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जहानाबादः कांग्रेस नेताओं ने सदर अस्पताल का लिया जायजा, हालत पर जताई चिंता

जिला कांग्रेस इकाई ने सदर अस्पताल का जायजा लिया. उसके बाद उन्होंने अस्पाल की स्थिति पर चिंता जताई.

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Published : Mar 13, 2020, 1:19 PM IST

जहानाबाद: जिला कांग्रेस इकाई ने सदर अस्पताल की बदहाली पर चिंता जताई है. कांग्रेस ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर, बेड और एंबुलेंस की संख्या तय मानक से बहुत कम हैं. सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. इस संबंध में पार्टी 13 मार्च को सिविल सर्जन के कार्यालय के बाहर धरना भी दे रही है.

अस्पताल में 57 की जगह मात्र 31 डॉक्टर
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हरिनारायण त्रिवेदी ने कहा कि पार्टी नेताओं ने सदर अस्पताल का जायजा लिया. इस दौरान अस्पाल में कई खामियां देखने को मिली. उन्होंने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों के लिए 57 पद सृजित हैं, जबकि फिलहाल महज 31 डॉक्टर ही सेवा दे रहे हैं. इसके अलावा यहां 300 बेड की जगह मात्र 100 बेड से ही काम चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं मरीजों के लिए 7 एंबुलेंस का प्रावधान किए हैं, लेकिन मरीजों को 4 एंबुलेंसों का ही लाभ मिल रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'सदर अस्पताल को दुरुस्त करे सरकार'
हरिनारायण त्रिवेदी ने कहा कि 2017 में ही सदर अस्पताल के भवन को जर्जर करार दिया गया था. यह कभी भी गिर सकता है. लेकिन अगाह किए जाने के 3 साल बाद भी उसी भवन में अस्पताल चल रहा है. कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. उन्होंने सरकार से अस्पताल की स्थिति में सुधार लाने की मांग की. इस संबंध में कांग्रेस सिविल सर्जन और जिलाधिकारी को मांगों का ज्ञापन भी सौंपेगी.

जहानाबाद: जिला कांग्रेस इकाई ने सदर अस्पताल की बदहाली पर चिंता जताई है. कांग्रेस ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर, बेड और एंबुलेंस की संख्या तय मानक से बहुत कम हैं. सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. इस संबंध में पार्टी 13 मार्च को सिविल सर्जन के कार्यालय के बाहर धरना भी दे रही है.

अस्पताल में 57 की जगह मात्र 31 डॉक्टर
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हरिनारायण त्रिवेदी ने कहा कि पार्टी नेताओं ने सदर अस्पताल का जायजा लिया. इस दौरान अस्पाल में कई खामियां देखने को मिली. उन्होंने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों के लिए 57 पद सृजित हैं, जबकि फिलहाल महज 31 डॉक्टर ही सेवा दे रहे हैं. इसके अलावा यहां 300 बेड की जगह मात्र 100 बेड से ही काम चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं मरीजों के लिए 7 एंबुलेंस का प्रावधान किए हैं, लेकिन मरीजों को 4 एंबुलेंसों का ही लाभ मिल रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'सदर अस्पताल को दुरुस्त करे सरकार'
हरिनारायण त्रिवेदी ने कहा कि 2017 में ही सदर अस्पताल के भवन को जर्जर करार दिया गया था. यह कभी भी गिर सकता है. लेकिन अगाह किए जाने के 3 साल बाद भी उसी भवन में अस्पताल चल रहा है. कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. उन्होंने सरकार से अस्पताल की स्थिति में सुधार लाने की मांग की. इस संबंध में कांग्रेस सिविल सर्जन और जिलाधिकारी को मांगों का ज्ञापन भी सौंपेगी.

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