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कैमूर में दिखा भारत बंद का मिला-जुला असर, एकता चौक को किया गया जाम - Bharat Bandh in Kaimur

बिहार के कैमूर में भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर जगह जगह प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पढ़िए पूरी खबर

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Published : Sep 27, 2021, 4:01 PM IST

कैमूर(भभुआ): नए कृषि कानून (Three Farm Laws) को लेकर किसान संगठन के साथ-साथ विपक्षी दलों के भारत बंद (Bharat Bandh today) का कैमूर (Bharat Bandh Effect In kaimur) के भभुआ में मिला जुला असर दिखा. बंद को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और भभुआ शहर के एकता चौक को जाम कर सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई.

यह भी पढ़ें- भारत बंद: किसानों के समर्थन में सारण की सड़कों पर उतरे महागठबंधन के नेता

भभुआ राजद विधायक भरत बिंद की अगुवाई में सीपीआई के अशोक बैठा, राजद जिलाध्यक्ष अकलू राम,माले के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. इस दौरान शहर को पूरी तरह से जाम कर दिया गया. कार्यकर्ताओं द्वारा शहर के विभिन्न सड़कों को जाम कर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विरोध में नारेबाजी की गई.

देखें वीडियो

प्रदर्शन के दौरान पूरे शहर में गाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ. वहीं भभुआ के राजद विधायक भरत बिंद ने बताया कि आज पूरे देश में महंगाई चरम सीमा पर है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी बातों को और किसानों की मागों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें- भारत बंद से गायब रहे तेजस्वी यादव, किसानों के बंद को समर्थन देने का निर्देश दे खुद चले गए दिल्ली

"खाद के लिए किसान परेशान हैं लेकिन बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं. जिला प्रशासन भी मौन साधे हुए है. किसान खाद के लिए रात भर लाइन में खड़ा रहता है, लेकिन किसानों की कोई सुध लेने नहीं आता."- भरत बिंद,राजद भभुआ विधायक

वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की जिला सेक्रेटरी डॉ कमला सिंह ने कहा कि तीनों काले कृषि कानून को केंद्र सरकार को वापस लेना होगा, नहीं तो बहुत बड़ा आंदोलन होगा. कृषि कानून से केंद्र सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया है, क्योंकि यह सरकार निक्कमी सरकार हो गई है.

यह भी पढ़ें- बिहार के किसानों को नीतीश ने बोलने लायक भी नहीं छोड़ा- जगदानंद सिंह

"अब हम सब इस सरकार के रवैये से त्रस्त हो गए हैं और सरकार को गिराना चाहते हैं क्योंकि यह सरकार बिना मतलब के ही एक से एक कानून बना रही है. जबतक सरकार किसान विरोधी कृषि कानून को वापस नहीं लेती, तब तक हमारी पार्टी चुप नहीं बैठेगी,और आगे भी आंदोलन किया जाएगा." - डॉ कमला सिंह, भाकपा माले जिला सेक्रेटरी, कैमूर

यह भी पढ़ें- भारत बंद: किसानों के समर्थन में सारण की सड़कों पर उतरे महागठबंधन के नेता

बता दें कि किसान संगठनों के भारत बंद को कांग्रेस समेत तमाम गैर-एनडीए दलों ने समर्थन दिया है. बिहार में भी राजद, कांग्रेस और तमाम वामदलों ने पटना के बुद्ध स्मृति पार्क से लेकर डाकबंगला चौराहे तक मार्च किया. डाकबंगला चौराहे को जाम करते हुए उन्होंने कृषि कानून के खिलाफ नारे भी लगाए. इस दौरान बंद समर्थकों ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को लाकर केंद्र सरकार ने किसानों की कमर तोड़ने की कोशिश की है.

कैमूर(भभुआ): नए कृषि कानून (Three Farm Laws) को लेकर किसान संगठन के साथ-साथ विपक्षी दलों के भारत बंद (Bharat Bandh today) का कैमूर (Bharat Bandh Effect In kaimur) के भभुआ में मिला जुला असर दिखा. बंद को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और भभुआ शहर के एकता चौक को जाम कर सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई.

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भभुआ राजद विधायक भरत बिंद की अगुवाई में सीपीआई के अशोक बैठा, राजद जिलाध्यक्ष अकलू राम,माले के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. इस दौरान शहर को पूरी तरह से जाम कर दिया गया. कार्यकर्ताओं द्वारा शहर के विभिन्न सड़कों को जाम कर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विरोध में नारेबाजी की गई.

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प्रदर्शन के दौरान पूरे शहर में गाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ. वहीं भभुआ के राजद विधायक भरत बिंद ने बताया कि आज पूरे देश में महंगाई चरम सीमा पर है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी बातों को और किसानों की मागों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन जारी रहेगा.

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"खाद के लिए किसान परेशान हैं लेकिन बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं. जिला प्रशासन भी मौन साधे हुए है. किसान खाद के लिए रात भर लाइन में खड़ा रहता है, लेकिन किसानों की कोई सुध लेने नहीं आता."- भरत बिंद,राजद भभुआ विधायक

वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की जिला सेक्रेटरी डॉ कमला सिंह ने कहा कि तीनों काले कृषि कानून को केंद्र सरकार को वापस लेना होगा, नहीं तो बहुत बड़ा आंदोलन होगा. कृषि कानून से केंद्र सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया है, क्योंकि यह सरकार निक्कमी सरकार हो गई है.

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"अब हम सब इस सरकार के रवैये से त्रस्त हो गए हैं और सरकार को गिराना चाहते हैं क्योंकि यह सरकार बिना मतलब के ही एक से एक कानून बना रही है. जबतक सरकार किसान विरोधी कृषि कानून को वापस नहीं लेती, तब तक हमारी पार्टी चुप नहीं बैठेगी,और आगे भी आंदोलन किया जाएगा." - डॉ कमला सिंह, भाकपा माले जिला सेक्रेटरी, कैमूर

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बता दें कि किसान संगठनों के भारत बंद को कांग्रेस समेत तमाम गैर-एनडीए दलों ने समर्थन दिया है. बिहार में भी राजद, कांग्रेस और तमाम वामदलों ने पटना के बुद्ध स्मृति पार्क से लेकर डाकबंगला चौराहे तक मार्च किया. डाकबंगला चौराहे को जाम करते हुए उन्होंने कृषि कानून के खिलाफ नारे भी लगाए. इस दौरान बंद समर्थकों ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को लाकर केंद्र सरकार ने किसानों की कमर तोड़ने की कोशिश की है.

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