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कैमूर: एक समरसेबल पंप के सहारे पानी पी हैं 650 लोग, नल जल योजना यहां सिर्फ छलावा - nal jal yojna fails in Kaimur

चैनपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सिकंदरपुर स्थित वार्ड नंबर 13 में 650 लोग एक समरसेबल के जरिए पानी पीने को विवश हैं. यहां के लोगों को नल-जल योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है.

650 people drinking water with a summersable pump in kaimur
650 people drinking water with a summersable pump in kaimur
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Published : Apr 5, 2021, 11:06 PM IST

कैमूर: जिले में एक ऐसा गांव है जहां के लोग सिर्फ एक समरसेबल पंप से पानी पीने को विवश हैं. यहां पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्यच योजना के तहत हर घर नल का जल भी नहीं पहुंच रहा है. हम बात कर रहे हैं चैनपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सिकंदरपुर स्थित वार्ड नंबर 13 की.

इस अनुसूचित जनजाति बस्ती के लगभग साढ़े छह सौ लोग मात्र एक समरसेबल पंप के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. आलम यह है कि समरसेबल पंप के पास दिनभर स्थानीय लोगों का पानी भरने के लिए जमावड़ा लगा हुआ रहता है. कभी-कभी तो पानी भरने के लिए लोग आपस में ही उलझ जाते हैं.

650 people drinking water with a summersable pump in kaimur
सड़क पर लगा रहता है हमेशा पानी

लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
समरसेबल पंप को कभी भी बंद नहीं किया जाता है. हालांकि इस वार्ड में नल जल योजना के तहत कार्य करवाया गया है. लेकिन वो सिर्फ दिखावे के लिए है. यहां के लोगों को उसका लाभ कुछ भी नहीं मिल पाता है.

नल जल योजना बस छलावा
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस वार्ड में लगभग डेढ़ वार्ष पहले नल जल योजना के तहत पानी की टंकी लगाई गई थी. उसी समय कुछ घरों में पानी सप्लाई किया गया. लेकिन एक या दो दिनों में सप्लाई बंद हो गई. शुरुआत के समय में ही एक से दो दिन पंप चलने के बाद खराब हो गया. इस तरह से नल जल योजना से पानी मिलना यहां के लोगों के लिए बस एक छलाला साबित हुआ.

संवेदक पर आरोप
इसके अलावा लोगों ने बताया कि वो पानी सप्लाई के लिए पंप को ठीक करने और लोगों के घरों तक पानी पुहंचाने के लिए कई बार संवेदक से शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. लोगों ने संवेदक पर आरोप लगाया कि वो पैसे का उठाव कर घटिया सामान लगा दिया और सारा पैसा खुद खा गया.

समरसेबल है एक मात्र सहारा
इसके साथ ही गांव में कम चापाकल को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि पानी का लेयर नीचे चले जाने के कारण सभी चापाकल सूख गए हैं. गांव के पूर्व मुखिया ने इस समरसेबल को मंदरि के इस्तेमाल के लिए लगवाया था. जो कि आज यहां के लोगों के लिए सहारा बना है.

मुखिया की उदासीनता के कारण लोग लाचार
समरसेबल से दिनभर निकलते पानी के कारण इस वार्ड में जाने वाली मुख्य सड़क पर हमेशा जलजमाव रहता है. इससे लोगों को काफी परेशानी होती है. लेकिन यहां के वार्ड सदस्य और मुखिया की उदासीनता के कारण लोग लाचार है.

जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन
इस वॉर्ड में नाकाम नल जल योजना की पूरी जानकारी देने के बाद चैनपुर बीडीओ राजेश कुमार ने कहा कि स्थानीय लोगों ने इस तरह की जानकारी कभी भी प्रखंड कार्यालय में नहीं दी है. अगर ऐसी समस्या है तो ग्रामीणों से आवेदन प्राप्त होते ही पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

कैमूर: जिले में एक ऐसा गांव है जहां के लोग सिर्फ एक समरसेबल पंप से पानी पीने को विवश हैं. यहां पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्यच योजना के तहत हर घर नल का जल भी नहीं पहुंच रहा है. हम बात कर रहे हैं चैनपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सिकंदरपुर स्थित वार्ड नंबर 13 की.

इस अनुसूचित जनजाति बस्ती के लगभग साढ़े छह सौ लोग मात्र एक समरसेबल पंप के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. आलम यह है कि समरसेबल पंप के पास दिनभर स्थानीय लोगों का पानी भरने के लिए जमावड़ा लगा हुआ रहता है. कभी-कभी तो पानी भरने के लिए लोग आपस में ही उलझ जाते हैं.

650 people drinking water with a summersable pump in kaimur
सड़क पर लगा रहता है हमेशा पानी

लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
समरसेबल पंप को कभी भी बंद नहीं किया जाता है. हालांकि इस वार्ड में नल जल योजना के तहत कार्य करवाया गया है. लेकिन वो सिर्फ दिखावे के लिए है. यहां के लोगों को उसका लाभ कुछ भी नहीं मिल पाता है.

नल जल योजना बस छलावा
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस वार्ड में लगभग डेढ़ वार्ष पहले नल जल योजना के तहत पानी की टंकी लगाई गई थी. उसी समय कुछ घरों में पानी सप्लाई किया गया. लेकिन एक या दो दिनों में सप्लाई बंद हो गई. शुरुआत के समय में ही एक से दो दिन पंप चलने के बाद खराब हो गया. इस तरह से नल जल योजना से पानी मिलना यहां के लोगों के लिए बस एक छलाला साबित हुआ.

संवेदक पर आरोप
इसके अलावा लोगों ने बताया कि वो पानी सप्लाई के लिए पंप को ठीक करने और लोगों के घरों तक पानी पुहंचाने के लिए कई बार संवेदक से शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. लोगों ने संवेदक पर आरोप लगाया कि वो पैसे का उठाव कर घटिया सामान लगा दिया और सारा पैसा खुद खा गया.

समरसेबल है एक मात्र सहारा
इसके साथ ही गांव में कम चापाकल को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि पानी का लेयर नीचे चले जाने के कारण सभी चापाकल सूख गए हैं. गांव के पूर्व मुखिया ने इस समरसेबल को मंदरि के इस्तेमाल के लिए लगवाया था. जो कि आज यहां के लोगों के लिए सहारा बना है.

मुखिया की उदासीनता के कारण लोग लाचार
समरसेबल से दिनभर निकलते पानी के कारण इस वार्ड में जाने वाली मुख्य सड़क पर हमेशा जलजमाव रहता है. इससे लोगों को काफी परेशानी होती है. लेकिन यहां के वार्ड सदस्य और मुखिया की उदासीनता के कारण लोग लाचार है.

जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन
इस वॉर्ड में नाकाम नल जल योजना की पूरी जानकारी देने के बाद चैनपुर बीडीओ राजेश कुमार ने कहा कि स्थानीय लोगों ने इस तरह की जानकारी कभी भी प्रखंड कार्यालय में नहीं दी है. अगर ऐसी समस्या है तो ग्रामीणों से आवेदन प्राप्त होते ही पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

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