कैमूर: लॉकडाउन के बीच ही त्योहार मनाए जा रहे हैं. 9 अप्रैल की रात को मुसलमान समुदाय के लिए इबादत और फजीलत की रात थी. ऐसे में जिला मुख्यालय भभुआ में बच्चों ने पूरी रात देश को कोरोना जैसे महामारी से मुक्ति दिलाने की दुआ की. इस्लामिक मान्यताओं की बात करें तो इस रात सच्चे दिल से इबादत की जाए तो अल्लाह इंसान को हर गुनाह माफ कर देता है.
वहीं, शब-ए-बारात के अगले दिन यानि इस साल 10 अप्रैल को कई मुस्लिम समुदाय के लोगो से रोजा रखा है. मान्यता है कि रोजा रखने से इंसान के पिछली शब-ए-बारात से लेकर इस शब-ए-बारात तक के सभी गुनाह माफ कर दिए जाते हैं. कोरोना महामारी के बीच लोगों ने शब-ए-बरात घर पर ही इबादत कर मनाई.
कोरोना के खात्मे की मांगी दुआ
बता दें कि लॉक डाउन के समर्थन में जिला मुख्यालय भभुआ सहित जिले के अन्य प्रखंडों में मुस्लिम कमेटियों ने कब्रिस्तान और खानकाह को बन्द कर दिया गया था. ऐसे में जिले के तमाम मुस्लिम लोगों ने घर पर दुआ की. मो. आमिर और आशिफ ने बताया कि कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ते जा रहा है ऐसे में उन्होंने पूरी रात दुआ किया है कि इस महामारी से खुदा देश की इफाजत करें और सभी की रक्षा करें.