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जंगल के रास्ते बच्चों को पढ़ने जाना पड़ता था 6 KM दूर, लोगों ने चंदा कर बनवाया स्कूल - Charity school

कैमूर जिले के देउवा गांव में पहले स्कूल नहीं था. गांव के बच्चों को पढ़ने के लिए जंगल के रास्ते 6 किलोमीटर दूर दूसरे गांव के स्कूल में जाना पड़ता था. इसके चलते ग्रामीणों ने चंदा कर झोपड़ी का स्कूल बना दिया. अब गांव के लोग सरकार से स्कूल भवन बनाने की मांग कर रहे हैं.

school kaimur
झोपड़ी स्कूल
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Published : Mar 27, 2021, 6:02 PM IST

कैमूर (भभुआ): कैमूर पहाड़ी के देउवा गांव में बच्चे झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर हैं. पहले गांव में स्कूल नहीं था. दूसरे गांव में स्कूल है, लेकिन वह 6 किलोमीटर दूर है. वहां तक जाने का रास्ता भी खराब था.

यह भी पढ़ें- बिहार के सरकारी स्कूलों में 20 लाख से अधिक एडमिशन का टारगेट, मिल रहा अच्छा रिस्पांस

ऐसे में देउवा गांव के लोगों ने चंदा कर गांव में झोपड़ी का स्कूल बना दिया और एक निजी शिक्षक भी रख दिया. इस स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. स्कूल चलता रहे इसके लिए गांव के लोग 100- 200 रुपए प्रति बच्चा प्रति माह चंदा देते हैं.

देखें वीडियो

ग्रामीणों की मांग, सरकार बनाए स्कूल भवन
गांव के लोग बताते हैं कि पहले स्कूल गांव से काफी दूर था और जंगली रास्ता होने से बच्चों को आने जाने में काफी परेशानी होती थी. हर समय डर बना रहता था कि कहीं कोई घटना न हो जाए, जिसके बाद गांव में बैठक किया गया.

Hut school
झोपड़ी वाले स्कूल में पढ़ने आए बच्चे.

बैठक में तय हुआ कि गांव में ही स्कूल खोल दिया जाए. इसके बाद ग्रमीणों ने चंदे से झोपड़ी बना दिया और इसमें बच्चे पढ़ने लगे. गांव के लोगों ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार स्कूल का भवन बनाए.

school kaimur
गांव के लोगों ने चंदा कर यह स्कूल बनाया है.

यह भी पढ़ें- इस गांव में स्कूल के नाम पर है सिर्फ बिल्डिंग, 200 नौनिहालों का भविष्य अंधकार में

कैमूर (भभुआ): कैमूर पहाड़ी के देउवा गांव में बच्चे झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर हैं. पहले गांव में स्कूल नहीं था. दूसरे गांव में स्कूल है, लेकिन वह 6 किलोमीटर दूर है. वहां तक जाने का रास्ता भी खराब था.

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ऐसे में देउवा गांव के लोगों ने चंदा कर गांव में झोपड़ी का स्कूल बना दिया और एक निजी शिक्षक भी रख दिया. इस स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. स्कूल चलता रहे इसके लिए गांव के लोग 100- 200 रुपए प्रति बच्चा प्रति माह चंदा देते हैं.

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ग्रामीणों की मांग, सरकार बनाए स्कूल भवन
गांव के लोग बताते हैं कि पहले स्कूल गांव से काफी दूर था और जंगली रास्ता होने से बच्चों को आने जाने में काफी परेशानी होती थी. हर समय डर बना रहता था कि कहीं कोई घटना न हो जाए, जिसके बाद गांव में बैठक किया गया.

Hut school
झोपड़ी वाले स्कूल में पढ़ने आए बच्चे.

बैठक में तय हुआ कि गांव में ही स्कूल खोल दिया जाए. इसके बाद ग्रमीणों ने चंदे से झोपड़ी बना दिया और इसमें बच्चे पढ़ने लगे. गांव के लोगों ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार स्कूल का भवन बनाए.

school kaimur
गांव के लोगों ने चंदा कर यह स्कूल बनाया है.

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