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कैमूर पंचायत में हाई स्कूल की दरकार, पढ़ाई के लिए नाव से UP जाने को मजबूर 7 गांव के बच्चे

कैमूर (Kaimur) जिले के धड़हर पंचायत में उच्च शिक्षा के लिए स्कूल नहीं है. सैकड़ों बच्चे नाव पर सवार होकर नदी पार कर पढ़ने के लिए यूपी जाते हैं. नदी में नाव पलटने से कई बार बच्चों के साथ हादसा भी हो चुका है. बावजूद इसके बिहार सरकार ने अब भी आंखें मूंद रखी हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

हाई स्कूल की दरकार
हाई स्कूल की दरकार
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Published : Nov 21, 2021, 10:20 PM IST

Updated : Nov 21, 2021, 10:53 PM IST

कैमूर: देश का भविष्य बच्चे हैं और बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए परिजन भी कड़ी मेहनत कर उन्हें स्कूल भेजते हैं, लेकिन बिहार सरकार की आंखें अभी भी शिक्षा को लेकर खुल नहीं रही है. ताजा मामला कैमूर (Kaimur) जिले के दुर्गावती प्रखंड का है, जहां धड़हर पंचायत में करीब 7 गांव के सैकड़ों बच्चे और बच्चियां उच्च शिक्षा पाने के लिए जान जोखिम में डाल नाव पर सवार होकर पड़ोसी राज्य यूपी के चंदौली जिले में स्थित भुजना के राजकुमार इंटर कॉलेज मे पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें- 21वीं सदी में भी नाव के सहारे कट रही हजारों जिंदगी, मतदान में भी नाव ही सहारा

दोनों राज्यों को जोड़ने वाली इस नदी पर भी पुल का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे यहां के छात्र-छात्राओं सहित ग्रामीण लोगों को भी परेशानी होती है. अगर सरकार इस नदी पर पुलिया का निर्माण भी करा दें, तो नाव का झंझट ही खत्म हो जाएगा और बच्चे भी सुरक्षित विद्यालय पढ़ने के लिए पहुंच सकेंगे. इसके पहले भी कई बार बच्चों से भरी नाव नदी में पलटने से बड़ा हादसा हो चुकी हैं, लेकिन सरकार को यह नहीं दिखता है.

देखें रिपोर्ट

बता दें कि धड़हर पंचायत में उच्च शिक्षा पाने के लिए एक भी उच्च स्तरीय विद्यालय का निर्माण नहीं किया गया है. विद्यालय बना भी है तो सिर्फ आठवीं तक ही बना है. इस पंचायत के रहने वाले जानकार लोगों ने बताया कि दुर्गावती प्रखंड में उच्च शिक्षा के लिए विद्यालय की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है, जो कि बच्चे वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं. पिछले 40 से 50 वर्षों से धड़हर स्थित कान्हपुर गांव के रास्ते लगभग 7 गांव के छात्र और छात्राओं को जान जोखिम में डालकर कर्मनाशा नदी को पार कर यूपी के भुजना विद्यालय में शिक्षा के लिए जाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- Live Video: निर्दयी मां ने पहले 2 बच्चों को कुएं में फेंका, फिर खुद भी कूदकर दे दी जान

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जो कैनाल पंप का इस नदी पर निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन पुलिया का निर्माण के लिए अभी भी ख्वाहिश अधूरी की अधूरी ही रह गई है. इस समस्या को लेकर 12वीं की छात्रा नीतू कुमारी के साथ 10वीं की छात्रा नेहा कुमारी, सुहानी कुमारी, छात्र प्रिंस यादव, रोशन यादव ने बताया कि ''हम लोग कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड स्थित धड़हर पंचायत के रहने वाले हैं. हम लोगों के पंचायत में एक भी उच्च स्तरीय विद्यालय नहीं है, जिसके कारण हम लोग जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे कर्मनाशा नदी को पार कर उत्तर प्रदेश पढ़ने के लिए जाते हैं.''

वहीं, कई छात्रों ने बताया कि इसके पहले एक दो बार नाव पलटने से बड़ा हादसा भी हो चुका है, इसलिए हम लोगों को काफी डर लगता है. हम लोग सरकार से मांग करते हैं कि सरकार उच्च स्तरीय विद्यालय की व्यवस्था करा दे या फिर इस नदी पर पुलिया का निर्माण करा दें, ताकि हम लोगों के भविष्य पर खतरा न बने. हम लोग सुरक्षित विद्यालय तक पढ़ने के लिए पहुंच पाए.

