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कोरोना मरीजों की मदद के लिए 24x7 एक्टिव है कोविड कंट्रोल रूम, VC पर पेशेंट को दिया जा रहा परामर्श

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Published : Jul 30, 2020, 6:20 PM IST

ईटीवी भारत की रियलिटी चेक के दौरान कैमूर का कोविड कंट्रोल रूम 24 घंटे चालू पाया गया. यहां बड़ी मुस्तैदी से काम हो रहा है. वीडियो कॉल पर कोविड पेशेंट को परामर्श दिया जा रहा है.

कोविड कंट्रोल रूम
कोविड कंट्रोल रूम

कैमूर: जिले में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आंकड़ा 500 पार हो चुका है. तेजी से बढ़ते कोरोना केस के बीच डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कोविड कंट्रोल रूम का शुभारंभ किया. जहां डॉक्टरों की टीम 3 शिफ्टों में तैनात होकर कोरोना मरीजों की मदद के लिए तत्पर नजर आ रही है.

ईटीवी भारत ने जब जिला कंट्रोल रूम का रियलिटी चेक किया तो जिला नियंत्रण कक्ष इसमें पूरी तरह से पास हुआ. कॉलेक्ट्रेट स्थित डीडीसी ऑफिस में बने कंट्रोल रूम में ईटीवी भारत की टीम ने अचानक पहुंचकर कोविड कक्ष का जायजा लिया तो डॉक्टरों की टीम अलर्ट मोड पर नजर आई. डॉक्टर मरीजों का हालचाल लेने में व्यस्त नजर आए.

kaimur
कैमूर कोविड कंट्रोल रूम

कैमूर में कोरोना
मौजूदा समय में जिले में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 151 हो गई है. करीब 350 मरीज बिल्कुल पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर वापस लौट चुके हैं. कैमूर का कोविड रिकवरी रेट 75 प्रतिशत से अधिक है. कोविड नियंत्रण कक्ष में बैठे डॉक्टर ने बताया कि वीडियो कॉलिंग के माध्यम से प्रतिदिन मरीजों का न सिर्फ देखभाल किया जाता है बल्कि उन्हें आवश्यक परामर्श भी दिया जाता है.

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अलर्ट मोड पर है कोविड कंट्रोल रूम

वीडियो कॉलिंग कर की जाती है मदद
कोविड नियंत्रण कक्ष में बैठे डॉक्टर की मानें तो यदि मरीज को भी कोई परेशानी होती है तो प्रशासन की ओर से जारी नम्बर से संपर्क कर वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जुड़ सकते है. उन्होंने बताया कि वैसे कोविड पेशेंट जो आइसोलेशन सेन्टर में भर्ती है या होम आइसोलेशन पर हैं, उनकी निगरानी डॉक्टरों की टीम वर्चुअल तरीके से दिन-रात कर रही है.

रोजाना किया जाता है 2-3 बार कॉल
वहीं, टेलीकॉलर स्टाफ ने बताया कि प्रतिदिन प्रत्येक मरीज को 2-3 कंट्रोल रूम से खुद कॉल किया जाता है. उनका हालचाल जाना जाता है. इमरजेंसी होने और डॉक्टर को जानकारी दी जाती है और फिर वीडियो कॉल पर मरीज को कनेक्ट का परामर्श दिया जाता है. ज्यादा इमरजेंसी की स्थिति में सिविल सर्जन को सूचना दी जाती है और फिर उन्हें एम्बुलेंस भेजकर कोविड डेडिकेटेड वार्ड में शिफ्ट किया जाता है.

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डीएम ने दी जानकारी

डीएम ने दी जानकारी
इस बाबत डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. कहीं से कोई कमी नहीं है. जांच किट भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि प्रशासन का ये प्रयास है कि कोविड पेशेंट को सारी बेहतरीन सुविधाएं दी जाए ताकि जिले का रिकवरी रेट पूरा हो सके और कैमूर कोरोना मुक्त बन सके. उन्होंने बताया कि यदि कोई मरीज रेफेरल के लिए आग्रह करता है तो टेली मेडिसिन और परामर्श के माध्यम से डॉक्टर रेफर कर सकते हैं.

कैमूर: जिले में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आंकड़ा 500 पार हो चुका है. तेजी से बढ़ते कोरोना केस के बीच डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कोविड कंट्रोल रूम का शुभारंभ किया. जहां डॉक्टरों की टीम 3 शिफ्टों में तैनात होकर कोरोना मरीजों की मदद के लिए तत्पर नजर आ रही है.

ईटीवी भारत ने जब जिला कंट्रोल रूम का रियलिटी चेक किया तो जिला नियंत्रण कक्ष इसमें पूरी तरह से पास हुआ. कॉलेक्ट्रेट स्थित डीडीसी ऑफिस में बने कंट्रोल रूम में ईटीवी भारत की टीम ने अचानक पहुंचकर कोविड कक्ष का जायजा लिया तो डॉक्टरों की टीम अलर्ट मोड पर नजर आई. डॉक्टर मरीजों का हालचाल लेने में व्यस्त नजर आए.

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कैमूर कोविड कंट्रोल रूम

कैमूर में कोरोना
मौजूदा समय में जिले में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 151 हो गई है. करीब 350 मरीज बिल्कुल पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर वापस लौट चुके हैं. कैमूर का कोविड रिकवरी रेट 75 प्रतिशत से अधिक है. कोविड नियंत्रण कक्ष में बैठे डॉक्टर ने बताया कि वीडियो कॉलिंग के माध्यम से प्रतिदिन मरीजों का न सिर्फ देखभाल किया जाता है बल्कि उन्हें आवश्यक परामर्श भी दिया जाता है.

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अलर्ट मोड पर है कोविड कंट्रोल रूम

वीडियो कॉलिंग कर की जाती है मदद
कोविड नियंत्रण कक्ष में बैठे डॉक्टर की मानें तो यदि मरीज को भी कोई परेशानी होती है तो प्रशासन की ओर से जारी नम्बर से संपर्क कर वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जुड़ सकते है. उन्होंने बताया कि वैसे कोविड पेशेंट जो आइसोलेशन सेन्टर में भर्ती है या होम आइसोलेशन पर हैं, उनकी निगरानी डॉक्टरों की टीम वर्चुअल तरीके से दिन-रात कर रही है.

रोजाना किया जाता है 2-3 बार कॉल
वहीं, टेलीकॉलर स्टाफ ने बताया कि प्रतिदिन प्रत्येक मरीज को 2-3 कंट्रोल रूम से खुद कॉल किया जाता है. उनका हालचाल जाना जाता है. इमरजेंसी होने और डॉक्टर को जानकारी दी जाती है और फिर वीडियो कॉल पर मरीज को कनेक्ट का परामर्श दिया जाता है. ज्यादा इमरजेंसी की स्थिति में सिविल सर्जन को सूचना दी जाती है और फिर उन्हें एम्बुलेंस भेजकर कोविड डेडिकेटेड वार्ड में शिफ्ट किया जाता है.

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डीएम ने दी जानकारी

डीएम ने दी जानकारी
इस बाबत डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. कहीं से कोई कमी नहीं है. जांच किट भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि प्रशासन का ये प्रयास है कि कोविड पेशेंट को सारी बेहतरीन सुविधाएं दी जाए ताकि जिले का रिकवरी रेट पूरा हो सके और कैमूर कोरोना मुक्त बन सके. उन्होंने बताया कि यदि कोई मरीज रेफेरल के लिए आग्रह करता है तो टेली मेडिसिन और परामर्श के माध्यम से डॉक्टर रेफर कर सकते हैं.

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