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कैमूर: ODF घोषित कुदरा प्रखंड में नहीं बने शौचालय, खुले में शौच पर एक हजार रुपये तक जुर्माना - district administration imposed fine

कुदरा प्रखंड के सकरी गांव में लोगों को अबतक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है, पूरे टोले में सिर्फ एक घर में शौचालय हैं. 90 प्रतिशत घर मिट्टी, फूस और प्लास्टिक शीट के बने हैं.

ODF घोषित कुदरा प्रखंड में नहीं बने शौचालय
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Published : Sep 17, 2019, 8:44 AM IST

कैमूर: कुदरा प्रखंड के सकरी गांव की दलित बस्ती के लोगों को ग्रामीण लोहिया स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का लाभ नही मिला हैं. वहीं जिला प्रशासन से जिले को पूर्ण ओडीएफ घोषित कर दिया हैं और अब खुले में शौच करने पर 1 हजार तक जुर्माना वसूलने की तैयारी हो रही हैं.

सरकारी योजना का लाभ नहीं
कुदरा प्रखंड के सकरी गांव के इस टोले की आबादी लगभग 200 लोगों की हैं.लेकिन एनएच 2 से महज कुछ दूरी पर बने इस टोले पर आजतक किसी नेता, मंत्री और प्रशासन की नजर नहीं पड़ी हैं. आलम यह हैं कि 21वीं सदी में भी यहां के बच्चों को स्कूल नसीब नही हैं. टोले का एक भी बच्चा स्कूल नही जाता हैं. पूरे टोले में सिर्फ एक घर में शौचालय हैं. 90 प्रतिशत घर मिट्टी, फूस और प्लास्टिक शीट के बने हैं. लोग आज भी सरकार और जिला प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें आवास योजना का लाभ मिलेगा और कब उनके घर शौचालय का निर्माण होगा.

district administration imposed fine
सरकारी योजना का लाभ नहीं

अधिकारियों से मिला सिर्फ आश्वासन
ग्रामीणों बताया कि गांव के सभी लोगों का लाल बीपीएल कार्ड बनाया गया और 3 डिसमिल जमीनी देने की बात कही गई, लेकिन आजतक उनको जमीन नहीं मिली हैं आवास योजना के लिए अधिकारियों से कई बार सिर्फ आश्वासन मिला लेकिन योजना का लाभ नही मिल सका. यही नहीं कुदरा को ओडीएफ घोषित करने के वक्त बीडीओ ने शौचालय के लिए गड्डा भी बनवाया लेकिन शौचालय का निर्माण आजतक नहीं हो सका.

district administration imposed fine
घर मिट्टी, फूस और प्लास्टिक शीट के बने घर

जिला प्रशासन का फरमान बना जी का जंजाल
ग्रामीणों ने बताया कि उनकी दलित बस्ती में किसी को भी एक भी सरकारी योजना का लाभ नही मिलता हैं. शौचालय बनवाने के लिए पैसा नही हैं. दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने खुले में शौच करते पकड़े जाने पर एक हजार रुपये तक का जुर्माना लगा दिया हैं. ऐसे में ग्रामीणों के लिए जिला प्रशासन का यह फरमान जी का जंजाल बन गया है.

पेश है रिपोर्ट

खुले में शौच पर एक हजार रुपये तक जुर्माना
डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने कहा कि जहां शौचालय का निर्माण नही हो सका हैं वहां जल्द निर्माण कराया जाएगा. हालांकि उन्होंने कहा कि 19 सिंतबर से खुले में शौच करने पर एक हजार रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान भी लाया गया हैं. जो व्यक्ति ऐेसे लोगों की सूचना देगा उसे जुर्माने की 10 फीसदी राशि जिला प्रशासन द्वारा दी जायेगी.

कैमूर: कुदरा प्रखंड के सकरी गांव की दलित बस्ती के लोगों को ग्रामीण लोहिया स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का लाभ नही मिला हैं. वहीं जिला प्रशासन से जिले को पूर्ण ओडीएफ घोषित कर दिया हैं और अब खुले में शौच करने पर 1 हजार तक जुर्माना वसूलने की तैयारी हो रही हैं.

सरकारी योजना का लाभ नहीं
कुदरा प्रखंड के सकरी गांव के इस टोले की आबादी लगभग 200 लोगों की हैं.लेकिन एनएच 2 से महज कुछ दूरी पर बने इस टोले पर आजतक किसी नेता, मंत्री और प्रशासन की नजर नहीं पड़ी हैं. आलम यह हैं कि 21वीं सदी में भी यहां के बच्चों को स्कूल नसीब नही हैं. टोले का एक भी बच्चा स्कूल नही जाता हैं. पूरे टोले में सिर्फ एक घर में शौचालय हैं. 90 प्रतिशत घर मिट्टी, फूस और प्लास्टिक शीट के बने हैं. लोग आज भी सरकार और जिला प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें आवास योजना का लाभ मिलेगा और कब उनके घर शौचालय का निर्माण होगा.

district administration imposed fine
सरकारी योजना का लाभ नहीं

अधिकारियों से मिला सिर्फ आश्वासन
ग्रामीणों बताया कि गांव के सभी लोगों का लाल बीपीएल कार्ड बनाया गया और 3 डिसमिल जमीनी देने की बात कही गई, लेकिन आजतक उनको जमीन नहीं मिली हैं आवास योजना के लिए अधिकारियों से कई बार सिर्फ आश्वासन मिला लेकिन योजना का लाभ नही मिल सका. यही नहीं कुदरा को ओडीएफ घोषित करने के वक्त बीडीओ ने शौचालय के लिए गड्डा भी बनवाया लेकिन शौचालय का निर्माण आजतक नहीं हो सका.

district administration imposed fine
घर मिट्टी, फूस और प्लास्टिक शीट के बने घर

जिला प्रशासन का फरमान बना जी का जंजाल
ग्रामीणों ने बताया कि उनकी दलित बस्ती में किसी को भी एक भी सरकारी योजना का लाभ नही मिलता हैं. शौचालय बनवाने के लिए पैसा नही हैं. दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने खुले में शौच करते पकड़े जाने पर एक हजार रुपये तक का जुर्माना लगा दिया हैं. ऐसे में ग्रामीणों के लिए जिला प्रशासन का यह फरमान जी का जंजाल बन गया है.

