कैमूर: जरा सोचिए जब खुद अस्पताल आईसीयू में भर्ती रहेगा और अपनी जिंदगी से लड़ेगा तो, वैसे में मरीजों का क्या हाल होगा. ऐसी ही दुर्दशा है जिले के रामपुर प्रखंड के साबर स्वास्थ्य उपकेन्द्र का. ऐसे में किस वक्त क्या हादसा हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.
अस्पताल में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है उपलब्ध
दरअसल साबर के इस स्वास्थ्य उपकेन्द्र में आसपास के एक दर्जन गांव के लोग दवा लेने आते हैं. लेकिन अस्पताल में सुविधा के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं है. अस्पताल के भवन की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है. अधिकारी से जब इस बारे में पूछा जाता है, तो वो स्पष्ट जवाब के बदले टाल मटोल जवाब देते हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीण बताते हैं कि अस्पताल की हालत इतनी जर्जर है कि यह कभी भी गिर सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब कभी दवा लेने आते हैं, तो मन में डर बैठा रहता है कि यह भवन कहीं गिर न जाए. लेकिन प्रशासन को इसकी कोई चिंता नही हैं. कई दफा सिविल सर्जन, डीएम और यहां तक कि भवन निर्माण विभाग के मंत्री तक को पत्र लिखा गया है. लेकिन हालत बद से बदतर होती जा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
रामपुर प्रखंड के बीडीओ अरविंद कुमार ने बताया कि इस विषय में मुखिया को ग्राम सभा आयोजित कर प्रपोजल तैयार करने को कहा गया है. जिलाधिकारी को भी इसकी जानकारी दी गई है. जल्द ही दूसरे भवन के निर्माण के लिए कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. दूसरी तरफ रामपुर स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रमोद सिंह ने कहा कि इस विषय पर सिविल सर्जन को कई दफा पत्र लिखा जा चुका है. जैसे ही ऊपर से कोई सूचना मिलती है, आगे का कार्य किया जाएगा.