कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर (Kaimur) में लगातार बारिश होने से दुर्गावती नदी (Durgavati River) सहित कई नदियां उफान पर हैं. जिससे कहीं पुल का एप्रोच सड़क टूट जा रहा है, तो कहीं डायवर्सन पानी में बह गया. रामगढ़-बक्सर जाने वाली सड़क पर अकोढ़ी पुल का डायवर्सन पानी में बह गया. जिससे आवागमन बाधित हो गई है.
ये भी पढ़ें: बेतिया: लगातार बारिश से जलमग्न हुआ शहर, घरों में घुसा गंदा पानी
पुल के पाया में दरार
दुर्गावती नदी पर बने पुल के एक पाया में दरार आने से बड़े वाहनों पर रोक लगा दी गई है. साल 2016 में पुल के पाया में दरार आयी थी. उसके बाद विभाग ने 8 करोड़ में फिर नए पुल बनाने का टेंडर लिया. जो आधा-अधूरा है. पुल के पास डायवर्सन बनाया गया. जिसमें 70 लाख की लागत आयी. जो हर साल नदी के पानी के बहाव में बह जाता है.
लोगों को हो रही परेशानी
अब ग्रामीणों में काफी नाराजगी है कि विभाग नदी पर जल्द पुल तैयार नहीं कर रहा है. ना ही बड़े वाहन पुल पार कर रहे हैं. डायवर्सन ही एक मात्र सहारा था जो हर साल बरसात में बह जाता है. जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. बताया जाता है कि पथ निर्माण विभाग की ओर से निर्माण कार्य कराया जा रहा है. जो कछुए की चाल से काम कर रहा है.
ये भी पढ़ें: पटना एयरपोर्ट पर पलायन की तस्वीर, रोजी-रोटी के लिए बिहार से बाहर जा रहे मजदूर
नदियों का जलस्तर बढ़ा
अब देखना होगा कि कैमूर से बक्सर जाने वाले मुख्य मार्ग पर अकोढ़ी पुल का कब निर्माण पूरा होता है और कब लोगों की समस्या का निदान होता है. बता दें कि बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र के साथ नमी की वजह से काफी तेजी से मॉनसून (Monsoon in Bihar) आगे बढ़ रहा है.
बिहार के साथ नेपाल के तराई क्षेत्रों (Nepal Rainfall In Eastern Tarai) में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. इससे तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा (Flood In Bihar) मंडराने लगा है.
ये भी पढ़ें: Patna Crime News: शराब माफियाओं ने पुलिस टीम पर हमला कर छीनी रायफल, दारोगा और 3 जवान घायल
तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा
गंडक नदी समेत पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं इसे लेकर वाल्मीकिनगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से गंडक नदी में 108900.00 ( एक लाख आठ हजार नौ सौ ) क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. तराई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं इसके बाद गंडक का डिस्चार्च लेवल 1 लाख के पार हो गया है. इसे लेकर आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.