ये भी पढ़ें- सीतामढ़ी : जान जोखिम में डाल क्षतिग्रस्त पुल पार कर रहे लोग, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

''हमारे पंचायत में सिर्फ प्राइमरी स्कूल है, इसलिए बच्चे पढ़ने के लिए यूपी जाते हैं. इस मुद्दे को लेकर सरकार से कई बार आवाज उठाया गया, लेकिन अभी तक सरकार इस पर कोई अमल नहीं किया. कई बार बच्चों से भरी नाव पलटने से हादसा भी हो चुका है, लेकिन सरकार और प्रशासन दोनों अपनी आंखें बंद की हुई है.''- भाई चंद्र रावत, निवर्तमान मुखिया, धड़हर पंचायत

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कैमूर: देश का भविष्य बच्चे हैं और बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए परिजन भी कड़ी मेहनत कर उन्हें स्कूल भेजते हैं, लेकिन बिहार सरकार की आंखें अभी भी शिक्षा को लेकर खुल नहीं रही है. ताजा मामला कैमूर (Kaimur) जिले के दुर्गावती प्रखंड का है, जहां धड़हर पंचायत में करीब 7 गांव के सैकड़ों बच्चे और बच्चियां उच्च शिक्षा पाने के लिए जान जोखिम में डाल नाव पर सवार होकर पड़ोसी राज्य यूपी के चंदौली जिले में स्थित भुजना के राजकुमार इंटर कॉलेज मे पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें- 21वीं सदी में भी नाव के सहारे कट रही हजारों जिंदगी, मतदान में भी नाव ही सहारा

दोनों राज्यों को जोड़ने वाली इस नदी पर भी पुल का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे यहां के छात्र-छात्राओं सहित ग्रामीण लोगों को भी परेशानी होती है. अगर सरकार इस नदी पर पुलिया का निर्माण भी करा दें, तो नाव का झंझट ही खत्म हो जाएगा और बच्चे भी सुरक्षित विद्यालय पढ़ने के लिए पहुंच सकेंगे. इसके पहले भी कई बार बच्चों से भरी नाव नदी में पलटने से बड़ा हादसा हो चुकी हैं, लेकिन सरकार को यह नहीं दिखता है.

देखें रिपोर्ट

बता दें कि धड़हर पंचायत में उच्च शिक्षा पाने के लिए एक भी उच्च स्तरीय विद्यालय का निर्माण नहीं किया गया है. विद्यालय बना भी है तो सिर्फ आठवीं तक ही बना है. इस पंचायत के रहने वाले जानकार लोगों ने बताया कि दुर्गावती प्रखंड में उच्च शिक्षा के लिए विद्यालय की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है, जो कि बच्चे वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं. पिछले 40 से 50 वर्षों से धड़हर स्थित कान्हपुर गांव के रास्ते लगभग 7 गांव के छात्र और छात्राओं को जान जोखिम में डालकर कर्मनाशा नदी को पार कर यूपी के भुजना विद्यालय में शिक्षा के लिए जाना पड़ता है.

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सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जो कैनाल पंप का इस नदी पर निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन पुलिया का निर्माण के लिए अभी भी ख्वाहिश अधूरी की अधूरी ही रह गई है. इस समस्या को लेकर 12वीं की छात्रा नीतू कुमारी के साथ 10वीं की छात्रा नेहा कुमारी, सुहानी कुमारी, छात्र प्रिंस यादव, रोशन यादव ने बताया कि ''हम लोग कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड स्थित धड़हर पंचायत के रहने वाले हैं. हम लोगों के पंचायत में एक भी उच्च स्तरीय विद्यालय नहीं है, जिसके कारण हम लोग जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे कर्मनाशा नदी को पार कर उत्तर प्रदेश पढ़ने के लिए जाते हैं.''

वहीं, कई छात्रों ने बताया कि इसके पहले एक दो बार नाव पलटने से बड़ा हादसा भी हो चुका है, इसलिए हम लोगों को काफी डर लगता है. हम लोग सरकार से मांग करते हैं कि सरकार उच्च स्तरीय विद्यालय की व्यवस्था करा दे या फिर इस नदी पर पुलिया का निर्माण करा दें, ताकि हम लोगों के भविष्य पर खतरा न बने. हम लोग सुरक्षित विद्यालय तक पढ़ने के लिए पहुंच पाए.

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''हमारे पंचायत में सिर्फ प्राइमरी स्कूल है, इसलिए बच्चे पढ़ने के लिए यूपी जाते हैं. इस मुद्दे को लेकर सरकार से कई बार आवाज उठाया गया, लेकिन अभी तक सरकार इस पर कोई अमल नहीं किया. कई बार बच्चों से भरी नाव पलटने से हादसा भी हो चुका है, लेकिन सरकार और प्रशासन दोनों अपनी आंखें बंद की हुई है.''- भाई चंद्र रावत, निवर्तमान मुखिया, धड़हर पंचायत

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Last Updated : Nov 21, 2021, 10:53 PM IST
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