पेश है रिपोर्ट

खुले में शौच पर एक हजार रुपये तक जुर्माना
डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने कहा कि जहां शौचालय का निर्माण नही हो सका हैं वहां जल्द निर्माण कराया जाएगा. हालांकि उन्होंने कहा कि 19 सिंतबर से खुले में शौच करने पर एक हजार रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान भी लाया गया हैं. जो व्यक्ति ऐेसे लोगों की सूचना देगा उसे जुर्माने की 10 फीसदी राशि जिला प्रशासन द्वारा दी जायेगी.

Intro:कैमूर।

कुदरा प्रखंड के सकरी गांव के दलित बस्ती ( मुसहर टोला) के लोगों को ग्रामीण लोहिया स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का लाभ नही मिला हैं। इधर कैमूर जिला प्रशासन से जिले के पूर्ण ओडीएफ घोषित कर दिया हैं और अब खुले में शौच करने पर 1 हजार तक जुर्माना वसूलने की तैयारी हो रही हैं। ऐसे में 200 आबादी वाले इस दलित बस्ती के लोगों की क्या गलती जब जिला जिला प्रशासन की उन्हें सरकारी सुविधा मुहैया कराने में नाकाम रहा हैं।


Body:आपकों बतादें कि कुदरा प्रखंड के सकरी गांव के मुसहर बस्ती की आबादी लगभग 200 लोगों की हैं। लेकिन एनएच 2 से महज कुछ दूरी पर बने इस टोले पर आजतक किसी नेता , मंत्री और प्रशासन की न पड़ी हैं। आलम यह हैं कि 21 सदी में भी यहां के बच्चों को स्कूल नसीब नही हैं टोले का एक भी बच्चा स्कूल नही जाता हैं। पूरे टोले में सिर्फ एक घर में शौचालय हैं। जबकि टोले का 90 प्रतिशत घर मिट्टी , फुस और प्लास्टिक शीट के बने हुए हैं। विकास से कोषों दूर और खुले में शौचमुक्त कैमूर को मुंह चिढ़ाता यह दलित बस्ती आज भी सरकार और जिला प्रशासन से यही उम्मीद लागये बैठे हैं कि न जाने कब उन्हें आवास योजना का लाभ मिलेगा कब उनके घर शौचालय का निर्माण होगा।

ग्रामीणों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि गांव के सभी लोगों का लाल बीपीएल कार्ड बनाया गया और 3 डिसमिल जमीनी देने की बात कही गई लेकिन आजतक उनके जमीनी नही मिली हैं। आवास योजना के लिए अधिकारियों से कई बार आश्वासन मिला लेकिन योजना का लाभ नही मिल सका। यही नही कुदरा को ओडीएफ घोषित करने के वक़्त तो बीडीओ ने शौचालय के लिए गड्डा भी बनवाया लेकिन शौचालय का निर्माण आजतक न हो सका।

ईटीवी भारत से अपना दुःख दर्द गाते हुए ग्रामीणों ने बताया कि उनके दलित बस्ती में किसी को भी एक भी सरकारी योजना का लाभ नही मिलता हैं। शौचालय बनवाने के लिए पैसा नही हैं कि शौचालय का निर्माण करवाया सके। ग्रामीणों ने बताया कि घर की बहू बेटियां भी खुले में शौच करने के लिए बेवस हैं। दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने खुले में शौच करते वक़्त पकड़े जाने पर एक हजार रुपये तक का जुर्माना लगा दिया हैं। ऐसे में ग्रामीणों के लिए जिला प्रशासन का यह फरमान जी का जंजाल बना हुआ हैं। ग्रामीणों ने बताया कि एक तो जिला प्रशासन द्वारा किसी सरकारी का लाभ नही दिया जा रहा हैं दूसरी तरफ खुले में शौच करने पर फाइन वसूलने की तैयारी की जा रही हैं। ऐसे में खुले में शौच करना ग्रामीणों की मजबूरी हैं ऐसे में गलती जिला प्रशासन की है या ग्रामीणों की किस की हैं इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।


Conclusion:कैमूर डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने एक प्रेसवार्ता में कहा हैं कि जहाँ शौचालय का निर्माण नही हो सका हैं वहाँ निर्माण कराया जाएगा। वैसे शौचालय निर्माण को पूरा कर लिया गया हैं और जिले को ओडीएफ भी घोषित किया जा चुका हैं। यही नही आगामी 19 सिंतबर से खुले में शौच करने पर एक हजार रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान भी लाया गया हैं। जो व्यक्ति खुले में शौच कर रहे लोगों की सूचना देगा उसे जुर्माना की 10 प्रतिशत राशि जिला प्रशासन द्वारा दी जायेगी। पहले बार पकड़े जाने पर 200 रुपये का होगा जुर्माना।
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