जानकारी के मुताबिक एशिया टॉप 100 इन्फ्लुएंशियल वूमेन अवार्ड (AIWA) 2021 के नामांकन सितंबर में शुरू हुए और पूरे एशिया से 300+ नामांकन प्राप्त किए गए. 300 से अधिक नामांकन में से चयन समिति ने विभिन्न व्यवसायों, देशों और समुदायों से टॉप 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं का चयन किया. जिसमें हुमा तनवीर का चयन (Huma Tanveer Honored With Award) बतौर लेखिका किया गया है.
वर्चुअल तरीके से हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में चार्टर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ आर्बिट्रेटर्स, यूनाइटेड किंगडम के एसोसिएट सदस्य हिरांशी शाह शामिल हुए. उनकी उपस्थिति में सभी 100 नामों की घोषणा की गई. यह अवार्ड समारोह क्राउन टाइम्स संगठन द्वारा आयोजित किया गया है. बता दें कि हुमा तनवीर को एक अंतरराष्ट्रीय लेखक के रूप में पेश करना शायद सबसे आसान है, लेकिन उनके लेखन के विशाल भंडार पर एक नजर डालने से पता चलता है कि वह वास्तव में इससे कहीं अधिक हैं.
हुमा तनवीर 19 साल की उम्र में लैम्बर्ट पब्लिशिंग हाउस, जर्मनी के साथ दो बुक डील साइन करने वाली सबसे कम उम्र की अंतरराष्ट्रीय लेखिका बन गई थी. उनकी 6 किताबे अंतराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका, इंग्लैंड और जर्मनी में प्रकाशित हो चुकी है और पिछले वर्ष हुमा की सातवीं किताब इंडिया में प्रकाशित हुई है. कैमूर जिला में जन्मी हुमा तनवीर ने अपनी स्कूलिंग चंदौली जिले के मुगलसराय से किया है. उसके बाद की पढ़ाई हुमा ने बीएचयू से पूरी की है.
उन्होंने समाज और उसके विवादस्पद मुद्दे, महिला सशक्तिकरण, युवा उन्मुख और बॉडी लैंग्वेज जैसे विभिन्न विषयों पर किताबें लिखी हैं. किताबें पढ़ने के बाद देश और विदेशों से काफी सम्मान मिला है. साथ ही उन्हें उस्मानियां, बीएचयू विश्वविद्यालय के साथ-साथ दिल्ली लिट्रेचर फेस्टिवल में अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित भी किया जा चुका है. हुमा तनवीर वर्तमान में अपनी आठवीं किताब लिख रही हैं जो की एक ऐतिहासिक महाकाव्य से प्रेरित एक थ्रिलर है.
हुमा के पिता तनवीर आलम मुगलसराय में चीफ इंस्पेक्टर ऑफ टिकट यानि सीआइटी के पद पर रेलवे में कार्यरत हैं. हुमा तनवीर के पिता तनवीर आलम अपनी बेटी के इस कामयाबी से काफी खुश हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पिता मरहूम शफीर खान साहब हमेशा से चाहते थें कि लड़कियां पढ़ लिखकर तरक्की करें और अपनी खुद की पहचान दुनिया में बनाए. आज हुमा ने उनके सपनों को पूरा किया है.
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