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कार्रवाई से आहत जीएनएम कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर किया काम

एंबुलेंस के अभाव में हुए बच्चे की मौत के बाद डीएम नवीन कुमार ने हेल्थ मैनेजर को सस्पेंड करने के साथ ही दो डॉक्टर और चार जीएनएम कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी. जिसके बाद चार एएनएम को जहानाबाद से मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया.

जहानाबाद
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Published : Jun 8, 2020, 6:39 PM IST

जहानाबाद: लॉकडाउन के दौरान एम्बुलेंस के अभाव में तीन वर्षीय बच्चे की मौत के मामले में चार जीएनएम कर्मचारियों कार्रवाई की गई है. कार्रवाई करते हुए उन्हें मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है. जिसके विरोध में सदर अस्पताल में तैनात जीएनएम कर्मियों ने सांकेतिक रूप से काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया.

जीएनएम कर्मचारियों ने बताया कि चार जीएनएम कर्मियों पर झूठा आरोप लगाकर उन्हें यहां से मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है. जिन्हें वापस लाने की मांग पर हमलोग काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं. साथ ही जिला प्रशासन को चेताते हुए जीएनएम कर्मचारियों ने कहा कि मांगें नहीं माने जाने पर हमलोग आगे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

एंबुलेंस के अभाव में हुई थी बच्चे की मौत
गौरतलब है कि, लॉकडाउन के दौरान 10 अप्रैल को अरवल के शाहपुर गांव निवासी गिरजेश कुमार के तीन वर्षीय पुत्र की इलाज के क्रम में मौत हो गई थी. मृतक के पिता ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उनके बीमार बच्चे को पटना रेफर तो कर दिया गया. लेकिन उन्हें एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराई गई. जिसके कारण बच्चे ने असमय अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया.

जहानाबाद
जीएनएम कर्मचारी

काली पट्टी बांधकर दर्ज कराया विरोध
मामला संज्ञान में आते ही डीएम नवीन कुमार ने हेल्थ मैनेजर को सस्पेंड करने के साथ ही दो डॉक्टर और चार जीएनएम कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी. जिसके बाद चार जीएनएम कर्मियों को जहानाबाद से मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. डीएम द्वारा एएनएम कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई के विरोध में स्वास्थ्यकर्मियों ने आज काली पट्टी बांधकर कर जिला प्रशासन के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया.

जहानाबाद: लॉकडाउन के दौरान एम्बुलेंस के अभाव में तीन वर्षीय बच्चे की मौत के मामले में चार जीएनएम कर्मचारियों कार्रवाई की गई है. कार्रवाई करते हुए उन्हें मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है. जिसके विरोध में सदर अस्पताल में तैनात जीएनएम कर्मियों ने सांकेतिक रूप से काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया.

जीएनएम कर्मचारियों ने बताया कि चार जीएनएम कर्मियों पर झूठा आरोप लगाकर उन्हें यहां से मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है. जिन्हें वापस लाने की मांग पर हमलोग काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं. साथ ही जिला प्रशासन को चेताते हुए जीएनएम कर्मचारियों ने कहा कि मांगें नहीं माने जाने पर हमलोग आगे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

एंबुलेंस के अभाव में हुई थी बच्चे की मौत
गौरतलब है कि, लॉकडाउन के दौरान 10 अप्रैल को अरवल के शाहपुर गांव निवासी गिरजेश कुमार के तीन वर्षीय पुत्र की इलाज के क्रम में मौत हो गई थी. मृतक के पिता ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उनके बीमार बच्चे को पटना रेफर तो कर दिया गया. लेकिन उन्हें एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराई गई. जिसके कारण बच्चे ने असमय अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया.

जहानाबाद
जीएनएम कर्मचारी

काली पट्टी बांधकर दर्ज कराया विरोध
मामला संज्ञान में आते ही डीएम नवीन कुमार ने हेल्थ मैनेजर को सस्पेंड करने के साथ ही दो डॉक्टर और चार जीएनएम कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी. जिसके बाद चार जीएनएम कर्मियों को जहानाबाद से मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. डीएम द्वारा एएनएम कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई के विरोध में स्वास्थ्यकर्मियों ने आज काली पट्टी बांधकर कर जिला प्रशासन के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया.

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